फैक्ट चेक

भारत के संदर्भ में सीवर टैंक की सफाई की वायरल तस्वीर बांग्लादेश की है

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि लोकगायिका नेहा सिंह राठौर और अन्य सोशल मीडिया यूजर द्वारा भारत के संदर्भ में शेयर की जा रही तस्वीर ढाका सिटी कॉरपोरेशन के एक सीवर क्लीनर को दिखाती है.

By -  Jagriti Trisha |

27 May 2025 7:14 PM IST

Fact Check on Photo of a man cleaning sewer

बीते दिनों नीति आयोग के सीईओ बीवी आर सुब्रह्मण्यम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.

इसके बाद सिंगर नेहा सिंह राठौर समेत कई सोशल मीडिया यूजर ने चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर तंज कसते हुए हाथ से सीवर की सफाई करते एक शख्स की तस्वीर शेयर की.

इस तस्वीर में एक आदमी बिना किसी सेफ्टी के सीवर टैंक की सफाई करता नजर आ रहा है.

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश की है, जिसे फोटो जर्नलिस्ट जाकिर हुसैन चौधरी ने अपने कैमरे में कैद किया था.

एक्स पर नेहा सिंह राठौर ने इसके साथ कैप्शन दिया, 'दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत. जापान को छोड़ा पीछे; हमसे आगे बस 3 देश.'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

इसी मिलते-जुलते दावे से फेसबुक पर भी कई यूजर ने तस्वीर को शेयर किया और लिखा, 'चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बावजूद आज भी सीवर की सफाई इसी तरह इंसान की जान जोखिम डालकर की जाती है.'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.



फैक्ट चेक: तस्वीर भ्रामक तरीके से हो रही है वायरल

रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें यह तस्वीर द गार्डियन की 3 मई 2017 की एक रिपोर्ट में मिली. द गार्डियन की यह रिपोर्ट फोटो सीरीज थी जिसमें ढाका के एक सीवर क्लीनर की तस्वीर समेत दुनिया भर से कुछ खास तस्वीरें शामिल थीं.

इसके साथ दी गई जानकारी मुताबिक, यह तस्वीर बांग्लादेश के ढाका सिटी कॉरपोरेशन के एक सीवर क्लीनर को दिखाती है, जो बिना सुरक्षा उपकरणों के सफाई कर रहा है. इसमें फोटो का क्रेडिट फोटोग्राफर जाकिर चौधरी को दिया गया था.



आगे हमें जाकिर हुसैन चौधरी के इंस्टाग्राम हैंडल पर भी मई 2017 की शेयर की गई यह तस्वीर मिली. उन्होंने भी इसके कैप्शन में इसे ढाका का ही बताया था, जहां हर साल मैनहोल कर्मचारियों की मौतों की संख्या में वृद्धि के बावजूद वे नियमित रूप से बिना किसी सुरक्षात्मक गियर के मैनहोल में उतरते हैं.


बांग्लादेश में सीवर सफाई से संबंधित विभिन्न खबरों में भी यह तस्वीर देखी जा सकती है. 3 मई 2017 की टेलीग्राफ और अमर उजाला की एक रिपोर्ट में इससे जुड़ीं अन्य तस्वीरें भी मौजूद हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यह तस्वीर तब की है जब बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारी बारिश और अपर्याप्त जल निकासी व्यवस्था के चलते भीषण बाढ़ आ गई थी. ऐसी स्थिति में सफाई के लिए मैनहोल कर्मचारियों को बिना किसी उचित सुरक्षा उपकरण के सीवर में उतरने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013

भारत में Prohibition of Employment as Manual Scavengers and their Rehabilitation Act के तहत परिभाषित मैनुअल स्कैवेंजिंग यानी हाथ से मैला ढोना या सीवरों की सफाई करना 2013 से ही प्रतिबंधित है. हालांकि बावजूद इसके अक्सर इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं. सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले के संसद में बताए गए आकंड़ों के अनुसार, भारत में 2019 से 2023 के बीच सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय 377 लोगों की मौत हुई है.


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