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फैक्ट चेक

क्या इमरान खान ने गिरफ़्तारी से पहले पाकिस्तान सरकार के साथ किया था यह करार? फ़ैक्ट चेक

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल लेटर हेड फ़र्ज़ी है और गिरफ़्तारी से पहले पाकिस्तान सरकार एवं इमरान खान के बीच ऐसा कोई करार नहीं हुआ था.

By -  Hazel Gandhi |

25 May 2023 4:04 PM IST

बीते 9 मई 2023 को पड़ोसी देश पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ़्तार कर लिया गया था. हालांकि दो दिन बाद ही इस्लामबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान को जमानत दे दी वहीं पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इस गिरफ़्तारी को अवैध और गैर क़ानूनी भी बताया था. इमरान खान की गिरफ़्तारी के बाद पाकिस्तान में हालात काफ़ी तनावपूर्ण हो गए थे. 

अब इस पूरे मामले से जोड़कर सोशल मीडिया पर इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी का एक कथित लेटर हेड भी वायरल हो रहा है. कथित लेटर हेड के अनुसार इमरान खान ने जेल में सुरक्षित तरीके से रखे जाने को लेकर पाकिस्तान सरकार से करार किया था और इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी.

हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल लेटर हेड फ़र्ज़ी है और गिरफ़्तारी से पहले पाकिस्तान सरकार एवं इमरान खान के बीच ऐसा कोई करार नहीं हुआ था.

अंग्रेज़ी में लिखे इस वायरल लेटर हेड में सबसे ऊपर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) पार्टी का नाम और उसका लोगो मौजूद है. साथ ही लेटर ज़ारी करने की तारीख़ 8 मई 2023 लिखी हुई है. वहीं सबसे नीचे पीटीआई की तरफ़ से इमरान अहमद खान नियाज़ी, पाकिस्तान के आंतरिक सचिव युसूफ नसीम खोखर और संयुक्त राज्य अमेरिका के सचिव डोनाल्ड ब्लोम के हस्ताक्षर मौजूद हैं.

वहीं लेटर हेड में तीन बिंदुओं में इमरान खान और पाकिस्तान सरकार के बीच हुए क़रार को दर्शाया गया है. जिसके अनुसार,

    1.पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के अध्यक्ष इमरान खान अहमद नियाजी को पूछताछ के दौरान नंगा होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा.

    2. किसी को भी ये इजाजत नहीं दी जाएगी कि वो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के अध्यक्ष इमरान खान अहमद नियाजी का रेप करें. खासकर तब जब वो बवासीर के मरीज हैं.

    3. इमरान खान अहमद नियाजी को किसी भी तरह के बांस, सरिया और डंडे से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा.

फ़ेसबुक पर वायरल लेटर हेड को बीते दो दिनों में एक ख़ास और लंबे कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा हुआ है “इमरान खान ने मध्यस्थता समझौते में 2 नंबर पर शर्त लिखावाई है कि, उसका हिरासत में रेप न किया जाये क्योंकि उसे बवासीर है, मतलब वहां हिरासत में ये सब भी होता है ? पाकिस्तान मे इमरान साहब की गिरफ्तारी के समय वकील को कोर्ट मे शर्त रखनी पडी कि, इमरान की उम्र ओर दैश का प्रधानमंत्री का ओहदा देखकर इमरान को पुलिस कस्टडी मे होने वाले बलात्कार से बक्शा जाये, साथ ही बवासीर की बिमारी का सर्टिफिकेट भी लगाया”.



वायरल लेटर हेड से जुड़े अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल लेटर हेड की पड़ताल के लिए सबसे पहले पाकिस्तान के आतंरिक सचिव को इंटरनेट पर खंगाला तो पाया कि वर्तमान में मुहम्मद साजिद आंतरिक मामलों के संसदीय सचिव हैं और सैयद अली मुर्तजा विशेष सचिव हैं. वेबसाइट पर मौजूद लिस्ट में युसूफ नसीम खोखर का नाम नहीं था.

हालांकि जांच में मिले कई न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार, युसूफ नसीम खोखर मार्च 2023 से पहले पाकिस्तान के आंतरिक सचिव के पद पर पदस्थापित थे और वे 7 मार्च 2023 को ही सेवानिवृत हो चुके हैं.

इतना ही नहीं जांच में हमने यह भी पाया कि वायरल लेटर में उनका नाम अग्रेज़ी में Yousuf Naseem Khokhar लिखा हुआ है जबकि पाकिस्तानी के कई सरकारी दस्तावेजों में Yousaf Naseem Khokhar लिखा हुआ है.



इसके अलावा हमने पीटीआई की वेबसाइट पर मौजूद कई लेटर हेड से भी वायरल लेटर हेड का मिलान किया, तो हमने पाया कि दोनों ही लेटर हेड में मौजूद रेफरेंस नंबर का फॉर्मेट अलग अलग है. आप यह अंतर नीचे देख सकते हैं.



जांच के दौरान हमें पाकिस्तानी न्यूज़ आउटलेट जियो टीवी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किया गया एक फ़ैक्ट चेक भी मिला, जिसमें उन्होंने वायरल लेटर हेड की पड़ताल की थी. 10 मई को किए गए ट्वीट के अनुसार, एक पाकिस्तानी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर जियो फ़ैक्ट चेक को बताया था कि “ऐसा कोई क़रार नहीं हुआ है”.



बूम ने इस दौरान जियो फ़ैक्ट चेक के एडिटर बेनज़ीर शाह से भी संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि “मेरी टीम ने पाकिस्तान के आतंरिक मंत्रालय से जुड़े एक व्यक्ति और अमेरिकी दूतावास से संपर्क किया था. दोनों ने इस लेटर हेड को फ़र्ज़ी बताया था”.

ताईवान को लेकर पोस्ट करने वाला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम का यह फ़ेसबुक अकाउंट फ़र्ज़ी है

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