सोशल मीडिया पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का एक वीडियो वायरल है, वीडियो में वह दावा कर रहे हैं कि सरकार ने गरीब परिवारों के आर्थिक स्वावलंबन के लिए एक योजना शुरू की है, योजना के तहत गरीब परिवारों और 5 लाख रुपये सालाना से कम आय वाले परिवारों को साल में 12,000 रुपये दिए जाएंगे, योजना की शुरुआत 22 दिसंबर 2025 को होगी.
बूम ने जांच में पाया कि गरीबों को दस साल तक 12,000 रुपये दिए जाने संबंधी योजना की घोषणा करते लोकसभा अध्यक्ष का वायरल वीडियो एआई की मदद से एडिट किया गया है.
क्या है वायरल दावा :
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'केंद्र सरकार देगी ₹12,000! जानिए कौन-कौन ले सकता है फायदा!' आर्काइव लिंक
इंस्टाग्राम पर भी यह वीडियो वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
विधायी प्रक्रिया के अनुसार लोकसभा में केंद्र सरकार की किसी योजना की घोषणा कार्यपालिका यानी प्रधानमंत्री या मंत्री परिषद के संबंधित सदस्य द्वारा की जाती है. लोकसभा अध्यक्ष द्वारा शासन की किसी योजना की घोषणा करना पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है. ऐसे में हमें वीडियो पर संदेह हुआ.
संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली जो 22 दिसंबर से ऐसी किसी योजना के शुरू होने की पुष्टि करती हो.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि वीडियो में बोलते दिख रहे ओम बिरला के होठों की गति और शारीरिक हाव-भाव, आवाज के साथ मैच नहीं कर रहे हैं. आवाज में कृत्रिमता की झलक दिखाई दे रही है.
वीडियो में वॉयस क्लोन के अलग से जोड़े जाने की संभावना :
वीडियो के कीफ्रेम को कीवर्ड के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें संसद टीवी द्वारा 1 दिसंबर 2025 को लाइव किया गया वीडियो मिला. यह लोकसभा का वीडियो है, 1 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई थी. इस वीडियो में वायरल वीडियो के विजुअल मौजूद हैं. सांसदों के बैठने की स्थिति, शारीरिक हाव-भाव, वेश-भूषा को देखने से स्पष्ट हो रहा है कि वायरल वीडियो इसी वीडियो का हिस्सा है. मूल वीडियो में अध्यक्ष चार पूर्व दिवंगत लोकसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं न कि किसी योजना की घोषणा कर रहे हैं.
एआई डिटेक्टर टूल ने की पुष्टि :
हमने वायरल वीडियो और इसके ऑडियो को Deepfake -O-Meter पर चेक किया. टूल के मॉड्यूल AASIST (2021), LFCC-LCNN (2021) और RawNet3 (2023) ने ऑडियो के एआई जनरेटेड होने की प्रबल संभावना बताई. इसके मॉड्यूल LIPINC (2024) और TALL (2023) ने वीडियो के एआई जनरेटेड होने की प्रबल संभावना बताई.


