छठ पर्व पर फ्री बाइक देने की घोषणा वाला पीएम मोदी का वीडियो एडिटेड है
बूम ने जांच में पाया कि पीएम मोदी के पुराने वीडियो के साथ एआई के जरिए छेड़छाड़ करते हुए गलत दावा किया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर छठ पूजा के अवसर पर सभी देशवासियों को हीरो स्प्लेंडर बाइक फ्री में दिए जाने की घोषणा करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक वीडियो वायरल है. वायरल वीडियो में प्रधानमंत्री कह रहे हैं, "आज से लेकर छठपूजा तक हमारी तरफ से सभी देशवासियों को यह स्प्लेंडर बाइक फ्री में दी जाएगी".
वीडियो में आगे फ्री बाइक पाने की प्रक्रिया बताई गई है. दावा किया जा रहा है कि यूजर को वीडियो को शेयर, लाइक और वीडियो पर कमेंट करना होगा. इसके बाद इंस्टाग्राम हैंडल पर दिए लिंक पर क्लिक करने के बाद खुलने वाले वेबपेज पर अपना नाम और फोन नंबर दर्ज करना होगा.
बूम ने जांच में पाया कि छठ पूजा के अवसर पर फ्री स्प्लेंडर बाइक देने की घोषणा करते पीएम मोदी का वीडियो एआई की मदद से एडिट किया गया है.
क्या है वायरल दावा :
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, "छठ पूजा स्पेशल ऑफर फ्री स्पलेन्डर बाइक, अभी ऑर्डर करें." आर्काइव लिंक
इंस्टाग्राम पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला :
दावे की जांच के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से सर्च किया. हमें पीएम मोदी द्वारा फ्री स्प्लेंडर बाइक की घोषणा के दावे की पुष्टि करने वाली कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली.
देखा जा सकता है कि वीडियो में बोलते दिख रहे पीएम मोदी के होठों की गति और शारीरिक हाव-भाव, आवाज के साथ मैच नहीं कर रहे हैं. आवाज को सुनने पर यह उनकी वास्तविक आवाज प्रतीत नहीं हो रही है.
वीडियो में वॉइस क्लोन के अलग से जोड़े जाने की संभावना
कीफ्रेम को सर्च करने पर हमें PMO India के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया वायरल वीडियो के दृश्य वाला पूरा वीडियो मिला, जो पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लांच किए जाने का है. पीएम मोदी ने 24 फरवरी 2019 को यूपी के गोरखपुर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लांच किया था. संभावना है कि इसी वीडियो के एक हिस्से के साथ छेड़छाड़ करते हुए एआई की मदद से पीएम के वॉइस क्लोन को अलग से जोड़ा गया है.
एआई डिटेक्टर टूल ने की पुष्टि
हमने वायरल वीडियो और इसके ऑडियो को Deepfake -O-Meter पर चेक किया. टूल के मॉड्यूल RawNet3 (2023) और AASIST (2021) ने ऑडियो के एआई जनरेटेड होने की 100% संभावना बताई. इसके मॉड्यूल AVSRDD (2025) और LIPINC (2024) ने वीडियो के एआई जनरेटेड होने की प्रबल संभावना बताई.


