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फैक्ट चेक

चोरों से सतर्क रहने का वायरल नोटिस सरकार की ओर से नहीं हुआ जारी

बूम को सोसाइटी की प्रबंधन समिति ने बताया कि यह उसमें रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए जारी किया गया एक नोटिस था.

By - Rohit Kumar | 30 March 2024 10:29 PM IST

सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना (आयुष्मान भारत) के नाम पर बायोमीट्रिक फ्रॉड से बचने और उससे सावधान रहने के लिए अलर्ट करने का एक नोटिस वायरल है. लोग इसे पुलिस और सरकार की ओर से देश की सभी हाउसिंग सोसाइटी के लिए जारी आदेश बताते हए शेयर कर रहे हैं.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह नोटिस पत्र सरकार या उसके किसी विभाग का नहीं है. यह दिल्ली के विकासपुरी स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी (सेंट्रल गवर्नमेंट सर्विसेज को-ऑपरेटिव लैंड एंड ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड) की प्रबंधन समिति द्वारा जारी एक नोटिस है. सोसाइटी के वाइस प्रेसिडेंट ने बूम को बताया कि यह नोटिस इसमें रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए जारी किया गया था.

हमने यह भी पाया कि नोटिस में लिखा यह मैसेज 2016 से ही सिंगापुर, मलेशिया, अमेरिका, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में वायरल रहा है.

विकासपुरी स्थित इस सोसाइटी का यह वायरल नोटिस अंंग्रेजी में है. 26 मार्च 2024 की तारीख वाले इस नोटिस पर सचिव एससी वोहरा के हस्ताक्षर हैं. नोटिस पत्र में 'सभी फ्लैट और मकान मालिकों को सेफ्टी अलर्ट करने की कोशिश' करते हुए बताया गया है कि 'फ्रॉड करने वाले कुछ लोग घर-घर जाकर जाकर  बायोमीट्रिक डेटा लेते हैं. उनके पास गृह मंत्रालय की मुहर और लेटरहेड होते हैं. उनके पास सरकारी अधिकारियों की तरह लैपटॉप, बायोमेट्रिक्स मशीनें और सभी के नाम और अन्य जानकारियां हैं. वे आयुष्मान भारत योजना के नाम पर फिंगर प्रिंट और तस्वीर लेते हैं. ये सब एक घोटाला है. उनसे कोई भी जानकारी साझा न करें अगर कोई व्यक्ति आपके घर आता है तो नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें.'(हिंदी अनुवाद) 

फेसबुक पर एक यूजर ने नोटिस को शेयर करते हुए दावा किया है कि इसे सरकार द्वारा स्थानीय पुलिस के माध्यम से जारी किया गया है. 


आर्काइव पोस्ट यहां देखें.

वायरल नोटिस के अंग्रेजी टेक्स्ट और उसके हिंदी अनुवाद को भी सरकार की ओर से जारी सूचना कहते हुए टेक्स्ट मैसेज की तरह शेयर किया गया है. 


आर्काइव पोस्ट यहां देखें. 

दावे की पड़ताल के लिए बूम के टिपलाइन नंबर (+91 7700906111) पर भी यह नोटिस प्राप्त हुआ. 



फैक्ट चेक 

बूम ने पाया कि नोटिस में लिखा यह मैसेज 2016 से ही वायरल है और हर साल थोड़े-बहुत परिवर्तन के साथ वायरल होता रहता है. बूम ने नोटिस की पड़ताल के लिए संबंधित सोसाइटी से संपर्क किया और इसकी प्रबंधन समिति से बात की.

दिल्ली के विकासपुरी स्थित सेंट्रल गवर्नमेंट सर्विसेज को-ऑपरेटिव लैंड एंड ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड' सोसाइटी के वाइस प्रेसिडेंट राजेश स्याल ने बूम को बताया, "यह नोटिस पत्र सोसाइटी में रहने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए जारी किया गया था. यह किसी भी तरह से सरकार का कोई नोटिफिकेशन नहीं है."

उन्होंने आगे कहा, "हमने आयुष्मान भारत योजना के नाम पर बायोमीट्रिक डाटा कलेक्ट कर फ्रॉड किए जाने के मामले सुने थे, जिससे सोसाइटी के लोगों को अवेयर करने के लिए यह नोटिस जारी किया गया था."

'सेंट्रल गवर्नमेंट सर्विसेज को-ऑपरेटिव लैंड एंड ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड' दिल्ली में स्थित एक हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी है, जिसकी स्थापना 12 जुलाई 1968 को हुई थी. यह किसी भी तरह का सरकारी विभाग या किसी भी तरह से सरकार से जुड़ा नहीं है. 

हाउसिंग सोसाइटी की तस्वीर जिसने सोसाइटी के निवासियों के लिए यह वायरल नोटिस पत्र जारी किया था (Photo Courtesy : BOOM)


इसके अलावा हमने 'Home affairs officer loot' कीवर्ड से गूगल सर्च किया. हमें भारत में घोटाले के शिकार लोगों के बारे में या उसके लिए भारत सरकार की कोई चेतावनी के बारे में किसी भी तरह की कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. हमने यह भी पाया कि वायरल मैसेज में सरकारी विभागों के नाम लिखने में गड़बड़ी थी. उदाहरण के तौर पर वायरल मैसेज में 'Ministry of Home Affairs' की जगह 'Department of Home Affairs' लिखा है, जबकि 'Ayushman Bharat health scheme' को सिर्फ 'Ayushman' लिखा गया है. आयुष्मान भारत, 40 फीसदी से अधिक आबादी को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने वाली सरकारी योजना है, जिसका नाम बदलकर 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' किया गया है.

वायरल मैसेज में यह भी उल्लेख किया गया है कि फ्रॉड करने वाला गिरोह आधिकारिक जनगणना के लिए सरकारी कर्मचारी बनकर सर्वेक्षण कर रहे हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत सरकार ने जनगणना के लिए अभी किसी भी आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है. 2011 में आखिरी बार जनगणना हुई थी.

हमने यह भी पाया यह मैसेज कई साल 2016 से 2023 में अलग अलग पोस्ट के साथ वायरल रहा है. थोड़े बहुत परिवर्तन के साथ मलेशिया, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य देशों में यह मैसेज वायरल हुआ है. 

बूम ने 2020 में ऐसे ही एक दावे का फैक्ट चेक किया था, जब यह फेसबुक और व्हाट्सएप पर टेक्स्ट मैसेज के रूप में वायरल हुआ था.



हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि चोरों से सतर्क रहने के एक पुराने वायरल मैसेज को सरकार की ओर से जारी किया हुआ नोटिस बताकर शेयर किया जा रहा है.


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