रिलायंस फाउंडेशन (Reliance foundation) की चेयरपर्सन और फाउंडर नीता अंबानी ट्विटर पर नहीं हैं लेकिन उनके नाम से tweets अक्सर वायरल होते रहते हैं. सांप्रदायिकता से लबरेज़ और मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ ज़हर उगलते ये ट्वीट नीता अंबानी के नाम से बनाये गए फ़र्ज़ी हैंडल से किये जाते हैं.
बीते कुछ दिनों से नीता अंबानी के नाम पर बनाये गए ट्विटर हैंडल से किये गए एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म्स पर वायरल है. वायरल ट्वीट में लिखा है 'पेट से बच्चा हिन्दू निकलता है बाहर उसकी मुसलमानी की जाती है..अल्लाह में ताकत है तो खतना हुआ बच्चा पैदा करके दिखाए'.
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बूम ने पाया कि वायरल ट्वीट असल में नीता अंबानी के नाम से बनाये गए एक फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से किया गया है.
फ़ेसबुक यूज़र्स इस विश्वास के साथ ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर कर रहे हैं कि यह ट्वीट वास्तव में नीता अंबानी द्वारा किया गया है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल ट्वीट का स्क्रीनशॉट असल में नीता अंबानी के नाम पर बनाये गए एक फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से किया गया है.
हमने ट्विटर पर जब इस इस हैंडल (@NitaMambani) को चेक किया तो वहां हमें यह हैंडल सस्पेंडेड मिला.
इसके बाद हमने इस ट्विटर हैंडल को आर्काइव पर चेक किया तो पाया कि यह एक फैन मेड हैंडल है. हमने पाया कि हैंडल का नाम 'नीता मुकेश अंबानी' था.
इसके बायो में स्पष्ट शब्दों में लिखा हुआ मिला कि "यह उनके सबसे बड़े फैन द्वारा दूसरे फैन्स के लिए जानकारी का स्रोत प्रदान करने के लिए एक अकाउंट है; मैं नीता मैम या उनकी टीम से किसी भी तरह से जुड़ा नहीं हूं."
इसके बाद हमने ट्वीट टेक्स्ट को रैंडम सर्च पर खोजा तो हूबहू इन्हीं शब्दों के साथ कई दक्षिणपंथी फ़ेसबुक यूज़र्स के पोस्ट मिले.
हमारी जांच में सामने आया कि रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ट्विटर पर नहीं हैं. पहले भी उनके नाम पर बनाये गए ट्विटर हैंडल से किये गए आपत्तिजनक ट्वीट वायरल हो चुके हैं.
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यहां जानकारी के लिए बता दें कि ख़तना या सुन्नत मुस्लिमों और यहूदियों में एक धार्मिक संस्कार होता है. इसमें लड़के के जन्म के कुछ समय बाद उनके लिंग के अग्र भाग की चमड़ी निकाल दी जाती है. ख़तना का संबंध किसी ख़ास धर्म, जातीय समूह से हो सकता है, लेकिन कई बार माता-पिता अपने बच्चों का ख़तना, साफ़-सफ़ाई या स्वास्थ्य कारणों से भी करवाते हैं.
इस विषय में वैज्ञानिकों का मानना है कि ख़तना किए गए पुरुषों में किसी तरह का संक्रमण होने का जोख़िम कम होता है.