देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के एक इंटरव्यू की एक छोटी क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है. सोशल मीडिया पर वायरल इस इंटरव्यू को लेकर दावा किया जा रहा है कि नेहरू ने खुद स्वीकार किया था कि उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में कभी हिस्सा नहीं लिया.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो एडिटेड है. नेहरू ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के संदर्भ में यह बात कही थी. वीडियो में 'जिन्ना' की जगह 'आई' जोड़ा गया है.
वायरल वीडियो में पंडित नेहरू को कहते हुए सुना जा सकता है, "I was not involved in the fight for Independence at all. In fact, he opposed it. Muslim League was started in about 1911, I think. It was started really by the British, encouraged by them so as to create factions, they did succeed to some extent. And ultimately, there came the partition." ( हिंदी अनुवाद: मैं आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं हुआ था. वास्तव में उन्होंने विरोध किया था.)
वीडियो को पोस्ट करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, 'कुछ लोग आज तक इसे पंडित मानते हैं और इसे देशभक्त मानकर इसका फोटो घर में लगाते हैं. मैं आजादी की लड़ाई में बिल्कुल भी शामिल नहीं था, बल्कि मैंने इसका विरोध किया था- नेहरूआ.' (आर्काइव लिंक)
बंगाल बीजेपी की प्रदेश प्रवक्ता माधवी अग्रवाल ने भी इसी वीडियो को पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा, 'दुर्लभ वीडियो...पहचानिए कौन. मैं आजादी की लड़ाई में बिल्कुल भी शामिल नहीं था, बल्कि मैंने इसका विरोध किया था.' (आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
बूम ने अपनी फैक्ट चेक में पाया कि यह वीडियो आधा-अधूरा है और एडिटेड है. साथ ही वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है.
हमने जब इस वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया तो हमें प्रसार भारती के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर पूरा इंटरव्यू मिला. यह इंटरव्यू वहां 14 मई 2019 को अपलोड किया गया था. इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन से पता चला कि पंडित नेहरू ने यह इंटरव्यू अमेरिकी टीवी होस्ट अर्नोल्ड माइकेलिस को मई 1964 में दिया था. यह इंटरव्यू पंडित नेहरू के निधन से कुछ दिन पहले 18 मई 1964 को न्यूयार्क में प्रसारित किया गया था. पंडित नेहरू का निधन 27 मई 1964 को हुआ था.
सोशल मीडिया पर वायरल क्लिप को इस वीडियो के 14:30 मिनट पर देखा जा सकता है. अंग्रेजी में हुए इस इंटरव्यू में अर्नोल्ड माइकेलिस नेहरू से सवाल करते हैं, "आजादी से पहले आप, गांधी और जिन्ना..सभी साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में शामिल थे."
इसका जवाब देते हुए नेहरू कहते हैं, "जिन्ना कभी भी आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे. यह सच्चाई है. उन्होंने तो इसका विरोध किया था. मुझे जहां तक याद है कि मुस्लिम लीग की स्थापना 1911 के आसपास हुई थी. मुस्लिम लीग को अंग्रेजों ने शुरू किया था, उन्हें उनका समर्थन भी था, ताकि गुटबाजी शुरू हो सके. वे लोग अपने इस प्रयास में काफी हद तक सफल भी हुए. और अंतत: देश का विभाजन हुआ."
नेहरू के जवाब के बाद अर्नोल्ड माइकेलिस आगे उनसे पूछते हैं, "क्या आप और गांधी इसके पक्ष में थे?"
इसका नेहरू जवाब देते हैं, "गांधी जी मरते समय तक इसके पक्ष में नहीं थे. जब यह हो रहा था, तभी भी वह इसके पक्ष में नहीं थे. मैं खुद इसके पक्ष में नहीं था. लेकिन अंत में मैंने दूसरे लोगों की तरह यह फैसला लिया कि लगातार परेशानी से बेहतर है कि विभाजन हो जाए. आप सब जानते हैं कि मुस्लिम लीग के साथ बड़े-बड़े जमींदार थे, जो भूमि सुधार के खिलाफ थे. दूसरी तरफ हमलोग भूमि सुधार करवाना चाहते थे, जो हम बाद में करवाने में कामयाब भी रहे. यही कारण था कि हम विभाजन के लिए मान गए, क्योंकि हमें लगता था कि इन सब चीजों की वजह से हमें काम करने में मुश्किलें पैदा होंगी. इसलिए हमलोगों ने सोचा कि इससे अच्छा है कि विभाजन हो ही जाए, ताकि देश में सुधार जारी रहे और ये नेता हमारे लिए बाधा न पहुंचा पाए."
साथ ही यही इंटरव्यू हमें नेहरू सेंटर ऑर सोशल रिसर्च के फेसबुक पेज पर भी मिला, जहां इसे 1 दिसंबर 2021 को शेयर किया गया था.
इंटरव्यू को देखने के बाद बूम ने पाया कि पंडित नेहरू इंटरव्यू के दौरान आजादी की लड़ाई में जिन्ना के योगदान की बात कर रहे थे. वहीं वायरल वीडियो में नेहरू के जवाब में 'जिन्ना' को हटाकर 'आई (I)' जोड़ा गया है.