HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

किसान रैली: पत्रकारों पर हमले की एक जैसी कहानी कहते ट्विटर हैंडल का सच

बूम ने पाया कि इस ट्विटर अकाउंट ने दो महिलाओं की पहचान चुरा ली- एक पूर्व पाकिस्तानी पत्रकार और दूसरी पंजाब से स्वतंत्र पत्रकार है.

By - Nivedita Niranjankumar | 29 Jan 2021 8:55 AM GMT

नेहा जोशी (Neha Joshi) के नाम से एक फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल (Fake twitter Handle) ने 26 जनवरी को दावा किया कि दिल्ली में किसान रैली (Tractor Parade) के दौरान रिपोर्टिंग करते समय किसानों द्वारा उनपर हमले की कोशिश की गई थी. यह ट्वीट किसानों पर निशाना और उनकी रैली के पीछे की मंशा पर सवाल उठाने वाले अज्ञात ट्विटर हैंडल के कई समान ट्वीट के परिणामस्वरूप वायरल हुआ है. बूम ने ट्विटर हैंडल की जांच की और पाया कि यह फ़र्ज़ी है.

बूम ने पाया कि ट्विटर हैंडल में पाकिस्तान की पूर्व पत्रकार उल ऐन इक़रार (Qurat Ul Ain Iqrar) की और पंजाब में कपूरथला से एक स्वतंत्र एंकर, नेहा जोशी की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. दोनों महिलाओं ने बूम से पुष्टि की कि ये हैंडल उनका नहीं है और कोई अन्य व्यक्ति उनके विवरण का उपयोग गलत सूचना फैलाने के लिए कर रहा है.

गौरतलब है कि दो महीने से राजधानी दिल्ली की बाहरी सीमा पर कृषि क़ानून को वापस लेने की मांग को लेकर बैठे किसानों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर 'ट्रैक्टर परेड' का आयोजन किया था. इस दौरान दिल्ली के लाल क़िला, आईटीओ सहित गाज़ीपुर हाईवे पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई. हिंसा में एक किसान की मौत हो गई और दिल्ली पुलिस के कई जवान घायल हो गए. इस बीच कई भ्रामक और फ़र्ज़ी ख़बरें फ़ैल गयीं जिसमें दावा किया गया कि किसानों ने लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराया। बूम ने इस दावे का फ़ैक्ट चेक किया, यहां पढ़ें.

'दिल्ली पुलिस लट्ठ बजाओ' का नारा लगाते लोगों की यह वीडियो पुरानी है

26 जनवरी के ही दिन, नेहा जोशी के नाम से एक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया कि वो एक पत्रकार जो किसानों के प्रदर्शन को कवर कर रहीं थीं और प्रदर्शनकारी किसानों ने उनपर हमला किया. ट्विटर हैंडल द्वारा आरोप लगाया गया कि किसानों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उनके ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाने और उनके चैनल का माइक तोड़ने का प्रयास किया गया.

ट्वीट करते हुए दावा किया गया कि "आज रिपोर्टिंग करते समय इन तथाकथित किसानों का जो तांडव देखा वो अपने पत्रकारिता करियर में कभी नहीं देखा। आज इन्होंने ने मुझपर भी ट्रैक्टर चढ़ाने और तलवार से हमले की कोशिश की। अश्लील हरकतें और बदसलूकी की गयी । माईक को छीनकर तोङने कि कोशिश की। ये किसान संगठन है या कोई और संगठन?"


ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

बूम ने पाया कि एक ही तरह की कहानी दोहराते हुए ऐसे कई ट्वीट्स वायरल थे. क़रीब 8 ट्विटर अकाउंट द्वारा एक ही तरह का आरोप लगाया और ठीक उसी वाक्य को ट्वीट किया. इन सभी ट्वीट्स में आरोप लगाया गया है कि जब वे दिल्ली में किसान रैली कवर कर रहे थे तो किसानों ने उनपर हमला किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.


नेहा जोशी के अकाउंट को 5200 रीट्वीट, 17,500 लाइक्स, 753 कमेंट्स के साथ सबसे ज्यादा इंटरेक्शन मिला और इसे अकाउंट पर पिन किया गया.

ट्रैक्टर पर धोनी की यह तस्वीर पुरानी है, किसान आंदोलन से सम्बंधित नहीं

फ़ैक्ट चेक

हमने अकाउंट के बायो की जांच की और पाया कि इसे हाल ही में अक्टूबर 2020 में बनाया गया था और यह अकाउंट स्वयं को एक 'समाचार व्यक्तित्व' के रूप में वर्णित करता है जिसने पूर्व में एबीपी न्यूज़ और ज़ी न्यूज़ के लिए काम किया था.


ट्विटर अकाउंट में अब '@ news4India' हैंडल है, वह पहले '@Nehajoshinews' के नाम से इस्तेमाल किया गया था जब इस अकाउंट द्वारा किसानों के ख़िलाफ़ आरोप के साथ वायरल ट्वीट पोस्ट किया गया था. हैंडल ने जब यह वायरल पोस्ट ट्वीट किया, तो एक अलग प्रोफ़ाइल तस्वीर भी थी. अकाउंट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.


पिछले हैंडल के सर्च के दौरान - '@nehajoshinews और वायरल ट्वीट से एक लाइन - आज रिपोर्टिंग करते' ने पहले इस्तेमाल की गई तस्वीर दिखाई. इस पर एक रिवर्स इमेज सर्च करने हमने तस्वीर में दिख रही महिला की पहचान पाकिस्तानी पत्रकार डॉ फ़िज़ा अकबर खान, जो कि 'बोल न्यूज़' में एंकर हैं, के तौर पर की.


हमने आगे अकाउंट में दिख रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो पाया कि तस्वीर एक पाकिस्तानी पत्रकार क़ुरत-उल-ऐन इक़रार की है. फ़ेसबुक पर इस नाम से खोज करने पर हूबहू यही तस्वीर एक्सप्रेस न्यूज़ टीवी के पेज पर 2014 में अपलोड की हुई मिली.


हमने इक़रार से संपर्क किया जिन्होंने कहा कि नेहा जोशी नाम के अकाउंट ने उनकी तस्वीर का दुरुपयोग किया है और कहा गया है कि ट्विटर अकाउंट उनका नहीं था और उन्होंने भारत में किसानो के विरोध के बारे में कभी ट्वीट नहीं किया. इकरार ने कहा, "मैं शायद ही कभी वैश्विक राजनीतिक मुद्दों के बारे में ट्वीट करती हूं और वास्तव में पत्रकारिता छोड़ दी है. मैं अब एक गृहिणी हूं और वो तस्वीर कुछ साल पहले की है जब मैं एक्सप्रेस न्यूज के साथ थी."

 कुरत उल ऐन इक़रार ने ख़ुद ट्वीट करते हुए अकाउंट को फ़र्ज़ी बताया.

हमने तब अकाउंट द्वारा किये गए ट्वीट्स को स्कैन किया और पाया कि इस अकाउंट को अक्टूबर 2020 में बनाया गया था और अकाउंट से 8 जनवरी 2021 को ट्वीट करना शुरू किया गया था. कोई भी ट्वीट उस व्यक्ति द्वारा की गई न्यूज़ स्टोरी या शो के बारे में नहीं था, जिसने खुद को पत्रकार बताया है. लेकिन अधिकांश ट्वीट्स ने राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया और बाकी ट्वीट्स कांग्रेस, उमर खालिद और मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ थे.

फ्रीलांस पत्रकार का अकाउंट 

ज़ी न्यूज़ और एबीपी न्यूज़ के पत्रकारों ने इस बात से इंकार किया कि नेहा जोशी किसान विरोध को कवर कर रही हैं. हमने पाया कि उक्त नाम वाली महिला ने 2014 तक ज़ी पंजाबी के साथ एक एंकर के रूप में काम किया, लेकिन अब वह चैनल से जुड़ी नहीं थीं. हमने नेहा जोशी से संपर्क किया, जो ट्वीट पर चौंक गईं और पुष्टि की कि ट्विटर अकाउंट उनका नहीं था.

जोशी ने बूम से बात करते हुए कहा, "वह ट्विटर अकाउंट मेरा नहीं है. मैंने तीन से चार साल पहले मेनस्ट्रीम पत्रकारिता छोड़ दी थी और अब निजी चैनलों के एंकर के रूप में फ्रीलांस असाइनमेंट करती हूं" यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी ज़ी न्यूज़ या न्यूज़ 4 इंडिया के साथ काम किया है, जोशी ने पुष्टि की और कहा, "मैंने ज़ी पंजाबी और न्यूज़ 4 इंडिया के साथ 2014 और 2015 में एक संक्षिप्त अवधि के लिए काम किया. लेकिन केवल एक एंकर के रूप में. मैं कभी भी ग्राउंड रिपोर्टर नहीं रही हूं और मैंने 2013 में ही दिल्ली छोड़ दी थी और अब मैं पंजाब में कपूरथला में रहती हूं."

हमने जोशी के फ़ेसबुक प्रोफाइल को देखा और पाया कि वह फ़िल्मों और बॉलीवुड संगीत पर फ़ीचर शो के लिए एक एंकर के रूप में दिखाई देती हैं. जोशी ने इसकी पुष्टि की और कहा, "मैं किसानों के विरोध को कवर नहीं कर रही हूं और हिंसा के दिन 26 जनवरी को दिल्ली में भी नहीं थी. मैं प्रमुख्य रूप से टीचिंग जॉब पर ध्यान केंद्रित करती हूं और अपनी बेटी की देखभाल करती हूं. कोई मेरे कैरियर विवरण के माध्यम से इस तरह के नकली प्रोफ़ाइल क्यों बनाएगा?"

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की झांकी का कटा हुआ वीडियो सांप्रदायिक कोण के साथ वायरल

Related Stories