सोशल मीडिया पर तीन मुस्लिम व्यक्तियों के नाम और उनके फोटोग्राफ वाली एक तस्वीर वायरल है. इसको लेकर यूजर्स सांप्रदायिक दावा कर रहे हैं कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए मुख्य आरोपी केवल तीन मुस्लिम हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल सांप्रदायिक दावा भ्रामक है. नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इन तीन आरोपियों के अलावा और भी कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के आरोपी हैं.
गौरतलब है कि 5 मई 2024 को आयोजित हुई नीट यूजी परीक्षा में कई तरह की कथित अनियमितता सामने आने के बाद सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. सीबीआई ने इस मामले में अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है. नीट-यूजी की परीक्षा इस साल 5 मई 2024 को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित कराई गई. परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षार्थियों ने ग्रेस मार्क्स समेत एग्जाम में गड़बड़ियों को लेकर देशभर में प्रदर्शन किया.
फेसबुक पर एक यूजर ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'क्या आप जानते हैं NEET Paper leak case का असली सरगना कौन है? ये है नीट पेपर लीक के असली मास्टरमाइंड, हजारीबाग के OASIS स्कूल का प्रिंसिपल- एहसान उल हक, OASIS स्कूल का वाईस प्रिंसिपल- इम्तियाज आलम, व स्थानीय पत्रकार- मोहम्मद जमालुद्दीन जो प्रभात खबर में काम करता था. पता नहीं इनके नाम कि चर्चा क्यों नहीं हो रही है.'
एक्स (आर्काइव पोस्ट) पर भी इसी दावे से यह पोस्ट वायरल है.
दावे की सत्यता की जांच के लिए बूम की टिपलाइन (+917700906588) पर भी हमें यह तस्वीर प्राप्त हुई है.
फैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे के फैक्ट चेक के लिए संबंधित कीवर्ड से मीडिया रिपोर्ट खंगाली. बूम ने पाया कि नीट-यूजी परीक्षा में अनियामिताओं और पेपर लीक मामले को लेकर जांच कर रही सीबीआई ने अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के हैं. सीबीआई अभी भी मामले की जांच कर रही है और मुख्य आरोपी संजीव मुखिया की तलाश में है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अब तक अमन सिंह, दीक्षित पटेल, एहसान उल हक, मोहम्मद इम्तियाज, जमालुद्दीन, मनीष कुमार और आशुतोष कुमार को गिरफ्तार किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने 3 जुलाई 2024 को पेपर लीक के कथित सह-साजिशकर्ता अमन सिंह को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया था. अमन सिंह पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया गैंग का मुख्य आरोपी है.
इससे पहले सीबीआई ने 27 जून को बिहार की राजधानी पटना से पहली गिरफ्तारी करते हुए दो आरोपियों (आशुतोष कुमार और मनीष कुमार) को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 28 जून को हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक और वाइस प्रिंसिपल मोहम्मद इम्तियाज और एक दैनिक अखबार के पत्रकार जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया. इसके बाद 30 जून को सीबीआई ने गुजरात के गोधरा से जय जलाराम नाम के एक निजी स्कूल के मालिक दीक्षित पटेल को गिरफ्तार किया था. यहां नीट परीक्षा आयोजित की गई थी.
पेपर लीक जांच मामले में सीबीआई ने 4 जुलाई को रिमांड में लिए सभी आरोपियों और धनबाद से गिरफ्तार अमन सिंह को सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी हर्षवर्धन सिंह की अदालत में पेश भी किया था.
हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई पेपर लीक घोटाले के मुख्य मास्टर माइंड संजीव मुखिया को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है. संजीव मुखिया कथित तौर पर बिहार के पटना और नालंदा में पेपर लीक नेटवर्क चलाता है.
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई से पहले पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा ने भी देश के अलग-अलग राज्यों से भी कई गिरफ्तारियांं की थीं. इन सभी आरोपियों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग हैं.