नैशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) पेपर लीक को लेकर जारी विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है. मलयालम भाषा के एक न्यूजपेपर की कटिंग के साथ दावा किया जा रहा है कि नीट पेपर लीक के अधिकतर लाभार्थी मुस्लिम समुदाय से हैं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. बूम ने विज्ञापन जारी करने वाले केरल के कोटक्कल स्थित यूनिवर्सल इंस्टिट्यूट से संपर्क किया. संस्थान की ओर से बताया गया कि विज्ञापन का नीट पेपर लीक से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही विज्ञापन में दूसरे धर्मों के स्टूडेंट्स भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि सीबीआई नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही है. नैशनल टेस्ट एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई 2024 को देशभर में नीट यूजी की परीक्षा का आयोजन कराया था. इस मामले में सीबीआई ने अब तक 6 आरोपी पकड़े हैं. नीट पेपर लीक केस, परीक्षा रद्द की मांग और अनियमितताओं की अलग-अलग कुल 26 याचिकाओं पर 8 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर न्यूजपेपर की कटिंग शेयर करते हुए सुदर्शन न्यूज के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके ने लिखा, 'पेपर लीक के लाभार्थी/टॉपरों की सूची में केवल फ़ोटो देखें। इसे आप भी #परिक्षा_जिहाद ही कहेंगे। #NEET'
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इसी तरह फेसबुक पर एक यूजर ने न्यूजपेपर कटिंग शेयर करते हुए लिखा, 'सारे मुसलमान कैंडिडेट है अब आपको समझ में आया नीट की साजिश के पीछे स्कूल का प्रिंसिपल भी मुसलमान और जिनका फायदा पहुंचाया जा रहा है वह भी सभी मुसलमान'
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बूम को टिपलाइन नंबर (+91 77009 06111) पर भी वेरिफाइ करने की रिक्वेस्ट के साथ यह पोस्ट मिला.
फैक्ट चेक
बूम ने पड़ताल में पाया कि मलयालम भाषा के एक न्यूजपेपर की वायरल कटिंग को लेकर किया जा रहा दावा गलत है.
वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कई यूजर्स ने इसे केरल के एक कोचिंग सेंटर का विज्ञापन बताया था. इसके बाद हमने विज्ञापन से एक स्टूडेंट Fathima Wafa का नाम इंस्टाग्राम पर सर्च किया. यहां हमें केरल स्थित कोचिंग सेंटर यूनिवर्सल इंस्टिट्यूट का 7 जून 2024 को किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें इसी स्टूडेंट को बधाई दी गई थी.
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पोस्ट में बताया गया कि फातिमा वफा को नीट 2024 के नतीजों में 670 मार्क्स मिले हैं, वायरल पोस्ट में इस्तेमाल न्यूजपेपर कटिंग में भी यही नंबर मेंशन है.
इसके बाद हमने कोचिंग की वेबसाइट की पड़ताल की और वही पोस्टर पाया जो वायरल कटिंग में इस्तेमाल हुआ है.
वेबसाइट पर जारी विज्ञापन देखने के लिए क्लिक करें
वेबसाइट पर जारी पोस्टर में नीट रिजल्ट की लिस्ट में कई हिंदू अभ्यर्थियों के भी नाम मिले जो कि वायरल पोस्ट में ब्लर होने के कारण नहीं दिख रहे थे. इससे स्पष्ट है कि विज्ञापन में सिर्फ मुस्लिम समुदाय ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के छात्र भी शामिल हैं.
इसके अलावा बूम ने यूनिवर्सल इंस्टिट्यूट कोटक्कल के अकैडमिक डायरेक्टर डॉ. अब्दुल हमीद से बात की. उन्होंने बताया कि यह विज्ञापन संस्थान की ओर से जारी किया गया था जो कि एक स्थानीय अखबार में प्रकाशित हुआ था.
डॉ. हमीद ने बूम को बताया, "विज्ञापन में अलग-अलग धर्म के छात्र भी शामिल हैं. पोस्टर में दिखाए गए सभी छात्रों ने वास्तविक अंक प्राप्त किए हैं, और उनमें से कोई भी NEET पेपर लीक घटना में शामिल नहीं था."