सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है. इस पोस्ट को नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों पर हिंदी न्यूज वेबसाइट जनसत्ता के आर्टिकल की हेडिंग के साथ शेयर किया जा रहा है. पोस्ट में जनसत्ता के लोगो के साथ एक कार्टून भी है जिसमें उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज किया गया है.
बूम की जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक पाया गया. हमें जनसत्ता डिजिटल के एडिटर विजय झा ने बताया कि वायरल पोस्ट में जनसत्ता का लोगो अनावश्यक रूप से लगाया गया है. उन्होंने कहा कि संबंधित कार्टून न्यूज वेबसाइट की ओर से जारी नहीं किया गया है.
इंस्टाग्राम पर कांग्रेस एक्सप्रेस (Congress Express) नाम के एक अकाउंट ने यह पोस्ट शेयर किया. इसमें जनसत्ता के मास्टहेड के साथ हेडिंग है- हत्या, बलात्कार, महिलाओं पर जुर्म में UP बना No.1: केंद्र की NCRB. इसी के साथ इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का एक कार्टून है. इसमें कैप्शन दिया गया- 'ढोंगी का रामराज्य ❌ ढोंगी का रामराज्य ✅.'
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इसी कैप्शन के साथ यह पोस्ट फेसबुक पर भी वायरल है. इसे यहां और यहां देख सकते हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उत्तराखंड कांग्रेस के स्टेट जनरल सेक्रेटरी (आईटी) अनिल गुसैन ने भी यह पोस्ट शेयर किया.
ढोंगी का रामराज्य ❌
— Anil Gusain (@AnilgusainI) March 9, 2024
ढोंगी का जंगलराज ✅ pic.twitter.com/NzasSYD6HR
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फैक्ट चेक
गौरतलब है कि एनसीआरबी ने पिछले साल दिसंबर में साल 2022 में देश में हुए अपराध का आंकड़ा जारी किया था. इसके अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. हमने संबंधित कीवर्ड्स से गूगल पर सर्च किया तो 5 दिसंबर 2023 को इस डेटा से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं.
प्रचलित न्यूज वेबसाइट्स ने मुख्य स्तर पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था. इसी क्रम में हमें जनसत्ता का न्यूज आर्टिकल भी मिला. इसके अनुसार, एनसीआरबी ने 'क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2022 (Crime in India report 2022)' टाइटल से देश में हुए अपराध का वार्षिक डेटा जारी किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 65,743 मामले दर्ज हुए. इसमें यह भी बताया गया कि गैंगरेप, दहेज हत्या और महिलाओं के अपहरण मामले में भी यूपी पहले स्थान पर है.
हालांकि जनसत्ता के आर्टिकल के साथ हमें वह कार्टून नहीं मिला, जो वायरल पोस्ट में है. इसे लेकर बूम ने जनसत्ता डिजिटल के संपादक विजय झा से संपर्क किया. उन्होंने स्पष्ट किया, 'जनसत्ता ने एनसीआरबी के डेटा पर यह स्टोरी की थी, लेकिन कार्टून हमारा नहीं है. वायरल पोस्ट में जनसत्ता के लोगो के साथ कार्टून अनावश्यक रूप से इस्तेमाल किया गया है.'
इस तरह स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट में इस्तेमाल किया गया कार्टून जनसत्ता ने प्रकाशित नहीं किया था और पोस्ट भ्रामक है.