सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर पर धारदार हथियार से हमले का वीभत्स वीडियो वायरल है. इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के नासिक स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर पर हमला करने वाला आरोपी मुस्लिम समुदाय से है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है. घटना हाल की ही है और आरोपी का नाम राजेंद्र मोरे है. पैसे के विवाद को लेकर उसने डॉक्टर पर हमला किया था.
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि एक शख्स (जिसे डॉक्टर बताया जा रहा है) सोफे पर बैठकर फोन पर किसी से बात कर रहा है. तभी अचानक पास में खड़ा शख्स डॉक्टर पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हथियार से हमला करने लगा. वह आखिर में डॉक्टर को लहूलुहान छोड़कर वहां से भाग गया.
फेसबुक पर घटना का वीडियो शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'दिल थाम कर देखिए आज का सबसे ज्यादा दिल दहलाने वाला वीडियो, महाराष्ट्र, नासिक के सुयोग हास्पिटल में जेहादी हमलावर ने आईसीयू के अंदर घुसकर डॉ. कैलाश राठी पर धारदार हथियार से प्रहार किया. 30 सेकेंड में अंधाधुंध किए गए कई प्रहारों के कारण डॉक्टर की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई. यह बताया जाता है कि यह व्यक्ति डॉक्टर का दोस्त था.'
इसी कैप्शन के साथ यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी वायरल है.
फैक्ट चेक
यूजर्स वायरल वीडियो के कैप्शन लिख रहे हैं कि घटना नासिक के सुयोग अस्पताल की है और डॉक्टर का नाम कैलाश राठी है. हमने संबंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हुए गूगल पर सर्च किया. इस दौरान कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिसमें वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को फीचर इमेज के रूप में इस्तेमाल किया गया.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, घटना 23 फरवरी को नासिक पंचवटी के सुयोग नाम के प्राइवेट अस्पताल की है. आरोपी का नाम राजेंद्र मोरे है जिसने डॉ. कैलास राठी की गर्दन पर 18 बार हमला किया. पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.
मराठी न्यूज वेबसाइट लोकसत्ता ने भी आरोपी का नाम राजेंद्र मोरे बताया. आरोपी और डॉक्टर के बीच जमीन के सौदे को लेकर विवाद था. इसी बात को लेकर राजेंद्र मोरे ने डॉक्टर पर हमला किया. पीड़ित डॉक्टर का आईसीयू में इलाज चल रहा है.
एक मराठी न्यूज वेबसाइट के अनुसार, आरोपी राजेंद्र मोरे को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार को कोर्ट में पेश किया. इसके बाद उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी की पत्नी अस्पताल में काम करती थी. उस पर पांच लाख रुपये के गबन का आरोप था जिसके बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. टाइम्स ऑफ इंडिया ने नाशिक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि आरोपी की पत्नी ने प्रॉपर्टी डील को लेकर डॉक्टर से कुछ पैसे लिए थे. इसी को लेकर दोनों में विवाद हुआ था.
बूम को घटना की एफआईआर कॉपी प्राप्त हुई, जिसमें राजेंद्र मोरे और उसकी पत्नी रोहिणी मोरे को आरोपी के रूप में नामित किया गया.
इस तरह स्पष्ट है कि आपराधिक घटना को सांप्रदायिक एंगल देकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. न ही आरोपी डॉक्टर का दोस्त था और न ही घटना में डॉक्टर की मौत हुई है. जैसा वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है.