सोशल मीडिया पर पानी से लबालब भरी सड़क का एक वीडियो वायरल है, जिसमें गर्दन तक भरे पानी में इस्लामी टोपी पहने लोग सामान वितरित करते नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि यह वीडियो गुजरात के जामनगर का है और वीडियो में दिख रहे लोग मुस्लिम समुदाय के हैं जो बाढ़ पीड़ितों को खाना बांट रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. वायरल वीडियो गुजरात के जामनगर का नहीं बल्कि बांग्लादेश में आई बाढ़ का है.
गौरतलब है कि गुजरात में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई है. गुजरात के 18 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. न्यूज वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में बाढ़ की वजह से अब तक 36 से लोगों की मौत हो चुकी है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'लोकेशन गुजरात. माशा अल्लाह, ये गुजरात के मुस्लिम भाई हैं जो बिना किसी भेदभाव के बारिश और सैलाब में फंसे लोगों को अपनी जान की परवाह किए बिना खाने के सामान को पहुँचा रहे हैं.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो गुजरात के जामनगर का नहीं है
गुजरात के जामनगर में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा बाढ़ पीड़ितों को खाने बांटने के दावे से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है.
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब वीडियो के अलग-अलग कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक बांग्लादेशी यूट्यूब चैनल पर 25 अगस्त को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला, जिसमें इसे बांग्लादेश का बताया गया है.
इसके अलावा हमें एक बांग्लादेशी फेसबुक पेज সুপ্রভাত বইঘর - Suprovath Boighor पर भी 25 अगस्त 2024 का एक पोस्ट मिला जिसमें इस वीडियो को शेयर करते हुए बताया गया था कि यह वीडियो बांग्लादेश के फेनी का है और वीडियो में दिख रहे लोग मदरसा के छात्र हैं.
इस पोस्ट का कैप्शन था, 'फेनी के फुलगाजी उपजिला के दरबारपुर यूनियन के एक इलाके में मदरसे के छात्रों द्वारा बाढ़ पीड़ितों के बीच भोजन और पानी वितरित करने का अभूतपूर्व दृश्य. मुख्यधारा की मीडिया इन अद्भुत लड़कों की कहानियां कभी क्यों नहीं बताना चाहती. अल्लाह उनके प्रयासों को स्वीकार करें और बाढ़ प्रभावित लोगों की रक्षा करें.'
इसकी मदद से जब हमने इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें बांग्लादेश के एक इस्लामिक संगठन Ahlehadeeth Andolon Bangladesh के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिला जिसकी हेडिंग थी, 'देश की जरूरतों के लिए मदरसे के छात्र एक बार फिर आगे आए. वे सीने तक पानी में घुसकर राहत सहायता पहुंचा रहे हैं.' (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)
साथ ही हमने पड़ताल के लिए बूम बांग्लादेश की टीम से संपर्क किया. बूम बांग्लादेश ने कंफर्म किया कि यह वीडियो फेनी के फुलगाजी इलाके के दरबारपुर का है. उन्होंने बताया कि वीडियो में दिख रहे बोर्ड पर साफ लिखा है- बुरो बांग्लादेश, दरबारपुर ब्रांच. बुरो बांग्लादेश के सबसे बड़े गैर सरकारी संगठनों में से एक है.
बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट BDNews24.Com की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में आई भयंकर बाढ़ की वजह से अबतक 71 लोगों की मौत हो चुकी है. बांग्लादेश के 11 जिले इस समय भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं जिसमें फेनी, कुमिला, चट्टोग्राम, खगराछारी, नोआखली, मौलवीबाजार, हबीगंज, ब्राह्मणबारिया, सिलहट, लक्ष्मीपुर और कॉक्स बाजार शामिल है.
बूम बांग्लादेश से अमीर शाकिर की एडिशनल रिपोर्टिंग के साथ