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फैक्ट चेक

मेरठ में पकड़े गए तीन साधुओं के मुस्लिम होने का सांप्रदायिक दावा झूठा है

बूम को मेरठ पुलिस ने बताया कि तीनों साधुओं की पहचान कर ली गई है. उनके नाम गौरव, गोपी और सुनील हैं. ये तीनों नाथ संप्रदाय से आते हैं.

By - Jagriti Trisha | 15 July 2024 5:21 PM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ में तीन साधुओं के साथ बदसलूकी और मारपीट की घटना सामने आई है. वहां कुछ लोगों ने साधुओं पर बच्चा चोरी का आरोप लगाते हुए उनके साथ मारपीट की. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इनके मुस्लिम होने के सांप्रदायिक दावे के साथ घटना के वीडियो को शेयर कर रहे हैं. 

बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया साधुओं के मुस्लिम होने का दावा गलत है. बूम को मेरठ के पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीनों के नाम गौरव, गोपी और सुनील हैं और ये नाथ समुदाय से आते हैं. ये हरियाणा के यमुनानगर के निवासी हैं. इनके साथ लोगों ने बच्चा चोरी के शक में पकड़कर मारपीट की थी. 

शेयर किए जा रहे वीडियो में साधु की वेशभूषा वाले तीन व्यक्तियों के साथ कैमरे के पीछे से एक शख्स उनकी पहचान पूछ रहा है. 

एक्स पर सुदर्शन न्यूज यूपी ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'मेरठ में साधु बनकर घूम रहे 3 लोगों को पब्लिक ने पकड़ा. पूछताछ में नाम बताया सोहन, आधार कार्ड में निकला “मो. शमीम”. शमीम अपने गैंग के साथ भगवा कपड़े पहनकर हिंदू मोहल्लों की करता था रेकी. पब्लिक ने तीनों पर बच्चे चुराने का भी लगाया आरोप.'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

फेसबुक पर भी कई यूजर्स ने सुदर्शन न्यूज के लोगो वाले इस वीडियो को सांप्रदायिक दावे से शेयर किया है.


पोस्ट का आर्काइव लिंक.


फैक्ट चेक

बूम ने दावे की पड़ताल के लिए गूगल पर घटना से संबंधित कुछ कीवर्ड सर्च किए. इसके जरिए हमें कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं, जिनमें बीते दिनों मेरठ की इस घटना को लेकर विस्तार से बताया गया था.

14 जुलाई की आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ के प्रह्लाद नगर में यह घटना हुई, जहां बच्चा चोरी के आरोप में तीन साधुओं की पिटाई कर दी गई. घटना से संबंधित मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया और पुनीत, मिक्की व सुधांशु नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया.

वहीं टीवी 9 भारतवर्ष और न्यूज 18 की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि लोगों को साधुओं की पहचान पर शक था. उन्होंने साधुओं को बच्चा चोर और मुस्लिम समझकर बंधक बनाया और उनके साथ मारपीट की. 

हालांकि सभी रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया कि ये साधु मुस्लिम नहीं बल्कि नाथ समुदाय से आते थे, जिनके साथ बच्चा चोरी के शक में मारपीट और बदसलूकी की गई.

सुदर्शन न्यूज के पोस्ट पर 13 जुलाई को मेरठ पुलिस ने रिप्लाई करते हुए तीनों को हरियाणा के निवासी और साधु/फकीर बताया था जो नाथ समुदाय से हैं. 


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

बाद में साधुओं के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हुआ तब पुलिस ने केस दर्ज कर तीन लोगों को अरेस्ट किया. इसे लेकर मेरठ पुलिस ने एक्स पर घटना के संबंध में 14 जुलाई को दो वीडियो पोस्ट किए. एक वीडियो में बताया गया कि थाना लिसाड़ी गेट के प्रह्लाद नगर में हिंदू समुदाय के लोगों ने तीन लोगों को साधु का भेष बनाकर घूमने के शक में पकड़ा था. 

इस वीडियो में साधुओं को हरियाणा के यमुनानगर का बताया गया. इसमें मेरठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हमने वहां के स्थानीय लोगों से भी बात की उन्होंने भी बताया कि ये तीनों साधु हैं.

एक दूसरे वीडियो में कहा गया कि "साधुओं के साथ मारपीट के वायरल वीडियो के संबंध में तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं जिनके नाम पुनीत, मिक्की एवं सुधांशु हैं. ये तीनों ही लिसाड़ी गेट के रहने वाले हैं. इसके फुटेज की भी जांच की जा रही है. आगे और भी नाम प्रकाश में आएंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

इसमें घटना का कारण बताते हुए कहा गया कि ये लोग किसी बच्चे को देख रहे थे जिसकी वजह से पब्लिक को गलतफहमी हो गई थी.

पोस्ट का आर्काइव लिंक.

आधिक जानकारी के लिए हमने मेरठ पुलिस से भी संपर्क किया. एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बूम से बातचीत में बताया, "घटना को लेकर किया जा रहा सांप्रदायिक दावा गलत है. तीनों ही साधुओं की पहचान कर ली गई है. उनके नाम गौरव पुत्र बॉबी, गोपी पुत्र ऋषिपाल, सुनील पुत्र फकीरनाथ हैं.. ये तीनों नाथ समुदाय से आते हैं, ये हरियाणा के यमुनानगर के दरवा माजरी गांव के रहने वाले हैं. वहां के स्थानीय लोगों और एसएचओ ने भी इनकी पुष्टि की."

उन्होंने आगे बताया, "पहला वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने तीनों साधुओं को बुलाकर पूछताछ की थी और कुछ औपचारिकता के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था. इसके बाद दूसरा वीडियो सामने आया जिसमें इन साधुओं के साथ बुरी तरह मारपीट की जा रही है. इसके तहत पुलिस की ओर से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया और तीन लोगों को अरेस्ट किया गया जो वीडियो में मारपीट करते दिखे."

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