बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) के बयान वाले एक हिंदी अख़बार की कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल है. अख़बार की कटिंग का शीर्षक है 'भाजपा से मिल सपा को हराएंगे'. यूज़र्स इसे आगामी यूपी चुनाव (UP Election 2022) से जोड़कर शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल अख़बार की कटिंग सालभर पुरानी है. वायरल दावा भ्रामक है.
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फ़ेसबुक पर वायरल कटिंग शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "आगे कुआँ पीछे खाई' ! दर्द भरे दिल की जुबां अब जाएं तो जाएं कहां ...शायद bsp शीर्ष नेतृत्व की सोचने समझने की शक्ति क्षीण हो गई है."
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एक अन्य फ़ेसबुक यूज़र ने कैप्शन दिया कि "भक्तों से बस इतना ही सवाल है कि क्या अब भी कोई शक रह गया,,,क्यों बहन जी को इतना संगीन बयान देना पड़ा,,,,,,?किस समाज की बात का हवाला दिया जा रहा है बहुजन समाज या ब्राह्मण समाज का,,,,?
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बूम ने वायरल अख़बार की कटिंग की जांच करने के लिए सबसे पहले ख़बर को ध्यानपूर्वक पढ़ा. हमने पाया कि ख़बर में राज्यसभा और विधानपरिषद चुनाव का ज़िक्र किया गया है.
आगे मायावती के हवाले से लिखा है कि "एमएलसी चुनाव में सपा को हराने के लिए वह भाजपा और अन्य दलों का भी साथ देंगी."
हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो आज तक पर 29 अक्टूबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि राज्यसभा चुनाव में बसपा विधायकों ने अखिलेश यादव से मुलाक़ात कर बाग़ी रुख़ अपनाया था, जिससे मायावती ने आक्रामक तेवर अपना लिया है.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि मायावती ने प्रदेश में एमएलसी चुनाव में सपा को हराने के लिए भाजपा को समर्थन करने की बात कही है.
'एमएलसी चुनाव में सपा के उम्मीदवार को हराने के लिए पूरी ताक़त लगायेंगे. भाजपा को वोट देना पड़ेगा तो भी देंगे. हमारे 7 विधायकों को तोड़ा गया है"
30 अक्टूबर 2020 को "सपा को हराने के लिए भाजपा का भी देंगे साथ : मायावती" शीर्षक के साथ प्रकाशित दैनिक जागरण के न्यूज़ पोर्टल आईनेक्स्ट लाइव की रिपोर्ट में लिखा है कि बसपा प्रमुख मायावतीने राज्यसभा चुनाव का बदला विधानपरिषद चुनाव में सपा उम्मीदवारों को हराकर लेने की बात कही है. सपा को सबक सिखाने के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगी.
इसके अलावा रिपोर्ट में मायावती ने पिछले लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन को भूल बताया था. अन्य रिपोर्ट यहां पढ़ें.
हमें ANI का 29 अक्टूबर 2020 का ट्वीट भी मिला जिसमें मायावती को सपा के उम्मीदवार को हराने के लिए भाजपा या किसी भी अन्य दल को वोट देने की बात कहते सुना जा सकता है.
राज्यसभा चुनाव में सपा द्वारा बसपा के विधायकों को तोड़ने से नाराज़ मायावती ने सपा को हराने के लिए भाजपा का समर्थन करने से गुरेज़ नहीं करने के बयान के बाद सियासी गलियारों में बसपा-भाजपा गठबंधन की चर्चा होने लगी थी.
नवभारत टाइम्स की 2 नवम्बर 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, बसपा प्रमुख मायावती ने साफ़ कहा कि बसपा कभी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
रिपोर्ट में मायावती के हवाले से कहा गया है कि बसपा और भाजपा की विचारधारा एकदूसरे के विपरीत है. भविष्य में विधानसभा या लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ बसपा कभी भी गठबंधन नहीं करेगी.
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