सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो बहुत वायरल है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि ईरान के एक व्यक्ति ने मुसलमानों के पवित्र स्थल मक्का में मौजूद 'क़ाबा' पर दूध चढ़ा कर बोला है कि हम सभी के पूर्वज हिन्दू थे और 'क़ाबा' एक शिवलिंग है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ के बीच एक युवक जिसने सफ़ेद रंग के कपड़े पहन रखे हैं काले रंग की बड़ी सी संरचना पर कुछ तरल पदार्थ फेंकता है इसके बाद वह कुछ बोलता भी है. वहां उपस्थित लोग उसे पकड़ कर रोकने का प्रयास करते हैं. इसके बाद वहां हलचल मच जाती है. आसपास मौजूद अधिकांश लोग सिर पर टोपी लगाए होने के कारण मुस्लिम मालूम पड़ते हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है.
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा,'ईरान के एक युवक ने "मक्का" पर दूध चढ़ाया और बोला हमारे पूर्वज "हिन्दु" थे और ये "शिवलिंग" है..... जय भोलेनाथ जी'
फ़ेसबुक पर यह वीडियो इसी दावे के साथ व्यापक स्तर पर वायरल है.
ट्विटर पर भी यह वीडियो काफ़ी वायरल है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से सम्बंधित कीवर्ड के सहारे इंटरनेट पर सर्च किया तो 'एक्सप्रेस' नामक पोर्टल पर 08 फ़रवरी 2017 के एक आर्टिकल का लिंक मिला.
इस आर्टिकल के मुताबिक़,'सऊदी पुलिस ने इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का में ग्रैंड मस्जिद में खुद को आग लगाने का प्रयास करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, उस व्यक्ति ने कथित तौर पर खुद के ऊपर पेट्रोल डाला और आग लगाने की कोशिश की.
आगे और खोजने पर 'गल्फ न्यूज़' की 07 फ़रवरी 2017 की इससे जुड़ी रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में सशस्त्र बलों के प्रवक्ता मेजर समेह अल सल्मी ने कहा कि सऊदी निवासी व्यक्ति की उम्र 40 साल के आसपास है और उसके व्यवहार से लगता है कि वह मानसिक रूप से बीमार था. वह आगे कहते हैं कि यह आत्मदाह का प्रयास था, न कि पवित्र क़ाबे को आग लगाने का प्रयास.
उपरोक्त किसी भी लेख में दूध चढ़ाने अथवा शिवलिंग का ज़िक्र नहीं था.
गौरतलब है कि इस्लाम में 'क़ाबा' को सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. यह सऊदी अरब में मक्का की महान मस्जिद के केंद्र में एक संरचना है.
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