फैक्ट चेक

महाकुंभ भगदड़ से जोड़कर नेपाल की घटना का वीडियो हो रहा वायरल

बूम ने पाया कि महाकुंभ भगदड़ में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत के दावे से वायरल हो रहा वीडियो असल में नेपाल का है.

By -  Jagriti Trisha |

3 Feb 2025 6:37 PM IST

Fact Check on Three members of a family died in MahaKumbh stampede claim

सोशल मीडिया पर एक शवयात्रा का वीडियो महाकुंभ भगदड़ से जोड़कर वायरल हो रहा है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि भगदड़ में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. सरकार ने उन्हें एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई नतीजतन परिजनों को शव पोस्टमार्टम हॉउस से घर तक पैदल ले जाना पड़ा.

बूम ने पाया कि शवयात्रा का यह वायरल वीडियो नेपाल का है. इसका महाकुंभ भगदड़ से कोई संबंध नहीं है.

लगभग 20 सेकंड का यह वायरल वीडियो तीन शवों की अंतिम यात्रा का है, इस यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हैं.    

गौरतलब है कि 28-29 जनवरी की मध्यरात्रि में मौनी अमवस्या के स्नान से ठीक पहले महाकुंभ में भगदड़ मच गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस भगदड़ में लगभग 30 लोगों की मौत हो गई और करीब 60 लोग घायल हो गए. हालांकि ये आंकड़े सवालों के घेरे में हैं.

सोशल मीडिया पर इस भगदड़ के बाद इससे संबंधित कई तरह के भ्रामक और फर्जी दावे सामने आए. इसी क्रम में शवयात्रा का वीडियो भी वायरल हो रहा है.

एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'भगदड़ कांड में एक परिवार से तीन-तीन लोगों की जान चली गई ....मगर सरकार ने एक एंबुलेंस तक नहीं मुहैया करवाई..'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे से वायरल है.


पोस्ट का आर्काइव लिंक.


फैक्ट चेक

महाकुंभ भगदड़ में एक ही परिवार के तीन लोगों के मारे जाने से संबंधित कीवर्ड सर्च करने पर हमें वीडियो से मेल खाती कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया.

इसके जरिए हमें इंस्टाग्राम पर भी यह वीडियो मिला, जिसपर नेपाली भाषा में एक टेक्स्ट मौजूद था. इससे हमें अंदेशा हुआ कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. 



आगे इंस्टाग्राम पर मिले वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमें एक बिल्डिंग पर "रामारोशन डेंटल क्लीनिक" का बोर्ड दिखाई दिया.



रामारोशन डेंटल क्लीनिक और नेपाल से संबंधित कीवर्ड को गूगल करने पर हमें इस नाम का एक फेसबुक पेज मिला. इस पेज के मुताबिक यह डेंटल क्लीनिक नेपाल के सुर्खेत जिले में स्थित है. इस क्लीनिक के फेसबुक पेज पर हमें 15 जनवरी का एक विज्ञापन वीडियो मिला.

इस विज्ञापन में वायरल वीडियो से मिलते-जुलते कई विजुअल्स देखे जा सकते हैं. 



आगे हमने गूगल मैप्स पर भी इस लोकेशन की तलाश की. हमें लोकेशन के स्ट्रीट व्यू में वही बिल्डिंग दिखी जो वायरल वीडियो में मौजूद है. चूंकि यह स्ट्रीट व्यू साल 2022 का था इसलिए आस-पास के विजुअल थोड़े अलग दिखाई देते हैं. 

Full View


इससे साफ था कि वीडियो का लोकेशन नेपाल का है इसका महाकुंभ से कोई वास्ता नहीं है. हमें रिवर्स इमेज सर्च और वीपीएन की मदद से टिकटॉक पर भी यह वीडियो मिला. हमने पाया कि यहां यह वीडियो 22 दिसंबर 2024 को शेयर किया गया था यानी महाकुंभ भगदड़ से पहले. इस अकाउंट पर हमें इस घटना के और भी वीडियो मिले, ये सभी दिसंबर 2024 में ही पोस्ट किए गए थे.


 

यूपी तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो बांदा की तिंदवारी सीट से भाजपा के पूर्व विधायक रहे बृजेश कुमार प्रजापति ने भी अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया था और नेपाल के इस वीडियो को महाकुंभ भगदड़ से जोड़ा था.

इसके बाद कुंभ पुलिस ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर इस दावे का खंडन किया और इसे नेपाल का बताया. साथ ही लोगों से अपील की कि वह बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट शेयर न करें.

इसी संदर्भ में पुलिस ने बृजेश प्रजापति पर आईटी एक्ट के तहत केस भी दर्ज किया है. 2022 में भाजपा से अलग होने के बाद फिलहाल बृजेश प्रजापति स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हैं.


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