सोशल मीडिया पर एक युवती को बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावों वाले कैप्शन के साथ शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि "युवती को पीटने वाले युवक का संबंध मुस्लिम समुदाय से है".
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो सांप्रदायिक दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है. आरोपी युवक और पीड़िता दोनों एक ही समुदाय से है.
(वायरल वीडियो में काफ़ी विचलित करने वाले दृश्य मौजूद हैं, इसलिए हमने वीडियो को अपने रिपोर्ट में शामिल नहीं किया है.)
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वीडियो में पहले एक युवक एक युवती का हाथ पकड़े नज़र आता है. तभी दोनों के बीच कुछ बहस होती है. जिसके बाद युवक काफ़ी गुस्से में आकर पहले तो लड़की को थप्पड़ मारता है और फिर उसके बाल खींचकर उसे जमीन पर पटक देता है. इतना ही नहीं वह युवती के पैर पर भी लात मारता है और फिर काफ़ी क्रूरतापूर्वक उसके मुंह पर पैर मारने लगता है. बर्बरतापूर्वक पीटे जाने की वजह से लड़की बेहोश हो जाती है.
वायरल वीडियो को फ़ेसबुक पर सांप्रदायिक दावों वाले कैप्शन के साथ साझा किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है "मां - बाप, समाज के लाख समझाने के बाद भी मेरा अब्दुल वैसा नहीं है कहने वाली हिन्दू लड़कियों के साथ कुछ ऐसा ही होता है, हां हो सकता है अंदाज़ कुछ अलग हो लेकिन होता ऐसा ही है".
फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
बूम को यह वीडियो अपने व्हाट्सएप टिपलाइन नंबर (7700906588) पर भी मिली है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए वीडियो में दिख रहे दृश्य से संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें 26 दिसंबर 2022 को द लल्लनटॉप की वेबसाइट पर प्रकाशित एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इसमें मौजूद फ़ीचर इमेज वायरल वीडियो का ही स्क्रीनग्रैब था. हालांकि इस रिपोर्ट में कहीं भी सांप्रदायिक एंगल का जिक्र नहीं किया गया था.
लल्लनटॉप की रिपोर्ट के अनुसार यह मामला मध्यप्रदेश के रीवा के मऊगंज इलाके का है. युवती की बेरहमी से पिटाई किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 24 वर्षीय आरोपी युवक पंकज त्रिपाठी को गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने आरोपी को उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर से गिरफ़्तार किया था. न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार यह घटना बीते 21 दिसंबर की है.
इस रिपोर्ट में रीवा सदर के एसडीओपी नवीन तिवारी द्वारा समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए बयान का भी जिक्र था. रीवा सदर के एसडीओपी नवीन तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया था कि आरोपी युवक युवती को लेकर अपने गांव की ओर जा रहा था. तभी बीच रास्ते में ही किसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया. इसके बाद युवक ने युवती को बुरे तरीके से पीटा. इस दौरान वहां मौजूद रहे कुछ युवकों ने इस घटना का वीडियो भी बना लिया,
पुलिस ने घटना की जानकारी मिलने पर इस मामले की जांच शुरू की. युवती की स्थिति ख़राब होने के कारण उसे पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. इस दौरान पुलिस ने युवक को हिरासत में भी ले लिया. लेकिन युवती इस मामले में किसी तरह की शिकायत नहीं कराना चाहती थी. हालांकि बाद में पुलिस के समझाने पर युवती के परिवारवालों ने युवक के खिलाफ़ एफआईआर कराया.
इतना ही नहीं रिपोर्ट में रीवा के जनसंपर्क विभाग द्वारा किया गया एक ट्वीट भी संलग्न था. ट्वीट के अनुसार युवती के साथ मारपीट करने वाले युवक पंकज त्रिपाठी के खिलाफ़ पुलिस की रिपोर्ट पर जिला परिवहन अधिकारी ने उसके ड्राइविंग लाइसेंस को भी निरस्त कर दिया.
इस घटना से जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट हमें कई अन्य न्यूज़ वेबसाइट पर भी मिली, लेकिन किसी भी रिपोर्ट में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल होने का जिक्र नहीं किया गया था. आजतक की रिपोर्ट में युवक और युवती को प्रेमिका बताया गया था. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि युवती युवक से शादी करने की जिद कर रही थी, जिससे नाराज होकर ने युवक की पिटाई कर दी.
हमने अपनी जांच को और पुख्ता बनाने के लिए रीवा के एसडीओपी से भी संपर्क किया. एसडीओपी ने बूम के साथ बातचीत में वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा कि आरोपी और पीड़िता दोनों का संबंध एक ही समुदाय से है.
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद आरोपी का घर हुआ जमींदोज
हमें जांच के दौरान इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय द्वारा 25 दिसंबर 2022 को किया गया एक ट्विटर थ्रेड भी मिला. इस थ्रेड में एक वीडियो भी मौजूद था, जिसमें जेसीबी द्वारा आरोपी युवक के घर को ढ़हाया जा रहा था. सीएम शिवराज के कार्यालय द्वारा किए गए ट्वीट के अनुसार रीवा के मऊगंज क्षेत्र में युवती के साथ मारपीट का वीडियो संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
जिसके बाद आरोपी पंकज त्रिपाठी को पुलिस ने मिर्ज़ापुर से गिरफ़्तार कर लिया और उसके ड्राइविंग लाइसेंस को भी कैंसिल कर दिया. इतना ही नहीं उसके घर को भी ढहा दिया गया. साथ ही इस मामले में लापरवाही करने को लेकर मऊगंज थाने के टीआई को भी भी निलंबित कर दिया गया.
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