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फैक्ट चेक

अमेरिका में अंबेडकर के नाम पर लाइब्रेरी बनाने का वायरल दावा झूठा है

बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह अमेरिका में अंबेडकर के नाम पर बनाई गई लाइब्रेरी की नहीं बल्कि चीन के तिआंजिन बिन्हाई लाइब्रेरी की तस्वीर है.

By - Jagriti Trisha | 21 Dec 2023 2:09 PM GMT

सोशल मीडिया पर चीन की एक लाइब्रेरी की तस्वीर वायरल हो रही है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की याद में यह लाइब्रेरी बनाई है.

बूम ने पाया कि यह दावा फ़र्जी है. अमेरिका में भीमराव अंबेडकर के नाम पर ऐसी कोई लाइब्रेरी नहीं बनाई गई है. असल में यह चीन के तिआंजिन शहर की लाइब्रेरी है, जिसे 2017 में बनाया गया था.

सोशल मीडिया पर अंबेडकरपंथी यूजर्स इसे ज्यादा शेयर कर रहे हैं. फेसबुक पर एक यूजर ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा, "भारत देश के मसीहा डॉ .भीम राव अंबेडकर जी के नाम, अमेरिका ने खोला. विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय. नमस्ते अमेरिका. जय भीम जय भारत जय संविधान. धम्म प्रभात."


फेसबुक पर अन्य यूजर्स ने भी लगभग ऐसे ही दावों के साथ इन्हें शेयर किया है. यहां, यहां, यहां देखें.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कुछ यूजर्स ने इन तस्वीरों के साथ ऐसे ही कैप्शन्स लिखे हैं.


फैक्ट चेक

बूम ने फोटोज के साथ किए दावों से जुड़े कीवर्ड्स सर्च किए. पर हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें अमेरिका में अंबेडकर की नाम पर बनी किसी लाइब्रेरी का ज़िक्र हो.

आगे हमने उन फोटोज को रिवर्स इमेज पर सर्च किया. वहां हमें पिंटरेस्ट पर यही तस्वीरें मिलीं. पिंटरेस्ट के अनुसार डच फर्म MVRDV ने चीन के तिआंजिन में एक सार्वजनिक लाइब्रेरी बनाई है जो, एक विशाल आंख की तरह दिखती है.

इसके बाद हम MVRDV की वेबसाइट पर गए, जहां हमें इस लाइब्रेरी की फोटोज और डिस्क्रिप्शन मिले. इनकी वेबसाइट के अनुसार MVRDV और तिआंजिन अर्बन प्लानिंग  और डिजाइन इंस्टिट्यूट (TUPDI) ने शहर को एक कल्चरल डिस्ट्रिक्ट बनाने के लिए एक बड़े मास्टरप्लान के तहत 'तिआंजिन बिन्हाई लाइब्रेरी' को बनाया है.

इसके बाद हमने तिआंजिन के इस लाइब्रेरी से जुड़े कुछ कीवर्ड्स सर्च किए. वहां हमें ढ़ेरों रिपोर्ट्स मिलीं जो इसकी पुष्टि करती हैं कि यह चीन के तिआंजिन शहर की लाइब्रेरी है.

टाइम मैगजीन के अनुसार अक्टूबर 2017 में तिआंजिन में बनाई गई यह बिन्हाई लाइब्रेरी चीन के आकर्षक जगहों में से एक है.

हमें 12 मार्च 2018 के अमर उजाला और 14 नवंबर 2017 के HJ न्यूज की यूट्यूब हैंडल पर भी इस लाइब्रेरी का पूरा वीडियो मिला.

Full View

इससे स्पष्ट है कि वायरल तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा बेबुनियाद है. अमेरिका ने डॉ अंबेडकर के नाम पर ऐसी कोई लाइब्रेरी नहीं बनवाई है. यह चीन के तिआंजिन की लाइब्रेरी है.

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