लोकसभा चुनाव के लिए जारी दूसरे चरण के मतदान के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर हो रही है. इसमें पूर्व मिस यूनिवर्स लारा दत्ता के हवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन के साथ कुछ आपत्तिजनक बातें भी शामिल हैं. बूम ने पाया कि लारा दत्ता के मूल बयान वाले ग्राफिक में अलग से लाइनें जोड़ी गई हैं.
वायरल हो रहे ग्राफिक में न्यूज 24 का कार्ड इस्तेमाल किया गया है. इसमें लिखा है, 'सब लोगों को खुश रख पाना मुश्किल है और पीएम भी इंसान हैं. यह काम किसी बारडांसर के ही बस में हो सकता है जिससे बार में आनेवाले सभी ग्राहक खुश रहते हैं.'
इस पोस्ट को एक वेरिफाइड एक्स हैंडल @jpsin1 ने शेयर करते हुए लिखा, अरे यार लारा दत्ता को इतनी कड़वा सच नहीं बोलना चाहिए था.
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बूम ने पाया कि लारा दत्ता के बयान के हवाले से वायरल ग्राफिक एडिट किया गया है और उसमें आपत्तिजनक लाइनें अलग से जोड़ी गई हैं.
बूम ने वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में एक यूजर का रिप्लाइ मिला जिसने न्यूज 24 का ओरिजनल पोस्ट शेयर किया था.
यहां से हमें न्यूज 24 का असली पोस्ट मिला, इसे 25 अप्रैल 2024 को दोपहर 3.33 बजे शेयर किया गया था. इसका कैप्शन था- "सब लोगों को खुश रख पाना मुश्किल..." PM मोदी के सपोर्ट में लारा दत्ता ने कहा
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इसके बाद हमने संबंधित कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर सर्च किया तो हिंदी न्यूज वेबसाइट जनसत्ता की एक रिपोर्ट मिली. 26 अप्रैल 2024 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया कि लारा दत्ता ने पीएम मोदी के राजस्थान के बांसवाड़ा में दिए भाषण पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी की योजना देश की संपत्ति मुसलमानों में बांटने की है. इस रिपोर्ट में बताया गया कि लारा दत्ता ने एंटरटेनमेंट न्यूज चैनल जूम को दिए इंटरव्यू में कहा था कि आखिर पीएम मोदी भी एक इंसान हैं और सबको खुश रखना मुश्किल है. इसमें कहीं भी बारडांसर वाले कथन का जिक्र नहीं किया गया.
आगे हमें एंटरटेनमेंट न्यूज चैनल जूम के यूट्यूब चैनल पर लारा दत्ता के पूरे इंटरव्यू का लिंक मिला. इंटरव्यू में 11.45 मिनट से लेकर 12.48 मिनट तक पीएम मोदी के राजस्थान में दिए भाषण का जिक्र होता है. रिपोर्टर ने लारा से पूछा कि क्या आपको लगता है कि प्रधानमंत्री होने के नाते उन्हें थोड़ा ध्यान रखना चाहिए या फिर ऐसे बयान ठीक हैं क्योंकि वह अपना चुनाव लड़ रहे थे.
इस पर लारा कहती हैं, "आखिरकार, हम सभी इंसान हैं और हर वक्त हर किसी को खुश रखना संभव नहीं है. जैसे हम एक्टर्स ट्रोलिंग से अछूते नहीं हैं वैसे ही इस देश के प्रधानमंत्री भी. हम सभी इसे अपने हिसाब से देखते हैं. आप केवल इस हिसाब राय नहीं रख सकते कि एक पक्ष या दूसरे पक्ष आहत न हो. कहीं न कहीं आपको दृढ़ विश्वास को बनाए रखना होता है. अगर उनमें ऐसा करने की हिम्मत है और साहस है यह काबिल-ए-तारीफ है."