सोशल मीडिया पर दो पक्षों के बीच मारपीट का वीडियो वायरल है. इसमें कुछ पुरुषों को महिलाओं पर लाठी और ईंटों से बेरहमी से वार करते देखा जा सकता है. इसे लेकर यूजर दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के करहल में समाजवादी पार्टी के प्रशांत यादव ने एक दलित बेटी की हत्या कर दी क्योंकि वह बीजेपी को वोट करने के लिए कह रही थी.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो यूपी के कुशीनगर में हुई एक घटना का है. कुशीनगर में 18 नवंबर 2024 को भगवानपुर गांव की सड़क को लेकर में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था, जिसमें दोनों पक्षों ने एक दूसरे के साथ मारपीट की थी. वायरल वीडियो मैनपुरी जिले के करहल में हुई घटना से संबंधित नहीं है.
दरअसल 20 नवंबर को यूपी की करहल सीट पर उपचुनाव के दौरान एक दलित युवती का शव बोरे में बरामद हुआ था. युवती के पिता ने आरोप लगाया था कि बीजेपी को वोट देने की बात कहने पर सपा समर्थक प्रशांत यादव और उसके साथियों ने बेटी को धमकाया था और उसे जबरन बाइक पर बिठाकर ले गए थे.
फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा, 'कौन-किसको वोट दे ये हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है लेकिन राजनीतिक नशे में चूर शैतान संविधानिक नियम कहां मानते हैं. करहल में एक दलित बेटी की निर्मम हत्या अखिलेश यादव कि समाजवादी पार्टी के प्रशांत यादव ने सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि उस लड़की ने कमल पर वोट डालने को कहा.' यही इन जातिवादी हत्यारों का समाजवाद है. संविधान केवल राष्ट्रवादी संगठनों कि सरंक्षन में ही सुरक्षित है, जातिवादी गिद्धों के नहीं.'
एक्स (आर्काइव लिंक) पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो वायरल है.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो कुशीनगर में हुई मारपीट की घटना का है
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो को गूगल लेंस से सर्च किया. हमें एक एक्स यूजर का पोस्ट मिला, जिसमें इस वीडियो को यूपी के कुशीनगर जिले का बताया गया.
कुशीनगर पुलिस ने भी 25 नवंबर 2024 को अपने एक्स हैंडल से इस वीडियो पोस्ट के रिप्लाई में बताया कि इस मामले में हनुमानगंज थाने में सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
गूगल सर्च करने पर हमें कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं, जिसमें वायरल वीडियो वाले स्क्रीनशॉट भी शामिल हैं. नवभारत टाइम्स की 19 नवंबर 2024 रिपोर्ट में बताया गया कि खड्डा के हनुमानगंज थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव में दो पक्षों के बीच सड़क को लेकर हुआ विवाद मारपीट में बदल गया.
रिपोर्ट के अनुसार, भगवानपुर गांव के पूर्व प्रधान नागेंद्र चौधरी और राबड़ी देवी के परिवार के बीच सड़क को लेकर विवाद है. सोमवार (18 नवंबर) को विवाद ने उग्र रूप धारण कर लिया और दोनों पक्षों के बीच तनातनी बढ़ गई. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराया. पुलिस के जाने के बाद दोनों पक्ष फिर से आमने-सामने आ गए और जमकर मारपीट शुरू हो गई. इसमें दर्जन भर गंभीर रूप से घायल हो गए.
रिपोर्ट में हनुमानगंज थानाध्यक्ष के हवाले से बताया गया, “मारपीट की इस घटना में 6 लोगों के ऊपर नामजद मुकदमा दर्ज करते हुए 2 लोगों को जेल भेज दिया गया है और इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही हैं.”
लाइव हिंदुस्तान और स्थानीय मीडिया आउटलेट कबीर मिशन व Neemkathana Media पर भी इस घटना की रिपोर्ट देखी जा सकती है.
मैनपुरी दलित लड़की की हत्या का मामला
टाइम्स ऑफ इंडिया की 20 नवंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 20 नवंबर की सुबह मैनपुरी के थाना करहल इलाके में कंजरा नदी पुल के पास एक दलित युवती का बोरे में शव मिला था.
युवती के परिजनों का आरोप है कि चुनाव में वोट डालने को लेकर एक पक्ष के लोगों ने उन्हें धमकाया था और विरोध करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. बीती 19 नवंबर को दो लोग बाइक पर बेटी को बैठाकर ले गए थे. उन्हीं दोनों ने बेटी की हत्या कर शव को फेंक दिया.
इस मामले पर मैनपुरी के एसपी ने अपने बयान में कहा था, "मृतका के पिता के द्वारा दो लोगों प्रशांत यादव और मोहन कठेरिया के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था, दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके माता-पिता द्वारा यह बयान दिया गया है कि भाजपा को वोट देने से रोकने के कारण उनकी लड़की की हत्या की गई है, इसे विवेचना में शामिल करके आगे की कार्रवाई की जा रही है."