सोशल मीडिया पर महिलाओं द्वारा एक पुरुष को बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि "केरल में हिंदू लड़कियों ने बदसलूकी करने के आरोपी मुस्लिम व्यक्ति की जमकर पिटाई की".
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है. दरअसल वीडियो में दिख रही महिलाओं ने पिछले दिनों केरल के त्रिशूर में एक व्यक्ति के चर्च छोड़ने के बाद उसकी पिटाई कर दी थी.
वायरल हो रहा वीडियो करीब 1 मिनट 45 सेकेंड का है. वीडियो में कुछ महिलाएं एक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई करती हुई दिखाई दे रही हैं. इस दौरान महिलाएं वहां मौजूद एक कार पर भी हमला कर रही हैं. वीडियो में पिटाई के दौरान के कई विचलित करने वाले दृश्य मौजूद हैं.
वायरल वीडियो को ट्विटर पर अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ साझा किया गया है, जिसका हिंदी अनुवाद है “हिंदू लड़कियों की एकता, जब केरल में हिंदू लड़कियों से मुस्लिम शख्स ने की बदसलूकी”.
फ़ेसबुक पर भी यह वीडियो इसी तरह के दावों से शेयर किया गया है. वायरल दावे से जुड़े फ़ेसबुक पोस्ट्स को आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो मातृभूमि इंग्लिश की वेबसाइट पर 6 जनवरी 2023 को प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में फ़ीचर इमेज वायरल वीडियो का स्क्रीनग्रैब था.
रिपोर्ट के अनुसार केरल के त्रिसूर के मुरियद में ज़ियोन चर्च से जुड़ी कुछ महिलाओं ने शाजी नाम के एक व्यक्ति के साथ मारपीट की थी. चर्च से जुड़े लोगों ने उस व्यक्ति पर चर्च के मुख्य पादरी की एडिटेड फ़ोटो कथित रूप से शेयर करने का आरोप लगाया था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि शाजी और उसके परिवार वालों ने हाल ही में चर्च जाना छोड़ दिया था. इस मामले में अलूर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस के अनुसार करीब 50 से ज्यादा महिलाओं ने शाजी के कार को रोक कर उसके और उसके परिवारवालों के साथ मारपीट की थी.
जांच में हमें इससे संबंधित रिपोर्ट मनोरमा ऑनलाइन और इंडिया टुडे की वेबसाइट पर भी मिली.
7 जनवरी 2023 को मनोरमा ऑनलाइन की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने शाजी के ऊपर हमला करने के आरोप में करीब 11 महिलाओं को हिरासत में लिया था. महिलाओं के ऊपर जान से मारने की नीयत से हमला करने के आरोप में अलूर पुलिस ने केस दर्ज किया था.
इस रिपोर्ट में भी यह बताया गया था कि शाजी ने पिछले दिनों एम्पेरर इम्मेनुएल चर्च के अधीन आने वाले जियोन रिट्रीट सेंटर से अपने संबंध तोड़ लिए थे. जिसके बाद उस चर्च से जुड़ी कई महिलाओं ने शाजी की कार को रोक कर उसके परिवारवालों पर हमले किए थे और साथ ही कार को भी नुकसान पहुंचाया था. हालांकि महिलाओं ने भी शाजी के ऊपर एडिटेड तस्वीर शेयर करने का आरोप लगाया था. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कुछ महिलाओं को गिरफ्तार किया था.
इंडिया टुडे की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में भी वही सब जानकारी मौजूद है, जो ऊपर लिखी गई है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट में यह बताया गया कि कोर्ट ने शाजी और उसके परिवार वालों के साथ मारपीट करने के आरोप में 11 महिलाओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
हमारी अभी तक की जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि वायरल वीडियो जियोनिस्ट चर्च से जुड़ी महिलाओं द्वारा हाल ही में चर्च को छोड़ने वाले एक परिवार की पिटाई किए जाने का है, ना कि हिंदू लड़कियों द्वारा मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई का.
हमने अपनी जांच को और पुख्ता बनाने के लिए अलूर पुलिस से भी संपर्क किया तो उन्होंने इस घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक दृष्टिकोण होने से साफ़ इनकार कर दिया. अलूर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर सुबिंद के एस ने बताया कि “यह घटना मुरियद इलाके में 5 जनवरी 2023 को हुई थी. यह मामला जियोन चर्च से जुड़ी महिलाओं द्वारा एक व्यक्ति और उसके परिवार की पिटाई किए जाने का था, जिसने हाल ही में जियोन चर्च से अपने संबंध तोड़ दिए थे. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों और पीड़ितों का संबंध एक ही समुदाय से है”.