सोशल मीडिया पर खेत के बीचों बीच लगी आग और उसकी वजह से तेजी से उठते धुएं का एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि "यह पश्चिम बंगाल का दृश्य है जहां यह आग लगी हुई है".
हालांकि बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो केरल के पलक्कड़ के कवस्सेरी में आयोजित पूरम उत्सव के दौरान हुई आतिशबाजी का है. यह आतिशबाजी हर वर्ष आयोजित की जाती है.
वीडियो को बीते 16 मई को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले की एक फैक्ट्री में हुए धमाके से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. यह धमाका पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत खाड़ीकुल गांव में स्थित पटाखे की एक अवैध फैक्ट्री में हुआ था, जिसमें करीब 9 लोगों की मौत हो गई थी. पश्चिम बंगाल सरकार ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए 2.5 लाख रूपये का ऐलान भी किया है.
वायरल वीडियो को फ़ेसबुक और ट्विटर पर एक ख़ास कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है. कैप्शन में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा जा रहा है कि “राज्य में कानून व्यवस्था का कोई अता पता नहीं है और यह बारूद की ढेर पर बैठा हुआ है”.
फ़ेसबुक पर मौजूद वायरल वीडियो से जुड़े पोस्ट्स आप यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए उसके कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह वीडियो ‘Youtube Peedika’ नाम के यूट्यूब अकाउंट से 18 मार्च 2022 को अपलोड किया हुआ मिला. वीडियो के साथ मौजूद डिस्क्रिप्शन में ‘Palakkad Kavassery pooram best vedikkettu’ लिखा हुआ था.
इसके बाद हमने कैप्शन में मौजूद कुछ शब्दों की मदद से गूगल सर्च किया तो पता चला कि पूरम केरल के मुख्यतः तीन जिलों त्रिसूर, पलक्कड़, मलप्पुरम ज़िलों के प्रमुख मंदिरों द्वारा मनाया जाने वाला एक सांस्कृतिक त्यौहार है. इस त्यौहार में हाथियों की शोभायात्रा, सांस्कृतिक संगीत और आतिशबाजी जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
चूंकि यूट्यूब पर मिले वीडियो के डिस्क्रिप्शन में इसे पलक्कड़ के कवस्सेरी का बताया गया था तो हमने इसकी मदद से भी गूगल सर्च किया. हमें पता चला कि कवस्सेरी के परक्कट श्री भगवती देवासम(मंदिर) की तरफ़ से भी पूरम त्यौहार मनाया जाता है. इसी दौरान हमें गूगल मैप पर इसी मंदिर वाले स्थान पर वायरल वीडियो भी मिला, जिसे मार्च 2022 में अपलोड किया गया था.
इसके अलावा यूट्यूब पर हमें अलग अलग वर्षों में कवस्सेरी के पूरम त्यौहार में हुई आतिशबाजी के कई अन्य वीडियोज भी मिले.
इसके बाद हमने परक्कट श्री भगवती देवासम की वेबसाइट पर मौजूद नंबर से भी संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि “यह त्यौहार हर वर्ष आयोजित किया जाता है, जिसमें आतिशबाजी भी होती है. लेकिन यह आतिशबाजी मंदिर समिति नहीं बल्कि आस पास के जगहों का प्रतिनिधित्व करने वाली अलग अलग पांच समितियां करती है.
इसके बाद हमने अलग अलग समितियों से भी संपर्क किया तो उनमें से एक 'कजहानी' इलाके की समिति के एक सदस्य ने बूम को यह स्पष्ट किया कि “यह आतिशबाजी कवस्सेरी के पूरम त्यौहार के दौरान का ही है”. इस दौरान वे आतिशबाजी की वास्तविक तारीख़ और इसे आयोजित करने वाली समिति का नाम नहीं बता सके.
जांच में हमने इन्हीं में से एक समिति के नाम को फ़ेसबुक अकाउंट पर सर्च किया तो हमें यह वीडियो भी मिला, जिसे 18 मार्च 2022 को अपलोड किया गया था. वीडियो के साथ मौजूद मलयालम कैप्शन के अनुसार यह कवस्सेरी के पूरम त्यौहार का ही दृश्य है. साथ ही कैप्शन में लोकेशन के तौर 'कजहानी' भी लिखा हुआ है.