HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

केरल में मुस्लिमों द्वारा मंदिर तोड़े जाने के फ़र्ज़ी दावे से वायरल हुआ पुराना वीडियो

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो में दिख रहा ढ़ांचा आंध्र प्रदेश जिले के गुंटूर के एक दरगाह का है, जिसे मुस्लिम समुदाय के दो पक्षों के आपसी विवाद में तोड़ा जा रहा था.

By -  Anmol Alphonso |

18 May 2023 7:15 PM IST

सोशल मीडिया पर कुछ व्यक्तियों द्वारा एक दरवाजे को तोड़ने का वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. तोड़े जा रहे दरवाजे के ऊपर सांप एवं चांद-सितारा बना हुआ है. वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि यह केरल का दृश्य है जहां हिंदुओं के मंदिर को तोड़ा जा रहा है.

हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. वीडियो में दिख रहा ढ़ांचा आंध्र प्रदेश जिले के गुंटूर के एक दरगाह का है, जिसे मुस्लिम समुदाय के दो पक्षों के आपसी विवाद में तोड़ा जा रहा था. गुंटूर पुलिस ने भी स्पष्ट करते हुए इस घटना में किसी भी सांप्रदायिक एंगल होने से इनकार कर दिया था.

वायरल वीडियो क़रीब 25 सेकेंड का है. वीडियो में इस्लामिक टोपी पहने कुछ लोग एक दरवाजा जिसके ऊपर पीले रंग की सांप की मूर्ति एवं चांद सितारा मौजूद है, उसे हथौड़े की मदद से तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान वीडियो में कुछ महिलाओं की आव़ाज भी सुनाई दे रही है.

वीडियो को फ़ेसबुक पर एक ख़ास कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा हुआ है “यह है केरल के हालात जहां हिन्दू अपने मंदिरों को चाह कर भी नहीं बचा पा रहे है सिर्फ 40 प्रतिशत हिन्दू वहां बिल्कुल असहाय हो चुके है। केरल अघोषित रूप से इस्लामिक स्टेट बन चुका है जहां कोई भी मंदिर हराम है। सच से मुँह फेरना बंद करो हिंदुओं संगठित हो”.



वायरल वीडियो से जुड़े अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

फ़ैक्ट चेक

बूम अक्टूबर 2022 में भी इस वीडियो की पड़ताल कर चुका है. तब हमने अपनी जांच में पाया था कि यह वीडियो आंध्र प्रदेश के गुंटूर का जिले है. जहां मुस्लिम समुदाय के दो समूहों के बीच दरगाह को मस्जिद बनाए जाने को लेकर विवाद हो गया था. इसी विवाद के दौरान एक पक्ष के लोगों ने दरगाह के दरवाजे को हथौड़े से तोड़ने की कोशिश की थी.

जांच के दौरान हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया था तो हमें भाजपा नेता सत्या कुमार द्वारा 14 अक्टूबर 2022 को किया गया ट्वीट मिला. इस ट्वीट में वायरल वीडियो भी मौजूद था. वीडियो के साथ मौजूद कैप्शन में बताया गया था कि “आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में ऊंची जाति के अशरफ़ मुस्लिमों ने पसमांदा व अन्य निचली जाति के मुसलमानों द्वारा पूजे जाने वाले दरगाह को तोड़ दिया था”.



जांच में हमें इससे संबंधित रिपोर्ट अंग्रेज़ी न्यूज़ वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस पर भी मिली. 17 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने 12 अक्टूबर 2022 को गुंटूर के एलआर नगर में भाजी भाषा निशानी दरगाह को हथौड़ों से गिराने का प्रयास किया था. इस दरगाह में पिछले 40 सालों से सभी समुदायों के लोग आते हैं.



रिपोर्ट में आगे बताया गया था कि जब दरगाह वाली जमींदार की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी, तो उनकी बेटी ने स्थानीय लोगों से पूजा जारी रखने का आग्रह किया था. चूंकि दरगाह की स्थिति सही नहीं थी, इसलिए स्थानीय लोगों ने मरम्मत कार्य शुरू करने के लिए पैसे भी एकत्र किए थे. लेकिन 12 अक्टूबर 2022 को एक समूह ने यह दावा करते हुए दरगाह की दीवारों को गिराने का प्रयास किया कि वे एक नई दीवार का निर्माण करेंगे. जब स्थानीय लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो तनाव फैल गया. रिपोर्ट में लालापेट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर प्रभाकर का भी बयान मौजूद था.

इसके बाद हमने अक्टूबर 2022 में इंस्पेक्टर प्रभाकर से भी संपर्क किया था तो उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया था कि “यह एक हिंदू मंदिर नहीं है बल्कि मुस्लिम समुदाय द्वारा बनाई गई “निशानी दरगाह” है. इसकी स्थापना रत्नम उर्फ ​​रहमान ने की थी जो इस इलाके में पिछले 40 साल से रह रहे थे. 2020 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी ने यह जगह मस्जिद निर्माण के लिए दे दी, लेकिन स्थानीय लोगों ने इस फ़ैसले का काफ़ी विरोध किया”.

आगे उन्होंने बताया कि “इसी वजह से वीडियो में दिख रहे लोगों ने दरगाह को गिराने की कोशिश की. शुरुआत में रहमान एक ईसाई थे, लेकिन बाद में उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया था. उनकी दिवंगत पत्नी का नाम नागा रत्नम था, इसलिए उन्होंने दरगाह पर नाग की मूर्ति लगाई थी. साथ ही उन्होंने चांद और सितारा भी लगाया था. हालांकि फ़र्ज़ी खबरें शेयर करने वाले लोग केवल सांप की मूर्ति का ही जिक्र कर रहे हैं”.

इंस्पेक्टर प्रभाकर ने यह भी बताया कि “वीडियो में दिख रहा दृश्य दरगाह की दीवार का है, जिसे कुछ लोग तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. वास्तव में यह दरगाह भी नहीं है, क्योंकि वहां कोई मकबरा नहीं है लेकिन वहां कुछ पत्थर मौजूद हैं. विवाद की वजह यह है कि मुस्लिम समुदाय का एक पक्ष चाहता था कि यह दरगाह ही बनी रहे जबकि दूसरा पक्ष इसे मस्जिद बनाना चाहता था. हालांकि दरगाह को बंद करके किसी को अंदर प्रवेश नहीं करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं”.

इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया था कि “जमीन का मालिक कौन है और दरगाह किसने बनवाई, इस पर विवाद चल रहा है. हालांकि रहमान की बेटी ने अपील की है कि वह उस जगह की मालकिन है और इसकी कानूनी वारिस भी है. इस घटना में परिसर की दीवार और कुछ हिस्सा नष्ट हो गया. हालांकि इस घटना के संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई. लेकिन वहां होने वाले किसी भी काम को रोक दिया गया है एवं वक्फ बोर्ड के एक इंस्पेक्टर ने उस जगह पर जाकर दोनों पक्षों के बयान भी दर्ज कर लिए हैं”.

चूंकि इंस्पेक्टर प्रभाकर ने पिछले साल अक्टूबर में हमें इस घटना के संबंध सारी जानकारी दी थी, इसलिए हमने इस घटना की मौजूदा स्थिति जानने के लिए न्यूज़ रिपोर्ट्स खंगाली. लेकिन हमें कोई ख़ास जानकारी नहीं मिली.

बीच सड़क पर नमाज पढ़ते बच्चे का यह वीडियो कर्नाटक का नहीं है

Tags:

Related Stories