सोशल मीडिया पर उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ा-खच्चर संचालकों द्वारा यात्रियों के साथ मारपीट किए जाने का एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि "यात्रियों को लाठी और डंडे से पीटने वाले ये घोड़ा-खच्चर संचालक मुस्लिम हैं".
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है. रुद्रप्रयाग पुलिस ने यात्रियों के साथ मारपीट करने के आरोप में अंकित सिंह, संतोष कुमार, रोहित कुमार, गौतम को गिरफ़्तार किया है. वहीं पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की है.
वायरल हो रहा वीडियो करीब 2 मिनट 20 सेकेंड का है. वीडियो में कुछ लोग एक युवती और दो युवक के साथ लाठी और डंडे से मारपीट करते नज़र आ रहे हैं. इस दौरान कुछ लोग बीच बचाव करते हुए भी देखे जा सकते हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में मारपीट करने वाले लोगों को घोड़ा-खच्चर संचालक बताया गया है.
नवनिर्माण हिंदू सेना परिषद् ने इस वीडियो को सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “केदारनाथ में जिहादियों का आतंक! वायरल वीडियो उत्तराखंड देवभूमि केदारनाथ धाम का बताया जा रहा है। केदारनाथ में यात्रियों के साथ मुस्लिम जिहादी घोड़ा खच्चर वालों ने यात्रियों को लाठी-डंडों से पीटा”.
वहीं इस वीडियो को फ़ेसबुक पर इसी तरह के दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है.
फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए इस वीडियो को लेकर किए गए कई ट्वीट्स को खंगाला. हमें इस दौरान एक ट्वीट के रिप्लाई में उत्तराखंड की रुद्रप्रयाग पुलिस के आधिकारिक अकाउंट से 13 जून 2023 को किया गया रिप्लाई मिला.
रिप्लाई में रुद्रप्रयाग पुलिस के फ़ेसबुक पेज से किए गए पोस्ट का लिंक भी मौजूद था. फ़ेसबुक पोस्ट में घटना की पूरी जानकारी और आरोपियों के नाम भी मौजूद थे.
रूद्रप्रयाग पुलिस के अनुसार, यह घटना 10 जून 2023 की है. दरअसल दिल्ली की रहने वाली एक युवती तनुका पौण्डार केदारनाथ यात्रा पर जा रही थी. तभी रास्ते में भीमबली पुल के पास उन्हें एक घोड़ा बुरी हालत में गिरा हुआ मिला. इसके बाद उन्होंने वहां रुक कर आसपास के लोगों से मदद मांगी लेकिन किसी ने मदद नहीं की. तभी वहां पर एक व्यक्ति कुछ अन्य पशुओं के साथ बुरा बर्ताव कर रहा था. इसपर जब युवती ने उस व्यक्ति को टोका और ऐसा ना करने की अपील की, तो करीब 4-5 लोग उसे और उसके सहयोगियों के साथ मारपीट करने लगे.
बाद में सोनप्रयाग वापस लौटते समय युवती ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज की. जिसके बाद पुलिस ने मारपीट करने वाले पांच अभियुक्तों की पहचान करते हुए अंकित सिंह, संतोष कुमार, रोहित कुमार और गौतम नाम के युवकों को गिरफ़्तार किया. वहीं पुलिस ने इस घटना में शामिल एक नाबालिग के खिलाफ़ भी कार्रवाई की.
जांच में हमें रुद्रप्रयाग पुलिस के ही ट्विटर अकाउंट से 14 जून 2023 को ट्वीट किया गया एक वीडियो भी मिला. वीडियो में इस घटना के संबंध में रुद्रप्रयाग की पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे द्वारा दिया गया बयान भी मौजूद था. पुलिस अधीक्षक ने अपने बयान में यह भी बताया है कि इस घटना को अंजाम देने वाले घोड़ा संचालकों के लाइसेंस भी रद्द किए गए हैं.
इसके बाद हमने अपनी जांच को और पुख्ता बनाने के लिए गुप्तकाशी के डीएसपी विमल रावत से भी संपर्क किया तो उन्होंने वायरल दावों का खंडन करते हुए कहा कि, “पीड़ित और आरोपी में से कोई भी मुस्लिम नहीं हैं. दोनों ही पक्ष हिंदू हैं”.
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