कर्नाटक के बेलगाम जिले स्थित चिकोडी में सड़क के डिवाइडर पर लाइट पोल में लगे इस्लामिक झंडे का वीडियो सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल है. यूजर वीडियो शेयर करते हुए इसे पाकिस्तान का झंडा बता रहे हैं.
बूम को चिकोडी के पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीडियो में दिख रहे झंडे इस्लामिक हैं जिन्हें बीते दिनों ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर लगाया गया था.
एक्स पर एक यूजर ने लिखा, 'भारत को पाकिस्तान बनते हुए चिक्कोडी, कर्नाटक का नजारा देख लीजिए. कांग्रेस के शासन में क्या होता है अगर समझ नही आता तो. कितना भी पढ़ लो लेकिन रहोगे ढक्कन ही.'
फेसबुक (आर्काइव लिंक) पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो वायरल है.
दावे की सत्यता की जांच के लिए बूम की टिपलाइन (+917700906588) पर भी हमें यह वीडियो प्राप्त हुआ.
फैक्ट चेक : वीडियो में दिख रहे झंडे धार्मिक हैं
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में जो झंडे दिख रहे हैं, वह इस्लामिक झंडे हैं. पाकिस्तान का झंडा इस्लामिक झंडे से काफी अलग है. पाकिस्तान के झंडे में बाईं ओर सफेद बॉर्डर होता है जो कि इस्लामिक झंडे में नहीं होता है.
सोशल मीडिया यूजर द्वारा पहले भी इस तरह के इस्लामिक (धार्मिक) झंडे को पाकिस्तान का झंडा बताकर फर्जी दावे किए गए. बूम ने ऐसे कई दावों को फैक्ट चेक किया है, जब इस्लामिक झंडे को पाकिस्तानी झंडा बताया गया.
हमने वायरल वीडियो में दिख रहे झंडे की तुलना पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे से की तो पाया कि यह पाकिस्तान के झंडे से काफी अलग है. यह मुस्लिम समुदाय का एक धार्मिक झंडा है.
नीचे दोनों के बीच तुलना देखिए.
ईद-ए-मिलाद के मौके पर लगाए गए थे झंडे
अधिक स्पष्टिकरण के लिए हमने कर्नाटक के बेलगाम स्थित चिकोडी पुलिस थाने से संपर्क किया. एक पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि वायरल वीडियो कर्नाटक के चिकोडी का ही है. पुलिस अधिकारी ने बताया, "यह पाकिस्तानी झंडे नहीं बल्कि धार्मिक झंडे हैं. अभी कुछ दिन पहले ईद मिलाद-उन-नबी (ईद-ए-मिलाद) के त्यौहार पर पुलिस से इजाजत लेकर यह झंडे लगाए गए थे."
गौरतलब है कि ईद मिलाद-उन-नबी मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन यह त्योहार मनाया जाता है. पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय जगह-जगह पर जुलूस निकालते हैं और प्राथनाएं करते हैं.