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फैक्ट चेक

जानिए दिल दहला देने वाली इस तस्वीर का सच

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में दिख रहे ये दोनों भाई गाज़ा में इज़राइल द्वारा किये गए हमले में बचने के बाद एक दूसरे से मिल कर रो रहे हैं

By - Srijit Das | 16 May 2021 11:27 PM IST

आपने व्हाट्सप्प (WhatsApp), ट्विटर (Twitter) या फ़ेसबुक (Facebook) पर दिल दहला देने वाली वो तस्वीर ज़रूर देखी होगी जिसमें दो बच्चें एक दूसरे के गले लग कर रो रहें हैं. तस्वीर के साथ ये दावा किया जा रहा है कि इन दोनों भाइयों ने इज़राइल (Israel) द्वारा गाज़ा (Gaza) पर किये गए हमले में एक दूसरे को मृत मान लिया था और जब इन्होने पाया कि दोनों ज़िंदा हैं तो ख़ुशी से रो पड़े.

आपको बता दे, ये दावा गलत है. तस्वीर 2016 की है और सीरिया (Syria) से है.

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ये तस्वीर ऐसे वक़्त पर वायरल है जब इज़राइल (Israel) और फ़िलिस्तीन (Palestine) के बीच जंग जैसे हालात बनते जा रहे हैं. चल रही हिंसक घटनाओं में अब तक तक़रीबन 150 मौतें हो चुकी हैं. इनमे से अधिकाँश मौत फ़लीस्तीन की ओर हुए हैं.

वायरल तस्वीर के साथ अंग्रेजी में किया गया दावा कहता है 'गाज़ा से दो भाइयो की इस तस्वीर ने विश्वभर का ध्यान खींचा है. ये फ़िलिस्तीनी लड़का ये मान बैठा था कि उसके भाई की गाज़ा पर हुए बम वर्षा में मृत्युं हो गयी थी. जब उसने उसे जीवित पाया तो गले लगा बैठा'.  

(English: A photo story of two brothers from #Gaza that became global, Palestinian boy who thought his brother had been killed after the Gaza bombing hugs him when he sees him अलाइव)

तस्वीर नीचे देखें.

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ये तस्वीर फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर की जा रह है.


फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल तस्वीर पर जब रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें 2016 में द वाशिंगटन पोस्ट (The Washington Post) में छपी एक रिपोर्ट मिली जिसमें इसी घटना का उल्लेख था और यही तस्वीर इस्तेमाल की गयी थी.

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वाशिंगटन पोस्ट के इस रिपोर्ट के मुताबिक ये तस्वीर वर्ष 2016 में सीरिया के अलेप्पो शहर में हुए एक विस्फ़ोट के बाद खींची गयी थी. रिपोर्ट में आगे लिखा गया था कि इस भीषण विस्फ़ोट में इन दोनों बच्चों ने अपने भाई को खो दिया था. तस्वीर में ये एक दूसरे को ढांढस बंधाते नज़र आ रहे हैं.

 हमें Inside Edition के यूट्यूब पेज पर एक वीडियो भी मिला जिसमे यही दोनों बच्चे नज़र आते हैं.

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इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में भी इसे वर्ष 2016 में घटित सीरिया (Syria) की घटना बताया गया है.

इस वीडियो और वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट से साबित हो जाता है कि ये तस्वीर पुरानी है और सीरिया (Syria) से है ना की गाज़ा (Gaza) से. 

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