'इंडियन आयल-अडानी गैस' (Indian Oil-Adani Gas) नाम के साथ एक गैस स्टेशन की तस्वीर वायरल हो रही है. नेटिज़ेंस फ़र्ज़ी दावा कर रहे हैं कि इंडियन आयल कारपोरेशन, अडानी ग्रुप को बेचा जा चूका है.
बूम ने पाया कि इंडियन आयल कॉर्पोरेशन और अडानी ग्रुप ने शहरों में घरेलु गैस (Domestic Gas) और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस यानी सी.एन.जी (CNG) के वितरण के लिए साल 2013 में 50-50 जॉइंट वेंचर शुरू किया था. इस वेंचर का नाम 'इंडियन आयल-अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड' (IOAGPL) है. इंडियन आयल कारपोरेशन एक अलग सरकारी कंपनी है. यह अडानी ग्रुप को नहीं बेची गयी है.
"वायरल ख़बर फ़र्ज़ी है. इंडियन आयल अडानी ग्रुप को नहीं बेची गयी है. यह एक 50-50 जॉइंट वेंचर है जो 2013 में शुरू किया गया था. हम पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड द्वारा विनियमित हैं," अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड के प्रवक्ता ने बूम को बताया.
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यह तस्वीर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के बाद वायरल हो रही है. यह तस्वीर फ़ेसबुक और ट्विटर पर ज़ोरों से वायरल हो रही है. साथ ही लिखा जा रहा है: "बिक गया इंडियन ऑयल..! बधाई हो भक्तो Indian oil ~ Adani Gas"
कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां, यहां और यहां देखें.
कांग्रेस के सरल पटेल ने भी इस तस्वीर को ट्वीट किया है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि इंडियन आयल-अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड या IOAGPL एक जॉइंट वेंचर है जो देश में अंडरग्राउंड पाइपलाइन से प्राकृतिक गैस पहुंचाने की पहल के तहत है.
इस वेंचर की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, "इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड - भारत सरकार की महारत्न कंपनी और अडानी गैस लिमिटेड का जॉइंट वेंचर है."
इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड कई अन्य निजी कंपनियों के साथ भी जॉइंट वेंचर में है. इंडियन आयल कॉर्पोरेशन की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जॉइंट वेंचर्स की लिस्ट में अडानी का नाम भी है.
बूम ने इन दोनों के जॉइंट वेंचर स्थापित होने की डेट भी पाई. यह जॉइंट वेंचर 4 अक्टूबर 2013 को बना है.
कंपनी की 2019-20 की बैलेंस शीट में भी यह नज़र आता है.
साल 2018 में पेट्रोलियम और नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड के टेंडर में बोलियां लगाईं गयी जिसमें 10 शहरों में इस जॉइंट वेंचर से गैस वितरण किया जाना है. जॉइंट वेंचर के बनने से अब तक इस जॉइंट वेंचर के पास 19 भौगोलिक क्षेत्रों के लाइसेंस हैं.