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फैक्ट चेक

जयपुर में RSS कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल

बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. जयपुर कमिश्नरेट के एसीपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बूम से बताया कि इसमें हमलावर और पीड़ित दोनों हिंदू हैं और घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

By - Jagriti Trisha | 20 Oct 2024 7:04 PM IST

राजस्थान के जयपुर में बीते 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ताओं पर खीर वितरण कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने हमला कर दिया जिसमें कई लोग घायल हो गए. इसके बाद से घटना को सांप्रदायिक रंग देते हुए शेयर किया जा रहा है. सुदर्शन न्यूज समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने यह दावा कि हमलावर एक विशेष समुदाय (मुसलमान) के लोग थे. 

बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि हमलावरों के मुस्लिम होने का दावा गलत है. घटना में शामिल आरोपी नसीब चौधरी और उसका बेटा हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. बूम से की गई बातचीत में जयपुर एसीपी ने घटना के पीछे किसी भी सांप्रदायिक उद्देश्य से इनकार किया.

सुदर्शन न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा कि यह हिंसा तब भड़की जब मुस्लिम बहुल इलाके के एक मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ चल रहा था और शरद पूर्णिमा के अवसर पर प्रसाद रूपी खीर का वितरण हो रहा था. इस दौरान 'विशेष समुदाय' के लोगों ने डंडों और धारदार हथियारों का इस्तेमाल करते हुए संघ के लोगों पर हमला कर दिया.

सुदर्शन न्यूज ने अपने एक्स पर भी अपना एक न्यूज बुलेटिन शेयर किया जिसमें आरोपियों को एक विशेष समुदाय का ही बताया गया था.


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

एक्स पर वेरिफाइड अकाउंट क्रिएटली ने भी घटना के बारे में पोस्ट करते हुए यही सांप्रदायिक दावा किया.


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

इसके अलावा कई फेसबुक यूजर्स ने भी घटना से संबंधित आजतक की एक न्यूज बुलेटिन और घायलों की तस्वीर को शेयर करते हुए यह सांप्रदायिक दावा किया और आरोपियों को मुस्लिम बताया. यहां, यहां और यहां देखें.


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

फैक्ट चेक: घटना के आरोपी मुस्लिम नहीं हैं

जयपुर में हुई इस घटना से संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें कई खबरें मिलीं, जिनमें आरोपियों की पहचान नसीब चौधरी और उसके बेटे भीष्म चौधरी के रूप में की गई थी. 

NDTV राजस्थान की 18 अक्टूबर की एक रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी का नाम 'नसीब' होने के चलते उसके धर्म को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हुई. घटना आपसी विवाद की वजह से हुई थी. इसमें कोई  सांप्रदायिक एंगल नहीं था. रिपोर्ट में जयपुर कमिश्नरेट के एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप के हवाले से बताया गया कि हमला करने वाला आरोपी मुस्लिम नहीं, बल्कि हिंदू समाज से है.


 

खबर के अनुसार, शरद पूर्णिमा के अवसर पर जयपुर के करणी विहार इलाके के एक मंदिर में आरएसएस के लोगों द्वारा जागरण और खीर वितरण का आयोजन करवाया था. इस दौरान मंदिर के बगल में रहने वाले नसीब चौधरी और उसके बेटे भीष्म चौधरी ने संघ के कार्यकर्ताओं पर चाकू से हमला कर दिया.

हमले में लगभग 8 लोग घायल हो गए. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सवाई मान सिंह अस्पताल ले जाया गया. जैसे ही पुलिस को हमले की सूचना मिली, उन्होंने कार्रवाई की और हमलावर नसीब चौधरी और उसके बेटे भीष्म चौधरी को हिरासत में ले लिया.

इस संबंध में एएनआई के एक्स पर एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप की एक स्टेटमेंट देखी जा सकती है. इस बयान में उन्होंने घटना का विस्तृत विवरण देते हुए स्पष्ट तौर पर तमाम सांप्रदायिक दावों का खंडन किया और बताया है कि इसमें कोई भी मुसलमान नहीं है, दोनों ही पक्ष हिंदू हैं. घटना के दो आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है.


लेटेस्ट मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने नसीब पर कार्रवाई करते हुए उसके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवा दिया है. उसपर आरोप था कि उसने अपने मकान के नजदीक स्थित मंदिर की जमीन पर अवैध तरीके से एक कमरे का निर्माण कर रखा था.

बूम ने पुष्टि के लिए एसीपी कुवर राष्ट्रदीप से भी संपर्क किया. उन्होंने घटना में किसी भी सांप्रदायिक एंगल से इनकार किया और स्पष्ट किया कि आरोपी नसीब भी हिंदू है, मुस्लिम नहीं. एसीपी ने कहा, "घटना में कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं है. आरोपी और पीड़ित दोनों हिंदू समुदाय से हैं.

बूम के साथी श्रीजीत दास से मिले इनपुट के साथ 

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