फैक्ट चेक

बांग्लादेश में बुर्का न पहनने पर हिंदू महिलाओं को पीटने का दावा गलत है

वायरल वीडियो ढाका के श्यामोली चौराहे का है और वीडियो में दिख रही महिलाएं देह व्यापार से जुड़ी हैं.

By - Rishabh Raj | 16 Sept 2024 12:36 PM IST

Fact check of Hindu girls being beaten for not wearing burqa in Bangladesh

सोशल मीडिया पर एक वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है जिसमें एक आदमी महिलाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहा है. यूजर्स वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में हिंदू लड़कियों को बुर्का नहीं पहनने के कारण पीटा जा रहा है और उन्हें अपमानजनक शब्द बोले जा रहे हैं.

वायरल वीडियो में दिख रहे आदमी को शुरुआत में कहते हुए सुना जा सकता है, 'मैं इन वेश्याओं को मार दूंगा. मैंने एक ग्रुप को खत्म कर दिया है, मैं इनलोगों को भी खत्म कर दूंगा.' (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. वायरल वीडियो में दिख रही महिलाएं देह व्यापार से जुड़ी हैं और उसे पीट रहे व्यक्ति का नाम एचएम रसेल सुल्तान है.

गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में कई जगहों पर हिंदुओं के ऊपर हमले की खबर सामने आई थी. बाद में बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर आश्वस्त किया था कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले को मीडिया में 'बढ़ा-चढ़ाकर' दिखाया जा रहा है. साथ ही यूनुस ने कहा था कि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'बांग्लादेश में लड़कियों की हालत देखिए, कितनी हिंदू लड़कियां बिना बुर्के के सड़क पर चल रही हैं, कैसे एक कट्टर जिहादी मुस्लिम युवक बीच सड़क पर लड़कियों को वेश्या कहकर उनका शोषण कर रहा है, इस अमानवीय व्यक्ति ने अपनी उपलब्धियां दिखाई हैं, इस्लामिक मीडिया ने क्रूरता दिखाई है.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

वायरल वीडियो की हिंसात्मक प्रकृति के कारण हम स्टोरी में इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)


फैक्ट चेक

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने जब वीडियो को गौर से देखा तो हमें वीडियो पर Islamic Media TV का वाटरमार्क दिखा.

इसकी मदद से जब हमने Islamic Media TV को गूगल पर सर्च किया तो हमें यह फेसबुक पेज मिला. इस पेज पर 30 अगस्त को यह वीडियो अपलोड किया गया था. 

इसका कैप्शन था, 'कृपया अंत तक टिप्पणी न करें. इनकी मुख्य मालिक यह कपड़ा पहनने वाली महिला होती है. यदि आप इसे देखें, तो इसे मार डालें. यह आपकी धार्मिक जिम्मेदारी है. सेना पुलिस हमारे समर्थन में है. जब तक आप अंत तक न देख लें तब तक टिप्पणी न करें. कृपया मुझे गलत न समझे. वीडियो को जितना हो सके शेयर करें. बिजली की गति से शेयर करें ताकि हर कोई सतर्क हो जाए. यह श्यामोली चौराहा का मामला है. सभी लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल हो.' (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)


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इस कैप्शन से हमें पता चला कि यह वीडियो बांग्लादेश की राजधानी ढाका के श्यामोली चौराहे का है.

इसकी मदद से जब हमने इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट Prothomalo.com पर इससे जुड़ी एक रिपोर्ट मिली. इसे रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में दिख रही महिलाएं देह व्यापार से जुड़ी हैं.

रिपोर्ट में कहा गया, 'ढाका की देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं ने शिकायत की है कुछ दिनों से अलग-अलग इलाकों में उनके साथ मारपीट की जा रही है.'

इस वीडियो के वायरल होने के बाद बांग्लादेश के समाज कल्याण मंत्रालय की सलाहकार शर्मिन एस मुर्शिद ने न्यूज वेबसाइट Prothomalo.com से कहा, "ऐसी घटनाएं मानवाधिकार का उल्लंघन हैं. कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता. मैंने इसको लेकर संबंधित पुलिस स्टेशन से बात की है. जो लोग इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए."

बांग्लादेश में देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं के लिए काम करने वाले संस्थान 'कल्याणकारी महिला संघ' के मुताबिक, 27 अगस्त 2024 के बाद से कुछ लोगों द्वारा उनपर हमले किए जा हैं जिसमें अबतक 60 से अधिक देह व्यापार से जुड़ी महिलाएं घायल हुई हैं.

कल्याणमयी महिला संघ की अध्यक्ष रीना अख्तर ने न्यूज वेबसाइट Prothomalo.com को बताया कि ये महिलाएं अब डर के कारण सड़कों पर नहीं निकल पा रही हैं क्योंकि सड़कों पर उन्हें पीटा जा रहा है.


न्यूज वेबसाइट DhakaTribune.com की रिपोर्ट के मुताबिक, श्यामोली स्क्वायर शॉपिंग मॉल के सामने देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं पर हुए हमले को लेकर 69 सामाजिक संगठनों का संयुक्त प्लेटफॉर्म 'समाजिक प्रतिरोध समिति' ने भी चिंता व्यक्त की है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश महिला परिषद की अध्यक्ष डॉ फौजिया मोस्लेम ने एक लेटर जारी कर इस घटना को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया और कहा कि यह बांग्लादेश की दंड संहिता की धारा 323 और 325 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को जानबूझकर चोट पहुंचाना दंडनीय अपराध है.

इसी रिपोर्ट में बताया गया कि वायरल वीडियो में महिलाओं को पीट रहा शख्स एचएम रसेल सुल्तान है.

इसके बाद हमने एचएम रसेल सुल्तान का फेसबुक अकाउंट भी खंगाला, जहां उसने बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन के इसी मुद्दे पर किए गए फेसबुक पोस्ट के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा था, 'अहमदुल्लाह, मैं सफल हुआ. आखिरकार प्रसिद्ध नग्न लेखिका तस्लीमा नसरीन ने मेरी पोस्ट शेयर की. आप उनकी तरफ से इसलिए हो क्योंकि आप भी बचपन से इसी पेशे से जुड़े हो.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

इस पोस्ट में भी आप वायरल वीडियो के स्कीनशॉट को देख सकते हैं. हालांकि, हमें उसके अकाउंट पर वायरल वीडियो नहीं मिला.

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बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए रसेल सुल्तान से संपर्क किया, लेकिन उसकी ओर से कोई उत्तर नहीं मिला. उत्तर मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.

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