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फैक्ट चेक

ये तस्वीर पाकिस्तान में मंदिर तोड़े जाने के बाद हो रहे प्रदर्शन नहीं दिखाती

दावा है कि पाकिस्तान में उपद्रवियों द्वारा मंदिर तोड़ने पर मुसलमान प्रदर्शन कर रहे हैं |

By - Saket Tiwari | 5 Jan 2021 2:15 PM GMT

'मंदिर बनाओ' बैनर तथा पाकिस्तानी झंडे के साथ दिख रहे कुछ लोगों की तस्वीर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है | दावा है कि प्रदर्शनकारी पाकिस्तान में हाल में तोड़े गए एक मंदिर को दोबारा बनवाने की मांग कर रहे हैं | आपको बता दे यह दावा भ्रामक है |

बूम ने पाया कि तस्वीर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में ली गयी है | यह प्रदर्शन 8 जुलाई 2020 को किया गया था |

ज्ञात रहे कि पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में सैकड़ों की संख्या में उपद्रवियों ने टेरी गांव में हाल में श्री परमहंस जी महाराज समाधी और कृष्ण द्वारा मंदिर को आग लगा दी और तहस नहस कर दिया | भारत ने इसके ख़िलाफ़ शिकायत भी दर्ज की है | हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक़, "इस मंदिर को 1997 में तोड़ दिया गया था पर सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद स्थानीय समुदाय 2015 में इसे फिर बनाने को राज़ी हुआ | हालांकि ज़मीन को लेकर विवाद बना रहा |"

क्या किसानों ने धरना स्थल पर एक भाजपा नेता की पिटाई कर दी?

अब तक 350 लोगों के खिलाफ एफ़.आई.आर दर्ज़ की जा चुकी है जिसमें से 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है | इस मामले में 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है |

वायरल तस्वीर के साथ एक व्यंगात्मक कैप्शन भी लिखा जा रहा है जो यूँ है: "पाकिस्तान में उपद्रवियों द्वारा तोड़े गए मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए धरना प्रदर्शन करते जिहादी "(Sic)

कुछ पोस्ट नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां उपलब्ध हैं |


इसी पुराने प्रदर्शन से कुछ और तस्वीरों को शेयर करते हुए अंग्रेजी में भी फ़र्ज़ी दावे वायरल हैं | एक यूज़र ने लिखा है: "पूर्वोत्तर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक दूरदराज के गांव में हिंदू मंदिर नष्ट होने के बाद पाकिस्तान में मुसलमानों ने "मंदिर बनाओ" अभियान शुरू किया। 1992 में बाबरी मस्जिद नष्ट होने के बाद भारत में कितने हिंदुओं ने "मस्जिद बनाओ" अभियान शुरू किया था ??"


क्या किसान आंदोलन में जलाया गया है यह टेलीफ़ोन टॉवर?

फ़ैक्ट चेक

हमने तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा और 11 जुलाई 2020 को डेक्कन हेराल्ड द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट तक पहुंचे | इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर प्रकाशित थी |


डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट में पब्लिश की गयी फ़ोटो के कैप्शन में लिखा था: "8 जुलाई, 2020 को इस्लामाबाद में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान प्लेकार्ड्स के साथ प्रदर्शनकारी, क्योंकि वे सरकार से पाकिस्तान की राजधानी में एक हिंदू मंदिर के निर्माण की अनुमति देने की मांग करते हैं। साभार: एएफपी फोटो)

(Demonstrators hold placards during a protest in Islamabad on July 8, 2020, as they demand the government to allow the construction of a Hindu temple in the Pakistan's capital. Credit: AFP Photo)

इससे संकेत लेकर बूम ने AFP की आधिकारिक वेबसाइट पर यह तस्वीर भी ढूंढी | नीचे देखें | इसके अलावा वायरल अन्य तसवीरें भी 8 जुलाई 2020 को समान स्थल पर ली गयी थीं | यहां देखें |


हमनें कीवर्ड्स खोज की और पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' की कुछ रिपोर्ट्स तक पहुंचे |

डॉन की 11 जुलाई 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक़, "पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (PUC) ने इस्लामाबाद में एक मंदिर के निर्माण के लिए समर्थन दिया है और इस मुद्दे को विवादास्पद बनाने वालों की आलोचना की है।" यहां और पढ़ें |

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