सोशल मीडिया पर एक वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है, जिसमें कुछ लोग एक महिला से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही महिला गुस्से में एक कागज पर कुछ लिखती हैं और वहां खड़े लोग खुशी मनाने लगते हैं.
सोशल मीडिया यूजर का दावा है कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और 'जमात ए इस्लामी' के कार्यकर्ता जबरन हिंदू सरकारी कर्मचारियों से नौकरी से इस्तीफा दिलवा रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला ढाका के कबि नजरूल गवर्नमेंट कॉलेज की प्रिंसिपल अमीना बेगम हैं और मुस्लिम हैं.
बता दें कि 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में कई जगहों पर हिंदुओं के घर, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमला किया गया. इस दौरान एक स्कूल टीचर की मौत हो गई और 45 लोग घायल हो गए. बीते दिनों बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भी वहां के अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले की निंदा की थी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'बांग्लादेश में इस्लामिक हत्यारे जमाते इस्लामी, बीएनपी और उसके साथ खड़े मुसलमान अब हिन्दू सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से बलपूर्वक त्याग पत्र लिखवाकर उन्हें शासकीय सेवा से बाहर कर रहे हैं.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक )
फैक्ट चेक
हमने वायरल दावे की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यूट्यूब पर एक वीडियो बांग्ला हेडिंग के साथ मिला, जिसका हिंदी अनुवाद है, 'कबि नजरूल कॉलेज की प्रिंसिपल अमीना बेगम ने इस्तीफा दे दिया और अपनी कलम फेंक दी.'
इस वीडियो के बीच में वायरल वीडियो में दिख रही महिला की तस्वीर और एक लेटर मिला.
हमने पड़ताल के लिए जब इसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट Dhakapost पर इससे जुड़ी रिपोर्ट मिली.
बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट DhakaPost की रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो में दिख रही महिला ढाका के कबि नजरूल गवर्नमेंट कॉलेज की प्रिंसिपल अमीना बेगम हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अगस्त को छात्रों के विरोध के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. छात्रों को आरोप था कि छात्र आंदोलन के दौरान इस कॉलेज के चार छात्र मारे गए, लेकिन उन्होंने छात्रों का साथ नहीं दिया.
बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट Kalbela की रिपोर्ट के मुताबिक, अमीना बेगम शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से भी जुड़ी थीं और वह अवामी लीग की शिक्षा और मानव संसाधन उपसमिति की सदस्य थी. उनके इस्तीफे के बाद तुरंत कॉलेज के शिक्षक परिषद को भी भंग कर दिया गया, क्योंकि शिक्षक परिषद में अधिकतर लोग अवामी लीग के समर्थक थे.
न्यूज वेबसाइट Kalbela को कबि नजरूल गवर्नमेंट कॉलेज के एक प्रदर्शनकारी छात्र और छात्र आंदोलन के समन्वयक मेहदी ने बताया, "छात्र आंदोलन में हमारे कॉलेज के चार छात्र मारे गए और सैकड़ों छात्र घायल हो गए. शिक्षण संस्थान के प्रमुख के तौर पर उन्होंने घायल और मारे गये छात्रों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए थी. लेकिन उन्होंने छात्रों के पक्ष में कुछ भी नहीं किया."
बता दें कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही सरकारी शिक्षण संस्थानों के पदाधिकारियों को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट banglanews24.com की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक कम से कम 12 सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति ने स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों सहित शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों पर अपने पदों से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है, जिन्होंने हाल के कोटा सुधार आंदोलन के दौरान छात्र-विरोधी रुख अपनाया था.