सोशल मीडिया पर एक वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है जिसमें कुछ लोग पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति को पकड़कर ले जा रहे हैं.
यूजर्स इस वीडियो के शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में डीएसपी की पोस्ट पर तैनात शाहनवाज खान को एंटी करप्शन की टीम ने पैसे लेकर पुलिस द्वारा जब्त किए गए अवैध हथियारों को अपने दोस्तों से बेचते हुए पकड़ा.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स कानपुर के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस ऑफिस, बाबूपुरवा (एसीपी, बाबूपुरवा) में तैनात हेड कॉन्स्टेबल शाहनवाज खान हैं जिन्हें विजिलेंस की टीम ने एक दिव्यांग व्यक्ति रिंकू पासवान से 15 हजार रुपए घूस लेते हुए 9 सितंबर 2024 को गिरफ्तार किया था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'देश का गद्दार डीपीएसपी शाहनवाज खान. उत्तरप्रदेश के कानपुर में डीपीएसपी की पोस्ट पर पदस्थ शाहनवाज खान को एंटी करप्शन की टीम ने थाने में स्टोर रूम में 150000 लाख रुपये लेकर पुलिस द्वारा पकड़े गए अवैध हथियार जैसे बंदूकें पिस्टल आदि को अपने ही दोस्तों को सौंप रहा था. रंगे हाथों जकड़ा गया. सच ही कहा जाता है कि गद्दार कभी भी देशभक्त हो ही नहीं सकता है. हमेशा आतंक फैलाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है चाहे सरकारी नौकरी पर ही क्यों न हो.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
घूस लेते पकड़ा गया हेड कॉन्स्टेबल
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें न्यूज वेबसाइट Amarujala.com पर 10 सितंबर 2024 की एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर के किदवई नगर थाने में दर्ज एक मुकदमे को लेकर कानपुर के एसीपी बाबूपुरवा कार्यालय में तैनात हेड कॉन्स्टेबल शाहनवाज खान को विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया. शाहनवाज खान 15 हजार रुपए घूस लेते पकड़ा गया था, जिसके चलते उसे पद से निलंबित भी कर दिया गया.
न्यूज वेबसाइट Navbharattimes.com की 10 सितंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, रिंकू पासवान नाम के दिव्यांग व्यक्ति ने कानपुर के किदवई नगर थाने में मोना कश्यप, राजा कश्यप, समीर और राजा कश्यप की पत्नी के खिलाफ SC-ST एक्ट, मारपीट, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
बाद में इस मामले की जांच एसीपी बाबूपुरवा को सौंपी गई. एसीपी बाबूपुरवा ऑफिस में तैनात हेड कॉन्स्टेबल शाहनवाज खान और योगेश कुमार मामले की जांच कर रहे थे. मामले की चार्जशीट दायर करने के लिए शाहनवाज खान ने पीड़ित से 20 हजार रुपए की मांग की, लेकिन बाद में 15 हजार में मामला तय हुआ.
पीड़ित रिंकू पासवान ने इसकी सूचना विजिलेंस टीम को दी, जिसके बाद विजिलेंस टीम के अफसरों ने पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ने का प्लान बनाया.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, दिव्यांग रिंकू पासवान जब हेड कॉन्स्टेबल शाहनवाज खान को रिश्वत देने पहुंचे तो विजिलेंस टीम के अफसर सादी वर्दी में आसपास तैनात थे. जैसे ही रिंकू ने शाहनवाज खान को रिश्वत पकड़ाई, अफसरों ने रंगे हाथों उसे गिरफ्तार कर लिया.
किदवई नगर पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
न्यूज चैनल TV9 Uttar Pradesh Uttrakhand ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर भी 10 सितंबर 2024 को इससे जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट पब्लिश की. इस वीडियो रिपोर्ट में 1:45 कीफ्रेम पर वायरल वीडियो को देखा जा सकता है.
विजिलेंस टीम ने बताया पूरा सच
इसके अलावा 'उत्तरप्रदेश विजिलेंस एस्टेब्लिशमेंट' ने 9 सितंबर 2024 को एक्स पर पोस्ट कर इस मामले की जानकारी दी.
एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'दिनांक 09-09-2024 को उप्र सतर्कता अधिष्ठान की कानपुर ट्रैप टीम द्वारा सहायक पुलिस आयुक्त कार्यालय बाबुपुरवा, कमिश्नरेट कानपुर में मुख्य आरक्षी के पद पर नियुक्त शहनवाज खान को ₹15,000/- (पंद्रह हजार रुपये) की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है.'
बूम ने अधिक जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश विजिलेंस डिपार्टमेंट मुख्यालय, लखनऊ से संपर्क किया. विजिलेंस डिपार्टमेंट मुख्यालय में तैनात हेड कॉन्स्टेबल धीरेंद्र सिंह ने बूम से कहा, "हमारे टोल फ्री नंबर पर पीड़ित रिंकू पासवान द्वारा घूस मांगने की शिकायत की गई थी. इसके बाद अधिकारियों ने एक टीम बनाई और कानपुर के एसीपी बाबूपुरवा कार्यालय में तैनात हेड कॉन्स्टेबल शाहनवाज खान को 15 हजार रुपए घूस लेते पकड़ा गया था. हथियार बेचने और बाकी के आरोप पूरी तरह गलत हैं. "