फैक्ट चेक

राहुल गांधी के नाम से फ़र्ज़ी बयान सोशल मीडिया पर फिर वायरल

बूम ने अपनी पड़ताल में पाया की ए.बी.पी. न्यूज़ के टेम्पलेट के स्क्रीनशॉट के तौर पर वायरल ये बयान फ़र्ज़ी है

By - Shraddha Tiwari | 18 May 2020 1:13 PM IST

राहुल गांधी के नाम से फ़र्ज़ी बयान सोशल मीडिया पर फिर वायरल

फ़ेसबुक पर एक पोस्ट काफ़ी वायरल हो रहा है | इस पोस्ट में ए.बी.पी. न्यूज़ के टेम्पलेट के स्क्रीनशॉट्स में राहुल गाँधी के दो कथित बयानों को शेयर करते हुए उन्हें सांप्रदायिक कोण दिया गया है | बूम ने अपनी पड़ताल में पता लगाया की ये पोस्ट्स पहले भी वायरल हो चुके हैं | जबकि एक बयान को खुद ए.बी.पी. न्यूज़ खारिज कर चूका है, दूसरे बयान को लेकर भी काफ़ी अटकलें हैं और उसकी सत्यता का कोई कोई ठोस प्रमाण नहीं है |

वायरल पोस्ट के साथ एक हिंदी कैप्शन है जो कहता है: आखिर अपनी औकात दिखा ही दी, अब चम्मचों खुद ही फैसला करो, की तुम्हारा नेता साम्प्रदायिक है या.....?

ऐ.बी.पी न्यूज़ के टेम्पलेट पर छापे ये दो बयान इस प्रकार हैं:

पहला: कोंग्रेस मुस्लिमों की है और उनकी ही रहेगी - राहुल गांधी

दूसरा: मेरे पूर्वज मुस्लिम थे मैं मुस्लमान हू - राहुल गांधी

इस पोस्ट को नीचे देखे और इसका आर्काइव्ड वर्ज़न यहाँ देखिये |

जी नहीं, मुंबई में 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे नहीं लगाए गए


फ़ैक्ट चेक

बयान: मेरे पूर्वज मुस्लिम थे मैं मुसलमान हू

जब बूम ने वायरल पोस्ट में शेयर किये गए स्क्रीनशॉट्स में से पहले स्क्रीनशार्ट को रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें पता चला की यही दावा वर्ष 2018 में भी वायरल रह चूका है | उस वक़्त ऐ.बी.पी न्यूज़ के टेम्पलेट पर ऐसे ही चार फ़र्ज़ी बयान राहुल गांधी के नाम से वायरल हुए थे | पोस्ट में उपयोग किया गया एक बयान इन चार स्क्रीनशॉट्स में से एक है |

ए.बी.पी. न्यूज़ के टेम्पलेट पर राहुल गांधी के नाम से वायरल ये बयान कहता है: मेरे पूर्वज मुस्लिम थे मैं मुसलमान हू - राहुल गांधी |

बूम को ए.बी.पी. न्यूज़ के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल से नवंबर12, 2018 को किया गया एक ट्वीट मिला जिसमे चैनल ने इन चारों स्क्रीनशॉट्स को फ़र्ज़ी बताया था |

इस ट्वीट को नीचे देखें |

बयान: कोंग्रेस मुस्लिमो की है और उनकी ही रहेगी

जिन चार स्क्रीनशॉट्स को चैनल द्वारा फ़र्ज़ी करार दिया गया, उनमे हाल ही में वायरल हुए पोस्ट में दिया गया पहला स्क्रीनशॉट मौजूद नहीं है | राहुल गांधी के नाम पर वायरल ये बयान कहता है: कोंग्रेस मुस्लिमों की है और उनकी ही रहेगी - राहुल गांधी |

बूम ने जब कीवर्ड सर्च किया तो हमें पता चला की ये बयान भी पहले वायरल रह चूका है |

ऐसा ही एक बयान सबसे पहले उर्दू अख़बार इंकलाब में जुलाई 2018 में प्रकाशित हुई रिपोर्ट में भी है | इंकलाब के इस रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गाँधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ जुलाई 11, 2018 को हुई एक बैठक के संबोधन में कहा था: अगर भाजपा यह कहती है कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है तो हां मैं कहता हूं कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है, क्योंकि मुल्क का मुसलमान अब दूसरा दलित हो गया है, जबकि कांग्रेस हमेशा से कमजोरों के साथ रही है  | इंकलाब में छपे इस आर्टिकल के बारे में और अधिक जानकारी द वायर के रिपोर्ट में पढ़ें |

इंकलाब की इस रिपोर्ट को कांग्रेस के कई नेताओं के ख़ारिज किया था |

इस बैठक में मौजूद कई लोगों ने कथित बयान को ना कहे जाने की बात भी कही |

द वायर से हुई बातचीत में उस वक्त इंकलाब के संपादक शकील शम्सी ने इस बवाल को पत्रकार शाहिद सिद्दीकी के ट्वीट से जोड़कर देखा था | द वायर को दिए अपने बयान में शम्सी ने कहा था की पत्रकार शाहिद सिद्दीक़ी ने इंकलाब के रिपोर्ट का गलत अंग्रेजी अनुवाद ट्वीट किया था | द वायर की रिपोर्ट में आगे ये भी पता चलता है की इंकलाब में छपे लेख को लिखने वाले रिपोर्टर मुमताज़ आलम रिज़वी उस बैठक में मौजूद ही नहीं थे |

ए.बी.पी. न्यूज़ द्वारा इस वाकिये को रिपोर्ट ज़रूर किया गया है जहाँ उर्दू अख़बार इंकलाब के लेख से उपजे बवाल को दिखाया गया है पर कहीं भी इस बात की पुष्टि नहीं की गयी है की राहुल गाँधी ने ऐसा बयान दिया है |

Full View

बूम ने ए.बी.पी. न्यूज़ के कई वीडियोज़ खंगाले पर हमें कहीं भी ये बयान ब्रेकिंग न्यूज़ के फ़ॉर्मेट में नहीं मिला | इस मामले पर हमने ए.बी.पी. न्यूज़ से संपर्क करने की कोशिश भी की मगर हमें कोई उत्तर नहीं मिला | जैसे ही बूम कोई ए.बी.पी. न्यूज़ से उत्तर मिलता है, इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा |

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