संसद के मॉनसून सत्र के बीच ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के लोकसभा में दिए भाषण की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया वायरल है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का दावा है कि अमित शाह ने कहा कि 1960 में सरदार वल्लभभाई पटेल ने सिंधु जल संधि का विरोध किया था जबकि उनका निधन 1950 में ही हो गया था.
बूम ने जांच में पाया कि अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान विपक्षी सांसद की ओर से टोके जाने पर सरदार पटेल का जिक्र किया था, न कि 1960 की सिंधु जल संधि को लेकर.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने अपने एक्स हैंडल से वीडियो शेयर किया जिसके टेक्स्ट में लिखा था, ‘संसद में बोला झूठ: 1960 में सरदार पटेल ने विरोध किया था, गाड़ी लेकर आकाशवाणी तक गए थे, ये घोषणा न कर दें, इसलिए दरवाजे बंद कर दिए थे -अमित. ये रहा सच: 15 दिसंबर 1950 में सरदार पटेल का निधन हो गया था.'
सरदार पटेल जी का निधन 1950 में ही हो गया था
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) July 29, 2025
तो फिर 1960 में सरदार पटेल जी ने विरोध कैसे किया?
अमित शाह जी आज अपने ही लिखे WhatsApp फॉरवर्ड पढ़ रहे थे
pic.twitter.com/IK8JwfeAXP
बूम की पड़ताल में क्या मिला:
बूम ने संसद टीवी के यूट्यूब चैनल पर अमित शाह के 1 घंटा 14 मिनट 45 सेकंड लंबे भाषण को सुनने पर पाया कि इसमें वायरल वीडियो वाला हिस्सा 41:47 के टाइमफ्रेम से शुरू होता है.
पूरे घटनाक्रम को यहां समझिए…
लोकसभा में 29 जुलाई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने सदन को बताया कि 'ऑपरेशन महादेव' में मारे गए तीनों आतंकवादी 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़े थे.
अपने भाषण में शाह ने कांग्रेस की कश्मीर नीति की कड़ी आलोचना भी की. 41:06 के टाइमफ्रेस से अमित शाह कहते हैं, "मैं इसी देश के इतिहास से कुछ घटनाएं बताता हूं. 1948 में कश्मीर में हमारी सेनाएं निर्णायक पड़ाव पर थी, सरदार पटेल न बोलते रहे, जवाहर लाल नेहरू जी ने एकतरफा युद्धविराम कर दिया. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का अगर अस्तित्व है तो जवाहर लाल नेहरू जी के इस युद्ध विराम के कारण है."
इसके बाद 41:47 से 41:50 के बीच अमित शाह कहते हैं: “मान्यवर, 1960 में...”
तभी विपक्षी सांसद उन्हें टोकते हुए बोलते हैं, “सरदार पटेल.....(स्पष्ट नहीं). ” वीडियो को स्लो मोशन (0.75 की स्पीड पर) में सुनने हस्तक्षेप साफ सुनाई देता है.
विपक्षी सांसदों के इस हस्तक्षेप का जवाब देते हुए अमित शाह कहते हैं, "सरदार पटेल ने विरोध किया था, गाड़ी लेकर आकाशवाणी तक गए थे, घोषणा न कर दें दरवाजे बंद कर दिए गए थे.”
विपक्ष को जबाव देने के बाद अमित शाह अपनी बात पर फिर से लौटते हैं और कागज पर देखकर बोलते हैं, “मान्यवर सन 1960 में सिंधु जल पर भौगोलिक व रणनीतिक रूप से हम बड़े मजबूत थे. और उन्होंने (नेहरू) सिंधु समझौता क्या किया, 80 प्रतिशत भारत का पानी पाकिस्तान को दे दिया.”
अमित शाह भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधते हुए अपनी बात आगे रखते हैं.
विपक्ष के हस्तक्षेप (15वें सेकंड पर) के साथ एडिट किया गया क्लिप नीचे देखा जा सकता है, जहां यह स्पष्ट होता है कि अमित शाह ने सरदार पटेल का जिक्र 1948 में पाकिस्तान के खिलाफ तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा घोषित युद्धविराम के संदर्भ में किया था.
इससे स्पष्ट है कि अमित शाह ने सरदार पटेल के 1960 की संधि का विरोध करने का दावा नहीं किया था. वह विपक्षी सांसद की बात का जवाब दे रहे थे और उसके बाद 1960 की जल संधि को लेकर नेहरू को घेर रहे थे.
हालांकि बूम स्वतंत्र रूप से अमित शाह के इस दावे को वेरिफाइ नहीं कर सका कि सरदार पटेल युद्धविराम का विरोध करने के लिए आकाशवाणी के दफ्तर तक गए थे.
अमित मालवीय ने भ्रामक दावे के साथ वीडियो शेयर किया
यहां तक कि बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने भी अमित शाह के भाषण का हिस्सा शेयर करते हुए भ्रामक दावा किया कि 1960 में सरदार पटेल के विरोध के बावजूद सिंधु जल समझौता किया गया.


