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फैक्ट चेक

पीएम मोदी के 'राजमहल' के दावे से आप ने शेयर किया AI जनरेटेड वीडियो

बूम ने पाया कि आम आदमी पार्टी द्वारा शेयर किया गया यह वायरल वीडियो पीएम मोदी के असली आवास का नहीं है. इसे एआई की मदद से बनाया गया है.

By -  Archis Chowdhury |

29 Jan 2025 1:53 PM IST

आम आदमी पार्टी ने अपने इंस्टाग्राम और एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक आलीशान बंगला दिखाया गया है. इसके साथ दावा किया गया कि यह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के तहत प्रस्तावित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आवास है.

हमने अपनी जांच में पाया कि यह दावा झूठा है. बूम और डीपफेक एनालिसिस यूनिट के पाटनर्स ने विश्लेषण के बाद पाया कि वीडियो पूरी तरह से एआई निर्मित है. यह सेंट्रल विस्टा में पीएम के वास्तविक प्रस्तावित आवास को नहीं दिखाता है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की ऐशो-आराम वाली जीवनशैली को दिखाने के लिए उनके 'शीशमहल' के दावे से एक वीडियो शेयर किया. इसके बाद AAP ने भी काउंटर-नैरेटिव के रूप में इस AI-जनरेटेड वीडियो को पोस्ट किया.

बता दें कि दिल्ली की सभी 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है और नतीजे 8 फरवरी को आने हैं.

एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए आप ने लिखा, 'Big Breaking. राजमहल का Video पहली बार आया जनता के सामने. क्या इसलिए ही राजमहल के दरवाजे जनता के लिए नहीं खोले जाते?'

आप ने इंस्टाग्राम पर भी वीडियो के साथ यही मिलता-जुलता दावा किया. 


एक्स पोस्ट का आर्काइव लिंक | इंस्टाग्राम पोस्ट का आर्काइव लिंक



फैक्ट चेक

बूम ने वीडियो को कई कीफ्रेम्स में बांटा और उन्हें गौर से देखने पर पाया कि इसमें ऐसी कई विसंगतियां मौजूद थीं, जो इसके कृत्रिम होने का इशारा कर रही थीं.

उदाहरण के तौर पर देखें तो वीडियो के फव्वारे वाले विजुअल में पानी का प्रवाह और लहरें काफी अप्राकृतिक दिख रही हैं. 



इसके अलावा, गार्डन और फव्वारे की सजावट में कलाकृतियों की मिलावट के संकेत भी दिखाई देते हैं, जो AI जनरेटेड हाइपर-रीयलिस्टिक वीडियो में पाया जाने वाला आम दोष है.

वीडियो के जूते वाले कीफ्रेम में भी इसके AI जनित होने का एक सबूत देखा जा सकता है.



इसमें जूते अवास्तविक रूप से चमकदार दिखाई दे रहे हैं. इनमें से एक जूते की बनावट अप्राकृतिक और असमान पैर की अंगूली के आकर वाली है. साथ ही एक जूता रैक के साथ ब्लेंड करता हुआ भी देखा जा सकता है.

हमने पूरे वीडियो के कई फ्रेम देखें तो पाया कि सतहों पर अप्राकृतिक प्रकाश और चमक की स्थिति लगातार बनी हुई थी.

बूम ने डीपफेक्स एनालिसिस यूनिट (डीएयू) के अपने सहयोगियों के माध्यम से इस वीडियो को चेक किया. इन्होंने हमें इस बात सबूत प्रदान किए, जिससे साबित हुआ कि यह एआई द्वारा उत्पन्न वीडियो है. 

डीएयू ने बताया कि वीडियो में 2:11 और 2:32 मिनट पर ओपनएआई के वीडियो बनाने वाले टूल सोरा का वॉटरमार्क मौजूद है. वॉटरमार्क नीचे दाएं कोने में देखा जा सकता है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि वीडियो सोरा की मदद से तैयार किया गया है.



इसके अतिरिक्त, डीएयू ने वीडियो से मुख्य कीफ्रेम्स को हाइव के एआई इमेज डिटेक्टर पर अपलोड किया. इसने AI-वीडियो जेनरेशन मॉडल सोरा, हैलुओ और स्टेबल डिफ्यूजन को हाई कॉन्फिडेंस स्कोर दिया, जिससे पता चलता है कि वीडियो को संभवतः इन्हीं में से किसी एक प्लेटफॉर्म के प्रयोग से तैयार किया गया था.

DAU ने वीडियो में दिखाई देने वाली अन्य विषमताओं को भी चिन्हित किया. जैसे कि वीडियो में चिमनी की आग और पौधों की अप्राकृतिक और खराब उपस्थिति. इसके अलावा उन्होंने चश्मे और जूतों के आकार में मौजूद विसंगतियों पर भी प्रकाश डाला.

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