कांग्रेस नेता जयराम रमेश का एक पुराना वीडियो जिसमें वह मंदिरों की तुलना शौचालयों से करते हैं, सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि यह उनकी हालिया टिप्पणी है. 12 सेकंड के वीडियो में जयराम रमेश यह कहते हैं कि, "शौचालय में मंदिरों से अधिक पवित्रता है".
कई दक्षिणपंथी यूज़र्स ने 22 जनवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन से पहले वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि यह एक वीडियो सबूत है जहां एक कांग्रेस नेता को हाल ही में भाषण देते समय हिंदू विरोधी टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है.
हालाँकि, बूम ने पाया कि यह वीडियो 2012 का है, जब महाराष्ट्र में निर्मल भारत यात्रा के उद्घाटन के दौरान जयराम रमेश ने मंदिरों और शौचालयों के बारे में यह टिप्पणी की थी. जयराम रमेश तब यूपीए सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री थे.
दक्षिणपंथी अकाउंट Kreately.in ने वीडियो पोस्ट करते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा, 'यह बिलकुल जितायेगी राहुल को'.
फेसबुक पर अन्य यूज़र्स ने बाद में इसी वीडियो को शेयर करते हुए आरोप लगाया कि यह कांग्रेस नेता द्वारा हाल ही में दिया गया बयान है.
बूम को फ़ैक्ट चेक अनुरोध के साथ यही वीडियो अपने व्हाट्सएप टिपलाइन नंबर (7700906588) पर भी प्राप्त हुआ.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल दावे से संबंधित कीवर्ड से खोज की तो 2012 के कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली जिनमें जयराम रमेश द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान के बारे में बताया गया था.
6 अक्टूबर 2012 की 'द इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट में बताया गया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में कहा, "भारत में मंदिरों की तुलना में शौचालय अधिक महत्वपूर्ण हैं". उन्होंने यह बात एक यात्रा का उद्घाटन करते हुए कही जो राज्यों में स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाते हुए गुजरेगी.
इससे मदद लेते हुए हमें 6 अक्टूबर 2012 को प्रकाशित एबीपी न्यूज़ की एक वीडियो रिपोर्ट मिली, जिसमें मंदिरों और शौचालयों के बारे में रमेश के भाषण का एक लम्बा वर्जन था.
उपरोक्त वीडियो में 25 सेकंड के बाद से जयराम रमेश को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "मेरा मानना है कि इस रैली का उद्देश्य मंदिरों से भी अधिक पवित्र कुछ बनाना है, और वह शौचालय हैं. हम मंदिरों में जा सकते हैं, फिर भी शौचालय के बिना आपको मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी. नारियल फोड़ने या मंगल आरती करने से कोई फायदा नहीं होगा. हमारे देश का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि हमारे मंदिर सबसे गंदे स्थान हैं."
पूर्व केंद्रीय मंत्री आगे कहते हैं, "जब आप किसी मंदिर में जाते हैं, तो आपको अपनी नाक ढकनी होती है. क्योंकि हमने इसे स्वीकार कर लिया है... इसलिए, हमें इस सोच के खिलाफ लड़ना होगा, और हमें महात्मा का अनुसरण करते हुए स्वच्छता को अपने सच्चे देवता के रूप में प्राथमिकता देनी चाहिए. यदि हम स्वच्छता को अपना परम गुण मानें तो हम एक विकसित राष्ट्र बन सकते हैं''.
जयराम रमेश की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस ने खुद को विवादास्पद बयानों से अलग कर लिया था. कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा था कि पार्टी सभी धार्मिक स्थलों की पवित्रता का सम्मान करती है, चाहे वे किसी भी समुदाय के हों.
अक्टूबर 2012 में, तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने रमेश की विवादास्पद टिप्पणियों के बाद जयराम रमेश को पेयजल और स्वच्छता विभाग से हटाकर और भरतसिन सोलंकी को आवंटित कर दिया था.
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