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फैक्ट चेक

चांद की सतह पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान वाली यह तस्वीर वास्तविक नहीं है

बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर फ़ोटोशॉप की मदद से तैयार की गई है और इसरो ने अभी तक ऐसी कोई तस्वीर साझा नहीं की है.

By -  Hazel Gandhi |

24 Aug 2023 5:00 PM IST

चंद्रयान-3 के लैंडर की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद सोशल मीडिया एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें किसी सतह पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का लोगो और अशोक स्तंभ मौजूद है. तस्वीर को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि "चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद उसके रोवर ने चांद की सतह पर अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है".

हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर फ़ोटोशॉप की मदद से तैयार की गई है और इसरो ने अभी तक ऐसी कोई तस्वीर साझा नहीं की है.

बीते 23 अगस्त की शाम को चंद्रयान-3 की सफ़ल लैंडिंग के बाद भारत चांद पर सफलतापूर्वक लैंड करने वाला चौथा देश और चांद के दक्षिणी ध्रुव में लैंड करने वाला पहला देश बना. चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन लगे.

वायरल तस्वीर को कई सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे X (पूर्व में ट्विटर), फ़ेसबुक और व्हाट्सएप पर एक ख़ास दावे से शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर आ चुका है और उसके पहियों में बने इंप्रिंट्स की सहायता से भारत के प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ की तस्वीर छप रही है”.

यह तस्वीर वायरल दावे के साथ न्यूज़ 24 और ज़ी न्यूज़ ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से शेयर की है.

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X पर वायरल दावे से शेयर की गई इस तस्वीर से जुड़े कुछ पोस्ट्स आप यहां और यहां देख सकते हैं.



वहीं फ़ेसबुक पर मौजूद पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां क्लिक कर देख सकते हैं.



फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए उसके साथ शेयर की जा रही तस्वीर को ध्यानपूर्वक देखा तो हमें तस्वीर के निचले हिस्से में बतौर वाटरमार्क “Krishanshu Garg” लिखा हुआ मिला.



इसके बाद हमने इस नाम से जुड़ी प्रोफाइल को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर खंगाला तो हमने पाया कि “Krishanshu Garg” नाम से मौजूद एक X हैंडल ने इसरो के द्वारा 23 अगस्त को किए गए एक ट्वीट के रिप्लाई में यह तस्वीर शेयर की थी. आप नीचे मौजूद तस्वीर के माध्यम से इसे देख सकते हैं.

इसके बाद हमने क्रिशांशु गर्ग से संपर्क किया तो उन्होंने बूम के साथ बातचीत में यह स्पष्ट किया कि वायरल हो रही तस्वीर वास्तविक नहीं है. गर्ग ने बताया कि, “मैंने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के काउंटडाउन के दौरान एडोब फोटोशॉप की मदद से यह तस्वीर बनाई. इसके बाद मैंने उस तस्वीर को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया और लेकिन लोग असल मानकर इसको शेयर करने लगे”.

वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि पहियों के निशान वाली तस्वीर जिसे गर्ग ने वायरल तस्वीर में इस्तेमाल किया है, वह hiclipart.com नाम की वेबसाइट पर भी मौजूद है.



जांच में हमें गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी द्वारा 14 जुलाई 2023 को किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने चंद्रयान के प्रज्ञान रोवर और उसके पहियों की तस्वीर साझा की थी. साथ ही इसमें पहियों पर मौजूद अशोक स्तंभ और उससे बनने वाले निशान की तस्वीर भी मौजूद थी.


जब हमने ट्वीट में मौजूद उस तस्वीर का मिलान वायरल तस्वीर से किया तो पाया कि पहियों पर मौजूद चिन्हों की वजह से बने निशान वाली इन दोनों तस्वीरों में काफ़ी अंतर है. आप नीचे मौजूद तस्वीर से इसे बखूबी समझ सकते हैं.



(हमारे सहयोगी सुजीत ए के इनपुट्स के साथ)

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