सोशल मीडिया पर कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे मजदूर की गोली मारकर हत्या का एक वीभत्स वीडियो वायरल है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि हत्या का यह वीडियो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का है.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. यह वीडियो मुजफ्फरनगर का नहीं बल्कि दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील का है. पुर्तगाली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह ब्राजील के नोवो एलेक्सो की घटना है, जहां 28 जून 2024 को कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे लुकास फिगुएरेडो नाम के एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
वायरल वीडियो में एक शख्स को किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते देखा जा सकता है. तभी अचानक एक बंदूकधारी उसपर ताबड़तोड़ गोली चलाने लगता है और देखते-देखते ही उसका शरीर छलनी कर देता है. वीडियो में आगे देख सकते हैं कि मौके पर ही उस शख्स की मौत हो जाती है.
फेसबुक पर एक यूजर ने इसे शेयर करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और लिखा, 'पुट्टी करने वाले मजदूर का फिल्मी स्टाइल में मर्डर का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा है. वायरल वीडियो मुजफ्फरनगर जिले का बताया जा रहा है. यूपी में जंगलराज चरम पर है.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने दावे से जुड़े कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया. हमें वीडियो से संबंधित मुजफ्फरनगर में हुई ऐसी किसी घटना की कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो.
आगे हमने वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. इसके जरिए हमें 'डॉक्यूमेंटिंग रियलिटी' नाम की वेबसाइट पर इससे जुड़ी एक रिपोर्ट मिली. इसके अनुसार, यह ब्राजील के मनौस की घटना है, जहां 27 वर्षीय लुकास पी. नामक शख्स की 28 जून को एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई.
रिपोर्ट में वायरल वीडियो के साथ-साथ घटना से संबंधित कुछ और तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं.
यहां से हिंट लेकर हमने ब्राजील की भाषा पुर्तगाली में इससे संबंधित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की तलाश की. Acritica.com की रिपोर्ट के अनुसार, यह 28 जून 2024 की ब्राजील के मनौस स्थित नोवो एलेक्सो की घटना है. इसमें एक गवाह के हवाले से बताया गया कि पीड़ित लुकास, जिसे 'ओलहाओ' के नाम से भी जाना जाता था, उस समय पुट्टी का काम रहा था तभी दो लोग मोटरसाइकिल पर आए और उनमें से एक ने लुकास पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी.
Amazonas Atual की रिपोर्ट यह भी बताया गया है कि हमलावर ने ही यह वीडियो रिकॉर्ड किया था. इसके बाद संदिग्ध घटनास्थल से भाग गए.
Portal Marcos की रिपोर्ट के मुताबिक, लुकास को 17 गोलियां मारी गईं, जिनमें से 12 चेहरे, तीन बांह में और दो छाती पर लगी. मौके पर पहुंचकर लीगल मेडिकल इंस्टीट्यूट (आईएमएल) ने शव को हटा दिया. स्पेशलाइज्ड होमिसाइड एंड किडनैपिंग पुलिस स्टेशन (डीईएचएस) इस मामले की जांच करेगी.
Diario Manauara की एक रिपोर्ट में बताया गया कि लुकास को 2015 में एक ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद 2017 में रिहा कर दिया गया था. अप्रैल 2024 में भी नशीली पदार्थ की तस्करी के एक और मामले में उसके खिलाफ वारंट जारी किया गया था. संभवतः यह घटना उनके अपराधिक गुटों में आपसी विवाद के कारण हुई थी.
इन सभी रिपोर्ट्स में वायरल वीडियो से मिलते-जुलते विजुअल्स देखे जा सकते हैं.
इसके अतिरिक्त, पड़ताल के दौरान हमें एक्स पर वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में मुजफ्फरनगर पुलिस का एक रिप्लाई भी मिला. इस पोस्ट में मुजफ्फरनगर पुलिस ने वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया कि इस वीडियो का संबंध मुजफ्फरनगर से नहीं है. वीडियो शेयर करने वाले व्यक्ति के खिलाफ थाना नई मंडी में केस रजिस्टर्ड किया गया है और उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.