सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें एक व्यक्ति कुछ किराना की दुकानों पर जाकर बांग्ला में उनसे भारतीय उत्पाद न बेचने की अपील करता नजर आ रहा है. वीडियो में व्यक्ति 'Boycott Indian Products Campain' बोलते हुए सुनाई दे रहा है.
भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में नई सरकार बनने के बाद मुसलमान दुकानदारों को भारत के उत्पादों का बहिष्कार करने और कोई भी भारतीय समान न बेचने की अपील की जा रही है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि बांग्लादेश सरकार ने ऐसी कोई अपील नहीं की है. वायरल वीडियो बांग्लादेश के राजनीतिक दल 'गण अधिकार परिषद' द्वारा फरवरी 2024 में किए गए एक विरोध प्रदर्शन का है. यह हाल-फिलहाल का नहीं है.
गौरतलब है कि बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के पीएम पद से अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद बड़े स्तर पर राजनीतिक अराजकता और हिंसा फैली हुई है. बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की खबरें भी सामने आ रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील भी की थी.
फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बांग्लादेश में नई सरकार बनते ही जितने भी मुसलमान दुकानदार हैं उन सबको सख्त चेतावनी दी जा रही है कि आपकी दुकान में अगर इंडिया का कोई भी समान है या तो उसको नष्ट कर दो या दुकान में कहीं भी दिखाई नहीं देना चाहिए यह है एक मुस्लिम देश जो हिंदुओं से इतना नफरत करता है और भारत में उनसे भी ज्यादा मुसलमान बसे हुए हैं. सेक्युलर लोगों को अब बोलना चाहिए ये सही है. क्या बोलते भाईजान.'
एक्स पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बांग्लादेश की नई सरकार ने भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए अपना आधिकारिक अभियान शुरू किया. BNP के नेता शहरों में घूमकर दुकानदारों से भारतीय समान जैसे पैराशूट ऑयल, डाबर शहद, उजाला वाशिंग पाउडर जैसे ब्रांड बेचना बंद करने को कहा. उन्होंने अडानी का बहिष्कार करने का भी जिक्र किया है.'
पोस्ट में आगे लिखा गया, 'भारत सरकार को अब समझ लेना चाहिए कि पाकिस्तान से भी बड़ा खतरा अब हमारे पूर्वी सीमा पर बांग्लादेश बन रहा है और बांग्लादेश को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए.'
फैक्ट चेक
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए इनविड टूल की मदद से वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें Tamanna Ferdous Shikha नाम की एक फेसबुक यूजर के अकाउंट पर 22 फरवरी 2024 को शेयर किया गया यह वीडियो मिला, जिसमें बताया गया कि दुकानदारों से भारतीय उत्पाद न बेचने की अपील की गई. इसमें बांग्ला में लिखे गए कैप्शन का हिंदी अनुवाद है, 'दुकानों पर जाकर भारतीय उत्पाद न बेचने की चेतावनी दी गई.'
तमन्ना फिरदौस शिखा के फेसबुक अकाउंट पर दी गई जानकारी के अनुसार, वह गण अधिकार परिषद (Gono Odhikar Parishad) पार्टी की नेता हैं.
इससे संकेत लेते हुए बांग्ला कीवर्ड से गूगल सर्च करने पर हमें वीडियो में दिखाई दे रहे शख्स का फेसबुक अकाउंट मिला. व्यक्ति का नाम मोहम्मद तारिक रहमान है, जो गण अधिकार परिषद का सदस्य है. बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट New Age की रिपोर्ट के मुताबिक, गण अधिकार परिषद बांग्लादेश का एक राजनीतिक दल है जिसकी स्थापना अक्टूबर 2021 में की गई थी.
बूम ने अधिक स्पष्टिकरण के लिए मोहम्मद तारिक से संपर्क किया. तारिक ने बूम को बताया, "वीडियो में दिख रहा वह व्यक्ति मैं हूं, यह फरवरी 2024 की घटना है, जो देश में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार को लेकर की गई एक मुहिम का हिस्सा थी. यह ढाका जज कोर्ट से लगे बाजार की घटना है."
दरअसल, बांग्लादेश में जनवरी 2024 में आम चुनाव हुए थे, जिसमें शेख हसीना ने चौथे कार्यकाल के लिए जीत दर्ज की थी. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, "विपक्ष ने इन चुनावों का बहिष्कार किया था. विपक्ष ने बांग्लादेश की राजनीति में भारतीय हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए बड़े पैमाने पर "India Out' कैंपेन शुरू किया था. जनवरी के मध्य में #BoycottIndia अभियान शुरू किया गया था."
तारेक के फेसबुक अकाउंट पर भी इस 'Boycott India Products' कैंपेन से जुड़े कई फोटो और वीडियो शेयर किए गए हैं. अकाउंट पर 19 फरवरी 2024 की एक पोस्ट में ऐसे भारतीय उत्पादों की एक सूची भी शेयर की गई, जिनका बहिष्कार करने की अपील की गई थी."
21 फरवरी 2024 के पोस्ट में भारतीय उत्पादों की सूची वाले इसी पोस्टर के साथ तारिक को देखा जा सकता है. पोस्ट में बांग्ला कैप्शन में लिखा गया, 'भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करें.'
बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट (Prothom Alo, Ajker Patrika) पर भी फरवरी मार्च 2024 में गण अधिकार परिषद पार्टी के सदस्यों द्वारा भारतीय उत्पादों के बहिष्कार करने वाले कैंपेन की खबरों को देखा जा सकता है.
बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्षी दलों द्वारा चलाए जा रहे 'भारतीय उत्पादों के बहिष्कार' वाले इस कैंपेन की निंदा की थी.