सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति द्वारा ख़ुद को आग लगाए जाने का वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वीडियो को उत्तरप्रदेश का बताकर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि “योगी आदित्यनाथ के राज में बुलडोजर चलने की कार्रवाई की वजह से 2 लोगों ने ख़ुद को जिंदा जला लिया”.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो बिहार का है, जहां एक दुकानदार ने अतिक्रमण हटाने के दौरान विवाद बढ़ने पर ख़ुद को ही आग लगा लिया था. बाद में इलाज के दौरान उक्त शख्स की मौत हो गई थी.
बीते दिनों उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात के मड़ौली गांव में राजस्व विभाग ने कृष्ण गोपाल नाम के एक शख्स पर ग्राम समाज की जमीन कब्ज़ा करने का मामला दर्ज किया था, जिसके बाद स्थानीय एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम वहां अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. इस दौरान कृष्ण गोपाल की झोपड़ी पर बुलडोजर चला दिया गया. अतिक्रमण हटाने के दौरान कृष्ण गोपाल के परिवार वालों और प्रशासन के बीच नोंक झोंक भी हुई.
इस दौरान झोपड़ी में आग भी लग गई थी और इसमें कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी की जलकर मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में परिजनों की शिकायत पर सरकारी अधिकारियों समेत कई ग्रामीणों पर भी मामला दर्ज किया है.
वायरल वीडियो को इसी संदर्भ से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में पुलिस की मौजूदगी में एक शख्स आग लगे दुकान से बाहर निकलता है, उस दौरान वह व्यक्ति भी आग में झुलसा होता है. वहां मौजूद कई लोग उस शख्स को बचाने की कोशिश करते भी दिख रहे हैं. इस घटना से गुस्साए लोग वहां मौजूद जेसीबी और पुलिसकर्मी पर पथराव करते भी देखे जा सकते हैं.
वायरल वीडियो को फ़ेसबुक पर एक ख़ास कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा हुआ है “बाबा जी के बुलडोजर चलने की करवाही को लेकर 2 लोगो ने खुद को जिंदा जलाया”.
फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले उसके कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें दैनिक भास्कर पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य मौजूद थे.
रिपोर्ट के अनुसार यह मामला पटना का है, जहां बीते 16 फ़रवरी 2023 को मेहदीगंज रेलवे गुमटी के पास अतिक्रमण हटाने को लेकर रेलवे पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इसी दौरान एक हार्डवेयर दुकानदार 45 वर्षीय अनिल जिसकी दुकान तोड़ी जानी थी, उसने खुद को आग़ लगा लिया था.
वहां मौजूद पुलिसवालों और अन्य लोगों ने अनिल को बचाने की कोशिश भी की. दुकानदार को बचाने के क्रम में तीन अन्य लोग भी झुलस गए थे. दुकानदार को इलाज के लिए अपोलो बर्न हॉस्पिटल ले जाया गया था.
इसी दौरान हमें न्यूज़ 18 हिंदी की वेबसाइट पर 17 फ़रवरी को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि ज्यादा स्थिति ख़राब होने की वजह से अनिल कुमार साव को दिल्ली रेफ़र किया गया था. लेकिन दिल्ली ले जाने के क्रम में ही अनिल कुमार साव की मौत हो गई थी.
जांच में हमें न्यूज़ 18 बिहार झारखंड के यूट्यूब अकाउंट पर इससे जुड़ी वीडियो रिपोर्ट भी मिली. 17 फ़रवरी की इस रिपोर्ट में वह जगह साफ़ दिखाई दे रहा था, जहां दुकानदार ने आत्मदाह किया था.
वीडियो रिपोर्ट के करीब 2 मिनट 15 सेकेंड से रिपोर्टर को उसी जगह से रिपोर्टिंग करते हुए देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में भी मौजूद है.