बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह हिजाब विवाद पर मुस्लिम समुदाय के लोगों से माफी मांगते नजर आ रहे हैं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि नीतीश कुमार का यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है. जांच के दौरान कई एआई डिटेक्शन टूल्स ने भी इसकी पुष्टि की.
बीते 15 दिसंबर 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नियुक्ति पत्र सौंपते समय एक महिला डॉक्टर का हिजाब खींचने की घटना सामने आई, जिसका राजनीतिक और सामाजिक रूप से बड़े पैमाने पर विरोध हुआ. इसी क्रम में नीतीश कुमार द्वारा माफी मांगने के दावे से यह वीडियो वायरल हो रहा है.
क्या है वायरल?
करीब 6 सेकंड के इस वायरल क्लिप में नीतीश कुमार कहते हैं, "सभी मुस्लिम मां और बहनों, भारत के मुसलमानों से माफी मांगता हूं. मुझे माफ कर दो गलती हो गई." इस क्लिप में नीचे की तरफ नीतीश कुमार द्वारा हिजाब खींचने का वास्तविक विजुअल मौजूद है.
फेसबुक पर एक यूजर ने क्लिप को शेयर करते हुए लिखा, 'नीतीश कुमार ने मुसलमानों से मांगी माफी.' (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगी है
हमने हिजाब विवाद के ऊपर नीतीश कुमार द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए बयानों की तलाश की. हमें वायरल दावे का समर्थन करने वाली कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. एबीपी न्यूज के एक वीडियो में देखा जा सकता है कि रिपोर्टर के हिजाब खींचने और माफी मांगने वाले सवाल पर नीतीश कुमार कोई जवाब नहीं दे रहे हैं.
वायरल वीडियो फेक है
वीडियो को देखने पर स्पष्ट समझ आता है कि यह वास्तविक नहीं है. हमने यह भी गौर किया कि वीडियो में आ रही आवाज नीतीश कुमार की मूल आवाज से बिल्कुल अलग है, जो इशारा करती है कि वीडियो को शायद एआई के इस्तेमाल से क्रिएट किया गया है.
वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने यह भी पाया कि संभवतः इसे नीतीश कुमार के एक फाइल फोटो की मदद से बनाया गया है. यह फाइल फोटो नीतीश कुमार से संबंधित कई न्यूज रिपोर्ट्स में मौजूद है. यहां, यहां और यहां देखें.
एआई डिटेक्टर टूल्स ने की पुष्टि
जांच के लिए हमने वीडियो को एआई डिटेक्टर टूल Hivemoderation और DeepFake-O-Meter पर चेक किया. Hivemoderation ने 86.8 प्रतिशत स्कोर के साथ इसमें एआई जनित या डीपफेक कंटेंट मौजूद होने की संभावना जताई.
DeepFake-O-Meter के ज्यादातर मॉडल्स ने भी संकेत दिया कि वीडियो और इसकी आवाज एआई जनरेटेड है. इसके लिप-सिंक्ड डीपफेक डिटेक्शन मॉडल ने इसे 92.7 प्रतिशत फेक बताया, जिससे संकेत मिलता है कि वीडियो की आवाज होंठों के मूवमेंट से मेल नहीं खाती यानी इसके साथ छेड़छाड़ की गई है.
पुष्टि के लिए हमने आवाज को डीपफेक वॉयस डिटेक्टर टूल Hiya पर भी चेक किया. Hiya ने इसकी आवाज को 1/100 का ऑथेंटिसिटी स्कोर दिया, जो इसके डीपफेक होने की स्पष्ट संभावना को दर्शाता है.


