साल 2011 की एक परेशान कर देने वाली वीडियो क्लिप वायरल है. इसमें एक घरेलु नौकरानी पानी से भरे ड्रम में पेशाब कर उसे गन्दा कर रही है. नेटिज़ेंस फ़र्ज़ी तरीके से इस वीडियो को सांप्रदायिक कोण देकर महिला को मुस्लिम बता रहे हैं.
बूम ने पाया कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से सम्बंधित नहीं थी. यह मामला भोपाल में 2011 में हुआ था.
यह वीडियो एक कैप्शन के साथ वायरल है जिसमें लिखा है: "भोपाल में मुकेश सूरी जी ने 'हसीना' नामक मुस्लिम नौकरानी को काम पर रखा और नौकरानी ने अपने इस्लामी मज़हब के अनुसार आचरण करना शुरू कर दिया!! अपने थूक और पेशाब से बना कर खिलाती थी खाना!"
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वायरल वीडियो में एक न्यूज़ एंकर ख़बर पढ़ते नज़र आ रही है. वीडियो में सीसीटीवी फुटेज दिखाई जाती है जिसमें महिला पेशाब करते हुए नज़र आती है.
ऐसी कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.
वीडियो ट्विटर पर भी तेज़ी से वायरल हो रहा है.
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फ़ैक्ट चेक
वीडियो में ऊपरी बायीं ओर टाइम और डेट स्टाम्प दिख रहा है. इससे पता चलता है कि वीडियो 27 अक्टूबर 2011 को फ़िल्माया गया है. बूम ने इसके बाद कीवर्ड्स खोज कर उस वक़्त की न्यूज़ रिपोर्ट्स खंगाली.
हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया और दैनिक जागरण की रिपोर्ट्स मिली जिसमें इस घटना के बारे में बताया था. दोनों ही रिपोर्ट्स में आरोपी का नाम आशा कौशल बताया गया है.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक़, "जागरण ब्यूरो, भोपाल: राजधानी में एक घरेलू नौकरानी की ऐसी हरकत सामने आई है, जिसे सुनकर हर कोई स्तब्ध है. एक आर्कीटेक्ट की नौकरानी खाने में पेशाब मिलाकर पूरे परिवार को खिला रही थी. क्लोज सर्किट टीवी कैमरे से पकड़ में आई नौकरानी ने उलटे आरोप लगा दिया है कि घर मालिक उसकी नातिन पर गलत नजर रखते थे, इसलिए उसने ऐसा किया."
रिपोर्ट आगे कहती है, "रविवार शाम पकड़ में आई आशा कौशल नामक यह 55 वर्षीय महिला सोमवार को जमानत पर रिहा भी हो गई. सुरेंद्र गार्डन में रहने वाले मुकेश सूरी इंटीरियर डेकोरेशन एजेंसी संचालित करते हैं. काम के सिलसिले में वे अक्सर बाहर रहते हैं. चार दिन पहले उनकी पत्नी ने बताया कि कुछ दिनों से किराने का सामान जल्दी खत्म हो रहा है. उन्हें नौकरानी पर शक हुआ. इसके लिए उन्होंने किचन समेत पूरे घर में चार सीसीटीवी कैमरे लगवाए."
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक़ आशा ने पुलिस से कहा था, "उसका कहना है कि वह अपनी 20 वर्षीय नातिन को भी काम कराने के लिए लेकर आती थी, तो उस पर गलत नजर रखी जाती थी."
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने, हालांकि, अपनी रिपोर्ट में नातिन की जगह आशा की 'बेटी' लिखा है.
यही वीडियो हमें फेसबुक पर 2015 में पोस्ट किया हुआ भी मिला.
बूम ने यही वीडियो को यूट्यूब चैनल जनसंदेश न्यूज़ पर भी 17 अक्टूबर 2011 को अपलोड किया हुआ पाया.