बेंगलुरु में बीते दिनों 21 सितंबर 2024 को एक महिला की जघन्य हत्या का मामला सामने आया. बेंगलुरु पुलिस को विनायक नगर में रहने वाली महालक्ष्मी नाम की एक 29 वर्षीय महिला का क्षत-विक्षत शव घर में रखे फ्रिज के अंदर टुकड़ों में मिला था.
इस मामले में पुलिस की तरफ से आधिकारिक जानकारी आने से पहले ही कई मीडिया आउटलेट और सोशल मीडिया यूजर्स (Trigger Warning) ने हत्या के आरोपी अशरफ नाम के एक व्यक्ति को बताते हुए मामले को सांप्रदायिक रंग दिया.
दरअसल महालक्ष्मी के अलग हो चुके पति हेमंत दास ने आरोप लगाया था कि महालक्ष्मी के साथ अशरफ का एक्सट्रा मैरिटल अफेयर था. इसके अलावा उसके अशरफ के ही आरोपी होने का शक जताया था. इसी आरोप के आधार पर कई मीडिया आउटलेट ने भ्रामक और सनसनीखेज हेडिंग के जरिए मामले को सांप्रदायिक रंग दिया.
टीवी चैनल न्यूज18 के एंकर अमन चोपड़ा ने दिल्ली के श्रद्धा वॉकर हत्याकांड से इसकी तुलना करते हुए ऑनएयर कहा, "यह दिल्ली में श्रद्धा वाकर हत्याकांड जैसा मामला है. पिछले मामले में आफताब था, इस वाले में परिवार वाले अशरफ पर आरोप लगा रहे हैं."
गौरतलब है कि 18 मई 2022 को दिल्ली में श्रद्धा वॉकर की उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने हत्या कर दी थी.
लाइव हिंदुस्तान ने 23 सितंबर 2024 की अपनी न्यूज रिपोर्ट की हेडलाइन कुछ ऐसी लिखी, "अशरफ कर गया महालक्ष्मी के 30 टुकड़े में; बेंगलुरु कांड की खौफनाक कहानी, सरकार भी घिरी". खबर में इंडिया टुडे से हेमंत दास की बातचीत का हवाला दिया गया. दैनिक जागरण ने अपनी रिपोर्ट की हेडिंग में लिखा, "अशरफ ने किए थे महालक्ष्मी के 30 टुकड़े! क्या है बेंगलुरु हत्याकांड की कहानी का सच? NCW ने पुलिस से तीन दिन में मांगी रिपोर्ट"
दक्षिणपंथी मीडिया आउटलेट पांचजन्य ने भी एक्स पर पोस्ट कर ऐसा ही दावा किया.
फैक्ट चेक
बेंगलुरु महालक्ष्मी मर्डर केस का मुख्य आरोपी मुक्तिरंजन रॉय है
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए बेंगलुरु पुलिस से संपर्क किया. बेंगलुरु के डीसीपी (सेंट्रल) शेखर एच टेककन्नावर ने बूम से पुष्टि की कि मामले का मुख्य आरोपी मुक्तिरंजन रॉय है जिसने वारदात को अंजाम दिया है.
मोहम्मद अशरफ का नाम सामने आया था, लेकिन जांच के बाद हमने पाया कि उसकी कोई भूमिका नहीं थी. मामले का मुख्य आरोपी मुक्तिरंजन रॉय ही है, जिसने वारदात को अंजाम दिया है. - बेंगलुरु डीसीपी (सेंट्रल)
इस मामले में 25 सितंबर को पुलिस को ओडिशा के भद्रक इलाके में एक व्यक्ति की पेड़ से लटकी हुई लाश मिली. मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने मृतक की पहचान मुक्तिरंजन रॉय के रूप में की. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और रिपोर्ट आने के बाद लाश को परिवार को सौंप दिया.
पुलिस को एक सुइसाइड नोट भी मिला, जिसमें मुक्ति रंजन ने कबूल किया था कि उसने बेंगलुरु में महालक्ष्मी नाम की एक महिला की हत्या की थी. इसके बाद उसने शव के टुकड़े कर उन्हें फ्रिज में रखा था.
पुलिस के अनुसार, महालक्ष्मी मल्लेश्वरम में एक कॉस्ट्यूम स्टोर में टीम लीडर के रूप में काम करती थीं और विनायक नगर में व्यालिकावल में एक किराए के घर में अकेली रहती थीं. उसकी मां मीना राणा द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद उसकी खोज की गई. शुरुआती जांच से पता चला कि हत्या लगभग 15 दिन पहले हुई थी. शरीर को टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रखा गया था.
जांच के दौरान ही बेंगलुरु पुलिस को पता चला कि महालक्ष्मी और उनके पति हेमंत दास आपसी विवाद के चलते पिछले कई महीनों से अलग रह रहे थे. मृतका के भाई ने पुलिस को बताया कि 4 सितंबर से महालक्ष्मी से संपर्क नहीं हुआ है. पुलिस के अनुसार, महालक्ष्मी और मुक्तिरंजन रॉय एक ही मॉल में काम करते थे और 2023 से दोस्त थे.
पुलिस को महालक्ष्मी से जुड़े विभिन्न लोगों (उनके पति, सहकर्मी और अन्य लोगों) से पूछताछ करने पर पता चला कि मुक्तिरंजन रॉय अपने बेंगलुरु स्थित आवास से लापता हैं. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने मुक्तिरंजन रॉय के भाई संपर्क किया, जिसने पुलिस को बताया कि मुक्तिरंजन रॉय ने महालक्ष्मी की हत्या की बात कबूल की थी.
पुलिस के पकड़ने से पहले आरोपी ने की आत्महत्या
भद्रक एसपी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बेंगलुरु पुलिस की एक टीम हत्या की जांच के लिए यहां आई थी. टीम ने बताया था कि मुख्य आरोपी भद्रक से है लेकिन पुलिस की पकड़ में आने से पहले ही उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु पुलिस के एक अधिकारी ने सुइसाइड नोट के हवाले से दावा किया कि मुक्तिरंजन रॉय को अपने किए पर पछतावा है. "मुक्तिरंजन के भाई ने भी पुष्टि की कि वह गुस्सैल था. हमारी जांच भी इस बात की ओर इशारा करती है कि महालक्ष्मी के साथ उसके रिश्ते में कुछ इश्यू थे, दोनों के बीच लगातार लड़ाई और झगड़ा होता था."
(बूम की साथी हेरा रिजवान की अतिरिक्त रिपोर्टिंग के साथ)