बांग्लादेशी एक्टिविस्ट का क्रॉप्ड वीडियो सोशल मीडिया पर इस गलत दावे से वायरल है कि वहां हिंदुओं को देश छोड़ने के लिए सात दिन का अल्टिमेटम दिया गया है.
बूम ने पाया कि वीडियो में दिख रहा शख्स बांग्लादेशी कार्यकर्ता सैफुद्दीन मोहम्मद इमदाद है. उनके भाषण के ब्रीफ वर्जन को देखने से पता चला कि वह बांग्लादेश में मौजूद अवामी लीग पार्टी के समर्थकों और बचे हुए सदस्यों को देश छोड़ने की धमकी दे रहे थे.
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में शेख हसीना के देश छोड़ने और अवामी लीग की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं. वहीं स्थानीय न्यूज वेबसाइट के अनुसार, दुर्गा पूजा का आयोजन करने के लिए बांग्लादेशी हिंदुओं से कथित तौर पर 5 लाख टका का भुगतान करने के लिए कहा गया है.
वायरल वीडियो में एक जनसभा के दौरान शख्स बांग्ला में मंच से चेतावनी देते हुए कहता नजर आ रहा है, "अगर हमें उनके मुकदमे के लिए सड़कों पर उतरना पड़े, तो हम फिर से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. वे अभी भी साजिश रच रहे हैं, मुझे नहीं पता कि आपको पता है या नहीं. कभी हिंदुओं के नाम पर, कभी अल्पसंख्यकों के नाम पर, कभी चटगांव प्रेस क्लब और तथाकथित पत्रकारों के नाम पर."
शख्स आगे कहता है, "मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं, देर मत करो और बहाने मत बनाओ. अपनी दुम मोड़ो और देश से भाग जाओ. तुरंत देश से भाग जाओ. तुरंत देश छोड़ दो. तुम्हारे पिता चले गए, तुम्हारे भाई चले गए, शेख हसीना चली गई. खिलवाड़ मत करो, मैं तुम्हें चेतावनी देता हूं. मैं तुम्हें एक हफ्ते का अल्टीमेटम देता हूं. एक हफ्ते का अल्टीमेटम और फिर हम तुम लोगों से निपट लेंगे. जब तक हम ज़िंदा हैं, हम तुमसे निपट लेंगे."
वीडियो शेयर करते हुए एक एक्स यूजर ने लिखा, 'बांग्लादेश में हिंदुओं को 7 दिन के अंदर देश छोड़ने का अल्टिमेटम दिया जा रहा है. मंच से कहा जा रहा है- तुम्हारे पिता चले गए हैं, तुम्हारी चाची डर गई हैं, तुम भी निकाल जाओ.'
फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वीडियो वायरल है. आर्काइव लिंक
इंग्लिश न्यूज आउटलेट एशियानेट ने वायरल वीडियो के आधार पर 30 सितंबर 2024 को स्टोरी प्रकाशित की.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो को लेकर बांग्लादेश में हिंदुओं को 7 दिन के अल्टिमेटम के दावे को बूम की जांच में गलत पाया गया. वीडियो में दिख रहा शख्स सैफुद्दीन मोहम्मद इमदाद है जो शेख हसीना की सरकार और उसके सहयोगियों के खिलाफ बयान दे रहे हैं.
बांग्लादेशी एक्टिविस्ट मोहम्मद इमदाद का वायरल वीडियो अधूरा है
बूम ने वायरल वीडियो की जांच के लिए इनविड टूल की मदद से कीफ्रेम लेकर गूगल लेंस पर सर्च किया. इस दौरान हमें एक्स पर एक यूजर के पोस्ट पर 3 अक्टूबर 2024 को किया गया रिप्लाई मिला, जिसमें वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे को गलत बताया गया. पोस्ट में बताया गया कि वीडियो में दिख रहा शख्स सैफुद्दीन मोहम्मद इमदाद है जिन्होंने बांग्लादेश में जुलाई महीने में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और पुलिस की फायरिंग में दोनों आंखों की रोशनी गंवा दी थीं.
इस पोस्ट में भाषण में 'हिंदू' शब्द के इस्तेमाल को भी स्पष्ट किया गया है. इसमें बताया गया कि बांग्लादेश में 'हिंदू प्रोटेस्ट' भी हुआ था और इसके संदर्भ में इमदाद ने अपने भाषण में उल्लेख किया कि वह हिंदुओं के रूप में अवामी लीग के लोग थे, जिससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता था."
यहां से हिंट लेकर बांग्ला कीवर्ड सर्च करने पर हमें यूट्यूब वीडियो का लिंक मिला. जुनैद अब्दुल्लाह नाम के चैनल से 28 सितंबर 2024 को अपलोड किए गए वीडियो के टाइटल के अनुसार, जुलाई क्रांति के शहीद परिवारों और सेनानियों के स्मरणोत्सव और सांस्कृतिक संध्या में इमदाद भाई का भाषण (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)
यह कार्यक्रम बिकिरन चटगांव महानगर की ओर से शिरीष तोला, सीआरबी में आयोजित किया गया था. सात मिनट के भाषण का यह वीडियो वायरल क्लिप से अलग एंगल में शूट किया गया था. बूम ने पूरे वीडियो को गौर से देखा और पाया कि इसमें 5.56 मिनट से 7 मिनट तक का हिस्सा वायरल हो रहा है.
अवामी लीग के सदस्यों और सहयोगियों पर था निशाना
हमने पाया कि इमदाद अपने भाषण में शेख हसीना और अवामी लीग के समर्थकों को लेकर बात कर रहे हैं. 4:36 मिनट पर वह कहते हैं, "तानाशाह के दोस्त अभी भी गलियों में घूम रहे हैं. वे क्यों घूम रहे हैं? मुझे इसका जवाब चाहिए. उनमें इतनी हिम्मत कैसे आई?"
इमदाद आगे आरोप लगाते हुए कहते हैं, "वे हथियारबंद थे और चटगांव के बोहोडोर हाट में न्यू मार्केट में छात्रों को गोली मार दी. वे अभी भी खुलेआम क्यों घूम रहे हैं? पुलिस कहां है? मेरा देश कहां है? सेना अपनी शक्ति का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है? क्या हमें फिर से संघर्ष करना होगा? बीमार शरीरों के साथ सड़कों पर जाना होगा? लाठी पकड़नी होगी? रैलियां आयोजित करनी होंगी? फिर से नारे लगाने शुरू करने होंगे? मैं फिर से विरोध नहीं करना चाहता. मैं हत्यारों को जेल में देखना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि उन्हें तुरंत दोषी ठहराया जाए."
इसके बाद, 5:56 मिनट से वायरल हिस्सा शुरू होता है. पूरा भाषण सुनने के बाद स्पष्ट है कि बांग्लादेशी कार्यकर्ता अवामी लीग के सदस्यों और समर्थकों का जिक्र कर रहे थे. वह उन पर हिंदुओं, अल्पसंख्यकों, पत्रकारों के भेष में छिपने और देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा रहे थे.
सृजनी चक्रवर्ती की अतिरिक्त रिपोर्टिंग के साथ