हनुमान की आरती करते ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. यूजर इसे वास्तविक समझते हुए सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो एआई जनरेटेड है. एआई डिटेक्टर टूल Deepfake-O-Meter और Hive Moderation के मुताबिक इस वीडियो के एआई से बने होने की संभावना 86 प्रतिशत से अधिक है.
गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी ने 6 दिसंबर को इतिहास का काला दिन बताया था. उन्होंने कहा था कि 1992 में जो बाबरी मस्जिद पुलिस की मौजूदगी में गिराई गई थी वो कानून के शासन का सीधा उल्लंघन था. साल 1992 में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अयोध्या की विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण और मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन आवंटित करने का फैसला सुनाया था.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (आर्काइव लिंक), इंस्टाग्राम (आर्काइव लिंक) और एक्स (आर्काइव लिंक) पर यह वीडियो वायरल है.
पड़ताल में क्या मिला:
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए इससे संबंधित मीडिया रिपोर्ट सर्चं की, लेकिन हमें इस वीडियो की पुष्टि करने वाली कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली.
वायरल वीडियो AI जनरेटेड
वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें इसके एआई जनरेटेड होने का संदेह हुआ. बूम ने वीडियो की पड़ताल के लिए एआई डिटेक्टर टूल Deepfake-O-Meter और Hive Moderation पर इसे चेक किया तो पाया कि यह वीडियो एआई जनरेटेड है.
Hive Moderation के अनुसार यह वीडियो 99 प्रतिशत तक एआई जनरेटेड है.
वहीं Deepfake-O-Meter के AltFreezing (2023) मॉडल के मुताबिक यह वीडियो 96 प्रतिशत तक फेक है और संभावित तौर पर एआई जनरेटेड है.


