HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

अमेरिकी कार्टूनिस्ट बेन गैरिसन के नाम से वायरल इस कार्टून को किसने बनाया है?

बूम ने पाया कि वायरल कार्टून के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है. इस कार्टून को असम के कार्टूनिस्ट अमल मेधी ने बनाया है, जिसे फ़ोटोशॉप करके अमेरिकी कार्टूनिस्ट बेन गैरिसन से जोड़कर शेयर किया गया है.

By - Mohammad Salman | 11 May 2021 1:06 PM GMT

सोशल मीडिया पर एक कार्टून (Cartoon) काफ़ी ज़्यादा वायरल है. इस कार्टून के साथ दावा किया जा रहा है कि इसे अमेरिका के मशहूर राजनीतिक कार्टूनिस्ट बेन गैरिसन (Ben Garrison) ने बनाया है. कार्टून के माध्यम से तंज कसा गया है कि देश के प्रसाधनों का लाभ केवल उन लोगों को प्राप्त होता है जो सत्तारूढ़ दल का समर्थन करते हैं.

बूम ने पाया कि वायरल कार्टून के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है. इस कार्टून को असम के कार्टूनिस्ट अमल मेधी (Amal Medhi) ने बनाया है, जिसे फ़ोटोशॉप करके अमेरिकी कार्टूनिस्ट बेन गैरिसन से जोड़कर शेयर किया गया है.

पूर्व CJI रंजन गोगोई के नाम से वायरल इस ट्वीट का सच क्या है?

कार्टून में, एक गाय, जिसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रूप में चित्रित किया गया है और पत्ती भारतीय मानचित्र का प्रतीक है. इस बीच गाय के मलमूत्र को एक कंटेनर में एकत्रित करते दिखाया गया है जो भारतीय लोगों का प्रतीक है, जबकि दूध एक कटोरे में गिरता है, जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी और उनकी पार्टी के सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता है. एक टेक्स्ट कार्टून पर लिखा है, "अमेरिकी कार्टूनिस्ट बेन गैरीसन द्वारा अद्भुत कार्टून."

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

Full View


कोरोना संकट: नाइट्रोजन प्लांट से आखिर कैसे होगा ऑक्सीजन का प्रोडक्शन?

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल कार्टून के साथ किये जा रहे दावे की वास्तविकता जानने के लिए अमेरिकी कार्टूनिस्ट बेन गैरीसन से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने ऐसा कोई कार्टून बनाने से इनकार कर दिया. गैरिसन की टीम ने बूम को स्पष्ट किया, "यह बेन गैरिसन कार्टून नहीं है और बेन की कला शैली के जैसा भी नहीं है. बेन के सभी कार्टून grrrgraphics.com पर हैं और यदि आपको वह कार्टून यहां नहीं दिखता है, तो समझ लीजिये कि यह फ़र्ज़ी है."

हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए कार्टून को रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया तो यह कार्टून एक फ़ेसबुक पेज पर मिला, जो कार्टून का निर्माता है. हमने कार्टूनिस्ट अमल मेधी से संपर्क किया, जिन्हें बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हुआ कि उनका 'मेक इन इंडिया' कार्टून फिर से सोशल मीडिया पर घूम रहा है.

उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि यह मेरा मेक इन इंडिया कार्टून है जिसे कई राजनीतिक दलों द्वारा एक अभियान के तहत कई बार फोटोशॉप किया गया है. यह एक कार्टून था जिसे मैंने 2015 में  बनाया और फ़ेसबुक पर पोस्ट किया था. मैंने इसे किसी अख़बार के साथ शेयर नहीं किया. ना ही मैंने इसे किसी पत्रिका के लिए उपयोग किया है, "मेधी ने स्पष्ट किया.

ओरिजिनल कार्टून नीचे देखें.

Full View

हालांकि, मेधी ने कॉपीराइट उल्लंघन के लिए कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी है, लेकिन उनका कहना है कि उनकी रचना के बार-बार दोहराए जाने के कारण वो "थक गए" हैं.

धरने पर बैठे डॉ हर्षवर्धन की पुरानी तस्वीर क्यों हो रही है वायरल?

Related Stories