उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में हार के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के एक कथित ट्वीट (Tweet) का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल है. इस ट्वीट में अखिलेश यादव सपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए कहते हुए हैं कि रैलियों में सपाई केवल दारू मुर्गा के लिए आते थे. रैलियों में इतना ज़्यादा जनसैलाब देखकर वो बहक गए थे. सोशल मीडिया यूज़र्स इस वायरल ट्वीट को असल मानकर ख़ूब शेयर कर रहे हैं.
बूम ने पाया कि अखिलेश यादव के नाम से वायरल यह ट्वीट असल में फ़ेक है.
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वायरल ट्वीट में लिखा है, "रैलियों में इतनी ज़्यादा सैलाब देखकर मैं बहक गया था, मुझे लगा इस बार हम 400+ सीटें जीतेंगे परंतु मुझे नहीं मालूम था की ये सपाई कार्यकर्ता सिर्फ़ फ़्री दारु मुर्गा खाने आते थे शर्मनाक."
फ़ेसबुक पर ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "और चमचे भाजपा की रैली की भीड़ देखकर कहते थे कि पैसा और दारू पर आई भीड़ है देखो चमचे तुम्हारा बाप खुद ही आज कबूल रहा है।आगे से ध्यान देना थेथरई मत करो कोई पूछने वाला नही रहेगा तुम लोगो को। राष्ट्रवाद से नाता जोड़ो और मोदी,योगी के साथ चलो."
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एक अन्य यूज़र ने कैप्शन दिया, "समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता केवल दारू मुर्गा खाने आंतें है"
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि अखिलेश यादव के नाम से यूपी चुनाव में हार के लिए सपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाता वायरल ट्वीट असल में फ़ेक है.
हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल ट्वीट में यूज़रनेम @yadavakalesh है और नाम AkalLesh yadav लिखा है, जबकि अखिलेश यादव के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का यूज़रनेम @yadavakhilesh है. और नाम Akhilesh Yadav है.
वायरल ट्वीट में देखा जा सकता है कि ट्वीट की तारीख़ 11 मार्च और समय 09:16 AM है. हमने अखिलेश यादव के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जाकर चेक किया. हमने पाया कि उस दिन उन्होंने दो ट्वीट किये थे. हमें वायरल ट्वीट जैसा कोई ट्वीट नहीं मिला.
जिस हैंडल (@yadavakalesh) से ट्वीट किया गया था, हमने उसे ट्विटर पर सर्च किया तो अकलेश यादव नाम का ट्विटर हैंडल मिला. इस हैंडल से केवल 4 ट्वीट किये गए हैं. और इसे 2017 में बनाया गया था. इस हैंडल से आख़िरी ट्वीट 2017 में ही किया गया था. हालांकि, इस हैंडल के नाम की स्पेलिंग्स वायरल ट्वीट में दिखाई पड़ने वाले हैंडल के नाम से मेल नहीं खातीं.
हमने पाया कि वायरल ट्वीट में एंड्रॉयड से ट्वीट किया नज़र आ रहा है, जबकि 11 मार्च 2022 को अखिलेश यादव के आधिकारिक हैंडल से आईफोन द्वारा ट्वीट किए गए हैं.
हमने वायरल ट्वीट और अखिलेश यादव द्वारा 11 मार्च को किये गए एक ट्वीट के बीच तुलनात्मक विश्लेषण किया है. नीचे देखें.
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने सपा प्रवक्ता मनोज सिंह काका से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि यह ट्वीट फ़ेक है.
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