क्या 142 सीटों पर फिर से होंगे चुनाव? फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल ग्राफ़िक के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है.
सोशल मीडिया पर एक ग्राफ़िक वायरल है जिसके मुताबिक़ चुनाव आयोग ने ईवीएम (EVMs) बदले जाने की बात मानी है और अब 142 सीटों पर फिर से चुनाव होंगे और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन सकती है.
बूम ने पाया कि वायरल ग्राफ़िक के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है.
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वायरल ग्राफ़िक पर न्यूज़ 24 चैनल के पत्रकार संदीप चौधरी की तस्वीर है और उसपर लिखा है, "चुनाव आयोग ने कबूला EVM बदले जाने की बात. 142 सीटों पर फिर होने चुनाव. छिन सकती है योगी से मुख्यमंत्री की कुर्सी"
इस ग्राफ़िक को फ़ेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में लिखा, "पलट सकती हैं up मे बाजी मुख्यमंत्री बन सकते है अखिलेश यादव. आप सब डेट रहो."
पोस्ट यहां देखें.
एक अन्य यूज़र ने इसी ग्राफ़िक के साथ कैप्शन में लिखा कि "हरिद्वार के भी होने चाहिए चुनाव द्वारा क्योंकि मदन कौशिक ने किया घपला."
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने संबंधित कीवर्ड के साथ सर्च किया तो हमें वायरल ग्राफ़िक नेशन टीवी नाम के यूट्यूब चैनल पर 13 मार्च को अपलोड हुए एक वीडियो में बतौर थम्बनेल मिला.
वीडियो की शुरुआत में एक ऑडियो क्लिप है. इसमें दो लोग ईवीएम को लेकर चर्चा करते सुने जा सकते हैं. और उसके बाद वॉयस ओवर चलता है.
हमने पूरा वीडियो चलाया और पाया कि पूरे वीडियो में कहीं भी वो न्यूज़ एंकर दिखाई नहीं देता जिसकी तस्वीर वायरल थंबनेल में है. हमने पाया कि वायरल थम्बनेल में जो तस्वीर दिखाई देती है वो न्यूज़24 के एंकर संदीप चौधरी की है.
हमें नेशन टीवी के यूट्यूब चैनल पर ऐसे ही तमाम वीडियो मिले जिनके थम्बनेल पर रवीश कुमार और संदीप चौधरी जैसे वरिष्ठ पत्रकारों की तस्वीर के साथ भ्रामक ग्राफ़िक्स मिले.
इसके बाद हमने वायरल ग्राफ़िक में किये गए दावे की सत्यता जांचने के लिए मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली. हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो.
13 मार्च 2022 को प्रकाशित एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, 20-21 मार्च को योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.
इसके अलावा भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर भी वायरल दावे से जुड़े किसी आदेश के बारे में जानकारी नहीं मिली.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय विभाग की ओर से चलाए जा रहे पीआईबी फ़ैक्ट चेक के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट में वायरल दावे का खंडन किया गया है.