भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने भारत में इंटेलिजेंस के काम के लिए मुसलमानों से ज्यादा हिंदुओं को भर्ती किया है.
बूम ने जांच में पाया कि अजीत डोभाल की यह वीडियो क्लिप उनके 11 साल पुराने एक लेक्चर की है. उन्होंने 11 मार्च 2014 को ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट के एक कार्यक्रम में यह बात कही थी.
सोशल मीडिया पर क्या है दावा?
एक्स पर एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘भारत में ISI के जासूसी नेटवर्क ने मुसलमानों से ज्यादा हिंदुओं को भर्ती किया है: अजीत डोभाल, मोदी सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार.’ फेसबुक पर भी इसी दावे से यह वीडियो (आर्काइव लिंक) वायरल है.
पड़ताल में क्या मिला:
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो को गूगल लेंस और संबंधित कीवर्ड से सर्च किया तो पाया कि यह वीडियो 11 मार्च 2014 को हुए Australia India Institute के एक कार्यक्रम के दौरान का है.
हमें Australia India Institute के यूट्यूब चैनल पर 20 मार्च 2014 को शेयर किया गया 'Ajit Doval: The Challenge of Global Terrorism' टाइटल वाला यह वीडियो (आर्काइव लिंक) भी मिला.
इस पूरे वीडियो में अजीत डोभाल वैश्विक आतंकवाद की चुनौती और उससे निपटने की रणनीतियों से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रख रहे हैं. वीडियो में 1:04:02 के 1:04:30 के टाइमफ्रेम के बीच इस वायरल वीडियो वाले हिस्से को सुना जा सकता है.
वह कहते हैं, "अब मैं आपको एक छोटी सी बात बताता हूं, पाकिस्तान की ISI ने इंटेलिजेंस के लिए भारत से जितने लोगों को भर्ती किया है उसमें मुस्लिमों से अधिक हिंदूओं की संख्या है. ऑफिशियल सीक्रेट से जुड़े 1947 से लेकर अब तक जो केस दर्ज हुए हैं उन सभी 4,000 से अधिक मामलों में 20% से भी कम मुस्लिम हैं."


